RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही लाइट आफ करके विशाल के बराबर में बिस्तर पर लेट जाती है। अभी आरोही को लेटे हुए दो मिनट हए थे। आरोही बोली- "भैया मेरा एक काम कर दोगे?"
विशाल- क्या?
आरोही- नीचें फ़िज़ से पानी की बोतल ला दो। रात में मुझे प्यास लग जाती है।
भला विशाल कैसे मना करता- "अच्छा अभी लाया.." और विशाल पानी लेने नीचे पहँच जाता है।
आरोही के चेहरे पर मुश्कान दौड़ जाती है। फ़िज़ बिल्कुल मम्मी पापा के गम के पास रखा था। जैसे ही विशाल नीचे पहुँचता है विशाल को मम्मी के कराहने की आवाजें सुनाई दे जाती है। विशाल उत्सुकतावश दरवाजे से अपनी आँखें अंदर लगा देता है। अंदर का नजारा बड़ा ही सेक्सी था।
पापा ने मम्मी की चूत में अपना लण्ड डाला हुआ था, जो बड़ी स्पीड से अंदर-बाहर हो रहा था। विशाल आज पहली बार चुदाई होते देख रहा था, वो भी अपने मम्मी पापा की। और ये सब देखकर विशाल का लण्ड तनकर खड़ा हो चुका था। अफफ्फ... लण्ड की हालत इस वक़्त ऐसी हो रही थी की लण्ड लगातार फूलता जा रहा था। थोड़ी देर बाद विशाल ने अपनी पैंट की बेल्ट खोलकर लण्ड को बाहर निकालकर हाथ से सहलाना शुरू कर दिया।
ऊपर दरवाजे से आरोही को विशाल ये सब करता बिल्कुल क्लियर दिखाई दे रहा था। विशाल का सारा ध्यान अंदर मम्मी पापा की चुदाई में था। थोड़ी देर बाद पापा एकदम मम्मी के ऊपर धम्म से लटक जाते हैं।
विशाल को भी अपना होश आता है, और अपनी पैंट ऊपर करके पानी की बोतल लेकर ऊपर पहुँच जाता है। तब तक आरोही बिस्तर पर उल्टी साइड होकर लेट जाती है। विशाल ऊपर पहुँचकर पानी की बोतल टेबल पर रख देता है।
विशाल- आरोही सो गईं चाह ?
आरोही चुपचाप लेटी रहती है, जैसे बहुत गहरी नींद में हो। विशाल धीरे से आरोही के बराबर में लेट जाता है। अभी तक विशाल का लण्ड खड़ा हुआ था। मम्मी पापा की चुदाई देखकर विशाल का बुरा हाल था। लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। थोड़ी देर बाद जैसे ही विशाल करवट बदलता है, एकदम विशाल का लण्ड सीधा आरोही की गाण्ड से टच हो जाता है
उफफ्फ.. आँखें बंद किए आरोही को अपनी गाण्ड में लण्ड का अहसास हो जाता है, और आरोही के चेहरे पर मुश्कुराहट आ जाती है। विशाल को भी आरोही की मुलायम गाण्ड में लण्ड टच होने में बड़ा सकून मिलता है। विशाल का ऐसा दिल करता है की आरोही की कोली भरकर अपने लण्ड का पूरा दबाब गाण्ड पर डाल दे। मगर विशाल को आरोही के जागने का डर भी था, और विशाल इससे आगे बढ़ ना सका।
आरोही भी बस विशाल का लण्ड अपनी गाण्ड में महसूस करती हई सो गईं।
आज विशाल और आरोही के एग्जाम का रिजल्ट आने वाला था। आरोही की धड़कनें रात से ही रिजल्ट के मार्क को लेकर काफी बढ़ गई थी। जैसे ही विशाल मार्कसीट लेकर आता है, आरोही के चेहरे पर बेचैनी बढ़ जाती है, और आरोही विशाल का चेहरा पढ़ने की कोशिश करती है।
राजेश- बेटा विशाल, कैसा रहा तम दोनों का रिजल्ट?
विशाल पापा को दोनों की मार्कसीट पकड़ा देता है, और पापा दोनों की मार्कसीट देखने लगते हैं। मेरी बैंचेंजी बहुत बढ़ गई थी। राजेश के चेहरे पर मार्कसीट देखकर मुश्कान आ गईं।
राजेश विशाल को बधाई देते हुए. "शाबाश बेटा..."
सुमन- जरा मुझे भी दिखाना कितने मार्क है?
राजेश- "88% मार्क लाया है..." और विशाल की मार्कसीट सुमन को पकड़ा देता है। और फिर आरोही की मार्कसीट देखने लगता है।
आरोही अपने पापा का चेहरा पढ़ने की कोशिश कर रही थी।
राजेश- वाह मेरी बरची वाह... तने तो इस बार कमाल कर दिया।
सुमन- क्या हआ जी?
राजेश- आरोही के 92% मार्क आए हैं।
ये सुनकर आरोही की आँखों से खुशी के मारे आँसू निकल आते हैं और आरोही खड़ी होकर पापा के गले लग जाती है। और फिर सुमन भी दोनों बच्चों को अपने सीने से लगा लेती है।
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