RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
विशाल हाल में बैठा टीवी देख रहा था, और आरोही घर की सफाई में लग जाती है। तभी आरोही की नजर विशाल की पैंट पर पड़ती है। सुबह विशाल ने ब्लू कलर की पैंट पहनी हुई थी, जो अब बादामी कलर की पहनी हुई थी। भैया में कब कपड़े चेंज कर लिए और क्यों?
आरोही के दिल में कुछ घबराहट सी होने लगती है, और आरोही रूम में पहुँचकर विशाल की पैंट को ढूँढने लगती है। तभी आरोही को बैंड के ऊपर विशाल की पैंट नजर आ जाती है। आरोही पैट को उठाकर देखने लगती है। तभी आरोही को विशाल की पैंट घुटनों से ऊपर फटी हुई नजर आती है। आरोही के दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं, और आरोही बाहर आकर विशाल के पास बैठते हुए विशाल से पूछती है।
आरोही- भैया मुझे दिखाओ आपको कहां पर चोट लगी है।
विशाल- "आरोही बोला ना... थोड़ी सी पैर में लगी है बेकार में इतना परेशान ना हो..."
आरोही- अच्छा तो फिर दिखातें क्यों नहीं?
विशाल जानता था आरोही की जिद के आगे उसकी नहीं चलेगी। विशाल क्या करता खड़ा होकर अपनी पैंट की
बेल्ट खोलकर पैंट उतार देता है। विशाल की जाँघ पर हल्की सी सूजन सी आई हुई थी।
विशाल- बस देख लिया, पहन लें पैट?
आरोही को चोट देखकर कुछ राहत सी मिलती है। बोली- "भैया क्या करोगे पेंट पहनकर? अच्छे लग रहे हो..."
विशाल- "शैतान कहीं की." और विशाल अपनी पैंट पहन लेता है।
आरोही अपने काम में लग जाती है। विशाल बैठा हुआ टीवी देखता रहता है. और यूँ ही कब गत हो जाती है पता ही नहीं चलता। रात का खाना खाकर विशाल रूम में जाकर बेड पर लेट जाता है। थोड़ी देर बाद आरोही भी रगम में आ जाती है।
आरोही- भैया लाओ में आपके पैर में मव लगा दं।
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