RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही- एक ही दिन में?
राज- हाँ ऐसा लग ही नहीं रहा हमें दोस्त बने हुए सिर्फ एक दिन हुआ है। मुझे तो लगता है जैसे मैं तुमको बरसों से जानता हूँ, और अपनी कल्पना से तुम्हारी तस्वीर भी दंख चुका हूँ।
आरोही- अच्छा जी.. तुम्हारी कल्पना में मैकसी दिखती हूँ? क्या मुझे बताओगे?
राज- क्यों नहीं प्यारा सा मासूम चेहरा, हल्के सुनहरे बाल जो कभी-कभी चेहरे पर अपना प्यार बिखेरते रहते हैं, और काली-काली आँखों में काजल की लंबी सी डोरी। अफफ्फ... कितनी प्यारी लगती हो। और दो गुलाब की कलियों के समान होंठ इस चेहरे को और खूबसूरत बनाए हुए हैं, जिनके ऊपर एक छोटा सा तिल जो दुनियां बालों की बुरी नजरों से तुमको हमेशा बचाए रखें।
आरोही- तुमको कैसे पता मेरे होठों के ऊपर एक तिल है?
राज- ये तो मेरी कल्पना है।
आराही- अच्छा?
राज- आरोही एक बात बताओगी?
आरोही- क्या? ‘
राज- लोव मॅरेज या अरेंज मैरेज, किसको सही मानती हो?
आराही- अरे ये सवाल तो आज मैं अपने भाई से कर रही थी।
राज- अच्छा ।
आरोही- हाँ... तुमको कौन सी सही लगती है।
राज- मुझे तो अरेंज मैरेज ही सही लगती है। माँ बाप अपने बच्चों के लिए हमेशा अच्छा ही करते हैं।
आरोही- हाँ बा तो हैं। मगर जिसे कभी देखा नहीं, बात नहीं की, उसके साथ पूरी जिंदगी बितानी पड़ती है। क्या पता वो हमें पसंद ना आए, या एक दूसरे की पसंद ना मिलें? फिर पूरी जिंदगी क्या समझौते के सहारे गुजारेंगे?
गराज- हाँ ये तो है। मगर शादी से पहले किसी के साथ घूमना, मबी देखना, में भी तो गलत है।
आरोही- गलत क्यों है?
राज- अगर लड़के लड़की एक साथ घूमते फिरते हैं, तो गलत रास्ते पर भी चलने लगते हैं।
आरोही- गलत रास्ता... तुम कहना नया चाह रहे हो राज?
राज- मेरा मतलब सेक्स में है। अगर लड़के लड़की एक साथ घूमते फिरते हैं, अकेले रहते हैं, तो शादी से पहले सेक्स तक पहुँच जाते हैं।
आरोही ये सुनकर कुछ जवाब नहीं देती।
राज- क्या हुआ आरोही, मेरी बात का बुरा तो नहीं लगा?
आरोही- "नहीं ऐसी बात नहीं है। मैं अब आफलाइन होती हैं, काफी देर हो गई है. और आगही आफलाइन हो जाती है।
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