RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
दोनों नीचे पहुँचते हैं। मम्मी नाश्ता बना चुकी थी। विशाल और आरोही भी आकर बैठ जाते हैं। तभी राजेश के फोन पर कंपनी से काल आती है और राजेश मोबाइल पर बात करने के बाद कहता है।
राजेश- "कंपनी के काम में 34 दिन के लिए मझें जम्म जाना पड़ रहा है..."
विशाल- कब जाओगे पापा?
राजेश- दो घंटे बाद निकलना है तुम मेरा एक काम करो। मार्केट से एक लोका, बनियान और एक तौलिया लें आओ।
विशाल- "जी पापा अभी लाया..." और विशाल मार्केट चला जाता है।
सुमन राजेश में बोलती है- "सुनो जी मेरी भी छुट्टियां चल रही है। क्या मैं भी आपके साथ चलू?" ।
राजेश- "ये तो मुझे मैनेजर साहब से पूछना पड़ेगा?" और राजेश अपने मैनेजर को फोन मिलाता है- "हेलो मैनेजर साहब, क्या मैं अपनी वाइफ को साथ ले जा सकता हैं?"
मैनेजर- "हाँ हाँ क्यों नहीं... राजेश बस हम दोनों को ही तो जाना है। मैं भी अपनी वाइफ को ले चलता है।
फिर राजेश फोन रखकर सुमन से बोलता है- "ठीक है तुम भी चली। जल्दी से तैयार हो जाओ.."
सुमन के चेहरे पर खुशी के मारे मुश्कान दौड़ जाती है- "आरोही बेटा, मैं चली जाऊँ, तुम दोनों को कोई प्राब्लम तो नही?"
आरोही- नहीं मम्मी, काई प्राब्लम नहीं। आप बेफिकर होकर जाइए। मैं सब संभाल लेंगी।
सुमन आरोही को गले से लगते हुए "ओह मेरी प्यारी बच्ची.." और फिर सुमन भी अपना सामान पैकिंग कर लेती है, इतने में दरवाजे पर डोर बेल बजती है।
आरोही दरवाजा खोलती है, तो विशाल लड़खड़ाता हुआ अंदर आता है।
आरोही- क्या हुआ भैया ऐसे लड़खड़ाकर क्यों चल रहे हो?
विशाल- कुछ नहीं आरोही, वो मार्केट में बाइक स्लिप हो गई थी।
आरोही- क्रया... भैया आपको कहीं चोट तो नहीं लगी?
विशाल- अरीए मुझे कुछ नहीं हुआ आरोही, इतना घबराने की जरूरत नहीं।
सुमन- क्या हुआ आरोही?
आरोही- मम्मी, भैया को चोट लग गई है।
सुमन- कैसे क्या हुआ विशाल कहां लगी?
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