RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
विशाल- क्या इतना सब कुछ कहा राज ने? आरोही देख अगर ऐसा है तो राज अच्छा लड़का नहीं हो सकता। जो mशादी से पहले जीवनसाथी पर भरोशा नहीं कर सकता, उसके साथ कैसे पूरी जिंदगी गुजारती त? अगर कल मैं तुझे माल में नहीं मिलता, त तो हमको छोड़कर राज के साथ भाग जाती। कम से कम मुझसे तो कह देती।
आरोही को भी अपनी गलती का अहसास होने लगा। शायद विशाल सही कह रहा है। आरोही नजरें झुका कर विशाल में अपनी गलती की माफी मांगती है- "मारी भैया मुझे माफ कर दो.."
विशाल- "देख रो-रोकर कैसे अपनी आँखें सजा ली तने? चल आराम से सो जा इस बारे में सुबह बात करेंगे..."
और विशाल पलटकर जैसे ही नीचे जाने के लिए दरवाजे तक पहुँचता है।
आरोही विशाल को रोकते हए बोल पड़ती है- "भैया आज यहीं सो जाओं मेरे पास."
मगर विशाल के लण्ड में अभी तक लोवर में तंबू बनाया हवा था। ऊपर में आज विशाल ने अंडरवेर भी नहीं पहना था। जिस कारण विशाल आरोही के पास नहीं सो सकता था। विशाल आरोही से बोलता है- "आरोही मुझे अभी प्रैक्टिकल फाइल कंप्लीट करनी है। तुम आराम से सो जाओं सुबह बात करेंगे। ओके..."
आरोही- जी भैया।
विशाल- "गुड नाइट..." और विशाल ये बोलकर नीचे चला जाता है।
आरोही बिस्तर पर लेटे सोने की कोशिश करती है। मगर आरोही को विशाल का खयाल आने लगता है। आरोही को अपनी चूत पर विशाल के लण्ड की चुभन महसूस हो रही थी।
ये सोचकर आरोही की आँखें बंद हो जाती है, और चूत में खारिश होनी शुरू हो जाती है। आरोही अब तक अपने होश खो चुकी थी और आरोही का हाथ कब अपनी चूत पर पहुँच कर चूत की फांकों को सहलाने लगा। इसका होश भी आरोही को नहीं था।
|