RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही एकदम सुन्न रह जाती है की ये सब क्या हो गया? आरोही के दिल में राज के प्यार ने सपनों का महल बना लिया था। जो राज में एक ही झटके में चकनाचूर कर दिया। और आरोही की आँखों में आँस का सैलाब बह निकला।
थोड़ी देर बाद विशाल भी कपड़े चेंज करके ऊपर आरोही के रूम में आता है। आरोही राज के बारे में सोचते हए रोये जा रही थी। विशाल कब रूम में आ गया आरोही को इतना भी होश नहीं था।
विशाल आरोही को रोते हुए देखकर. "आरोही क्या हुआ तुझे?"
विशाल की आवाज़ सुन आरोही जैसे होश में आती है, और खड़े होते हुए खुद को नामल करने की कोशिश करती है- "भैया आप..."
विशाल- क्या बात है आरोही क्यों रो रही थी?
आरोही- नहीं तो भैया, में कहा रो रही है?
विशाल- देख आरोही हम भाई बहन के साथ-साथ एक अच्छे दोस्त भी हैं। मुझे नहीं बतायेंगी क्या बात है?
आरोही एकदम टूट जाती है और आगे बढ़ कर विशाल के गले में लगकर फूट-फूटकर रो पड़ती है। विशाल भी आरोही के बालों में हाथ फेरते हुए आरोही को चुप कराने की कोशिश करता है। आरोही में शायद कमीज के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और विशाल ने भी काटन की हल्की सी शर्ट और लोवर पहनी हई थी, और आज विशाल ने लोवर के अंदर अंडरवेर भी नहीं पहना था।
आरोही की चूचियां विशाल को अपनी छाती में धंसती हुई महसूस होने लगी। चूचियों के निप्पल साफ-साफ विशाल को चुभ रहे थे। चूचियों की चुभन और आरोही का इस तरह लिपटना विशाल के लण्ड में झरझरी पैदा कर रहा था और लण्ड एक्दम से तनकर खड़ा हो गया। और इस वक़्त विशाल और आरोही की पोजीशन भी ऐसी थी की लण्ड एकदम चूत के सेंटर मेंथा।
विशाल खुद का बड़ा अनकंफर्टेबल महसूस करने लगा था। लण्ड था की बैठने की बजाय फूलता जा रहा था। विशाल को खुद पर बड़ा गुस्सा आता है की आज बिना अंडरवेर पहने क्यों आ गया? आरोही की हालत इस वक़्त ऐसी थी की विशाल चाहकर भी आगही को अपने से हटा नहीं सका। थोड़ी देर तक आरोही यही विशाल की बाँहों में सिसकती रही, और अब तक आरोही को भी अपनी चूत पर विशाल के लण्ड की चुभन महसूस होने लगी थी।
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