RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
प्रिया- कौन बातायेगा? मैं तो ये बात किसी को नहीं बताऊँगी, और अजय भी ये बात किसी से नहीं कहेंगा।
आरोही को प्रिया की ये बातें कुछ सही भी लग रही थी। चलो इस तरह प्रिया का घर आबाद हो जायेगा। और फिर दोनों नींद की आगोश में सो जाती है।
सुबह घर में बहुत सारें मेहमान आ चुके थे। आज विशाल और आरोही को खूब बधाईयां मिल रही थी।
राजेश और सुमन को अपने बच्चों पर बड़ा फरब हो रहा था। आज की पार्टी बड़ी ही शानदार रही। सबने खूब एंजाय किया। पार्टी खतम होते-होते रात के 10:00 बज चुके थे। सभी मेहमान भी चले गये, और मम्मी पापा भी बुरी तरह थक कर अपने रूम में लेट चुके थे। विशाल भी ऊपर रूम में जाकर लेट चुका था।
आरोही थोड़ी देर नीचे काम में लगी रहती है। रात के लगभग 10:30 बज चुके थे। आरोही एक प्लेट में मिठाई लेकर ऊपर विशाल के पास पहुँचती है। आरोही ने इस वक़्त काटन का पिंक कुता सलवार बिना दुपटें और बिना ब्रा के पहना हुआ था। जिससे आरोही की चूचियों के निप्पलों की नोक पिक कुर्त में साफ-साफ उभरी हुई दिख रही थी। आरोही मिठाई की प्लेट लेकर रूम में पहुँचती है। विशाल बैंड पर लेटा अपने मोबाइल में कुछ देख रहा था।
आरोही- क्या कर रहे हों भैया?
विशाल- कुछ नहीं बस मेसेज़ पढ़ रहा था।
आरोही- भैया हम आपसे बहुत नाराज हैं। सबने हमें विश किया, एक आपने अभी तक हमको बधाई नहीं दी।
विशाल- ओह्ह... मेरी गुड़िया वाकई ये तो मुझसे बड़ी भूल हो गई।
आरोही- जाओं हम आपसे बात नहीं करते।
विशाल- अर अरे... मेरी प्यारी बहना कैसे हमसे नाराज हो गई? देखो रुठा ना करो, बात मेरी तो सुनो।
आरोही- हम ना बोलेंगे कभी। सताया ना करो।
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विशाल- "गुड़िया कब तक रूठी रहोगी कब तक ना हसोगी। देखो जी किरण सी लहराई। आई रे आई ये हसी आई..."
और एकदम आरोही के चेहरे पर हँसी आ जाती है।
विशाल दोनों हाथों से कान पकड़ता हआ- विशाल- हमका माफी दे दो हमसे भल हो गई।
आरोही विशाल के इस तरह कान पकड़ने से पिघल जाती है- "अच्छा जी.. चलो इस बार तुमको माफ करती हूँ.."
विशाल- "अब मैं अपनी प्यारी बहना को अपने हाथ में मिठाई खिलाता हैं.." और विशाल एक मिठाई का टुकड़ा उठाकर आरोही की तरफ करता हुआ- "बधाईया आरोही.. तुम्हें मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाईया.."
आरोही- भैया से कोई बधाई दी जाती है?
विशाल- फिर?
आरोही- "गले मिलकर सेलेब्रेट करो.." कहकरर आरोही विशाल का हाथ पकड़कर बैंड से नीचे खींच लेती हैं.."
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