RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
नेहा आंखे फाड़े हम सभी नंगे लोगो को देख रही थी, दरअसल उसका भी प्रोग्राम में दिल नहीं लग रहा था, और जब वो वापिस आई तो उसने अपने मम्मी पापा को हमारे रूम में घुसते हुए देखा, वो भी पुरे नंगे, वो समझ गयी की अन्दर क्या होने वाला है, पर अपने मम्मी पापा के सामने वो एकदम से ये नहीं दर्शाना चाहती थी की वो भी मेरे और ऋतू के साथ चुदाई के खेल में शामिल है, इसलिए उसने खिड़की से अन्दर का सारा प्रोग्राम देखा, अपने पापा के द्वारा ऋतू की चुदाई करते देखकर उसकी छोटी सी चूत में आग लग गयी थी, और जब मैंने उसकी माँ की चुदाई की तो उसके बर्दाश्त से बाहर हो गया और उसने वहीँ खिड़की पर खड़े-२ अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर उसकी अग्नि को शांत किया, पर अन्दर के खेल को देखकर उसकी चूत अभी भी खुजला रही थी, इसलिए उसने तय किया की वो भी अन्दर जायेगी और इसमें शामिल हो जाएगी.
आरती ने नेहा की टी शर्ट उतार दी, नेहा किसी बुत्त की तरह बैठी थी, फिर ऋतू आगे आई और उसने उसकी जींस के बटन खोलकर उसे भी नीचे कर दिया, अब नेहा सिर्फ पर्पल कलर की पेंटी और ब्रा में बैठी थी.
उसका बाप यानी अजय चाचू तो उसके ब्रा में कैद मोटे-२ और गोल चुचे देखकर अपनी पलकें झपकाना ही भूल गया. वो मुंह फाड़े अपनी छोटी सी बेटी के अर्धनग्न जिस्म को निहार रहा था, और अपनी जीभ अपने सूखे होंठो पर फिर रहा था.
मैं एक कोने मैं बैठा सबकी हरकतें नोट कर रहा था.
चाची उठी और अपने चुचे को नेहा के होंठो से चिपका दिया, नेहा ने कुछ नहीं किया, शायद वो अभी भी दर्शाना छह रही थी की वो ये सब नहीं करना चाहती, पर अन्दर ही अन्दर उसकी चूत में ऐसी खुजली हो रही थी की अपनी माँ को वहीँ पटके और उसके मुंह में अपनी चूत से ऐसी रगड़ाई करे की उसकी सारी खुजली मिट जाए.
थोड़ी देर बाद उसने अपने होंठ खोले और अपनी आँखें बंद करके अपनी माँ का दूध पीने लगी.
ऋतू ने उसकी ब्रा खोल दी और नीचे से हाथ डालकर उसकी पेंटी भी उतार दी.
ब्रा के खुलते ही उसके दोनों पंछी आजाद हो गए, मैंने देखा उसके निप्प्ल्स एकदम खड़े हो चुके हैं, और चूत से भी रस टपक कर चादर को गीला कर रहा है, यानी वो काफी उत्तेजित हो चुकी थी. अजय चाचू ने अपनी बेटी को नंगी देखा तो उनकी साँसे रुक सी गयी.
चाची ने इशारे से चाचू को आगे बुलाया, वो तो जैसे इसी इन्तजार में बैठे थे, वो लपक कर आगे आये और अपनी बेटी के दाए चुचे को अपने मुंह में भर कर लगे चूसने किसी बच्चे की तरह.
आआआआआआआआआआह्ह्ह पाआआआआअ पाआआआआआआ ....स्स्सस्स्स्सस्स्स ...अयीईईईईईईई .....उन्होंने उत्तेजना के मारे उसके दाने पर जोर से काट मारा..
नेहा ने अपने पापा के सर को किसी जंगली की तरह पकड़ा और उनकी आँखों में देखकर अपने थूक से गिले हुए होंठ उनसे भिड़ा दिए. उसके पापा के तो मजे आ गए.
अपनी बेटी के इस जंगलीपन को देखकर चाचू का लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया, खड़ा तो मेरा भी हो गया था पर लगातार 3 -4 झड़ने के बाद मैं अपने लंड को थोडा आराम देना चाहता था.
बाप बेटी एक दुसरे को ऐसे चूस रहे थे जैसे कोई गेम चल रही हो और दोनों एक दुसरे से ज्यादा मार्कस लेने के लिए ज्यादा चूसने वाली गेम खेल रहे हैं. चाचू ने अपने हाथ नेहा की गोलाइयों पर टिका दिए और उन्हें मसलने लगे.
आआआआआआअह्ह दबऊऊऊऊऊ इन्हीईईईईए पाआआआआआअ पाआआआआआआ ....
आरती चाची ने नेहा को बेड पर लिटा दिया और उसकी रस टपकती चूत पर हमला बोल दिया, ऋतू ने भी अपनी चाची का साथ दिया और वो दोनों नेहा की चूत के दोनों तरफ आधे लेट गए और बारी-२ से नेहा की चूत चाटने लगे, ऊपर चाचू अपने बेटी के मुंह के अन्दर घुसे हुए उसका रसपान कर रहे थे, उन्होंने किस तोड़ी और थोडा नीचे खिसककर अपने होंठ से नेहा के चुचे चूसने लगे. नेहा ने हाथ बड़ा कर अपने पापा का लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे आगे पीछे करने लगी, फिर उसने लंड को थोडा और खींच कर अपने मुंह के पास खींच लिया, चाचू समझ गए और अपना चेहरा उसकी चूत की तरफ घुमा कर उसके मुंह पर बैठ गए और नेहा ने उनका लंड अपने कोमल मुंह में ले लिया और चूसने लगी, चाचू का चेहरा देखने लायक था, उनके आनंद की कोई सीमा नहीं थी, आज अपनी भाभी से और फिर अपनी भतीजी से चुस्वाने के बाद अब वो अपना लंड अपनी ही बेटी के मुंह में डाले मजे ले रहे थे, वो थोडा झुके और ऋतू और आरती को हटा कर अपना मुंह अपनी बेटी की चूत पर रख कर चाटने लगे उसकी रसीली चूत को.
बीच-२ में वो सांस लेने के लिए ऊपर आते और ये मौका ऋतू और आरती ले लेते और उसकी चूत चाटने लगते, कुल मिला कर नेहा की चूत तीन लोग चाट रहे थे और वो अपने पापा का लंड.
चाचू जब झड़ने वाले थे तो उन्होंने एकदम से अपना लंड नेहा के मुह से निकाल लिया और वापिस ऊपर आ कर उसको चूमने लगे, नेहा से भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, उसने अपने पापा को धक्का दिया और उछल कर उनके ऊपर बैठ गयी, अजय चाचू का फड़कता हुआ लंड नेहा की चूत के नीचे था , नेहा ने अपने पापा के दोनों हाथों में अपनी उंगलियाँ फंसाई और अपनी गांड और अपना सर नीचे झुका दिया, उसके होंठ अपने पापा के होंठो से जुड़े और चूत उनके लंड से, पीछे से आरती चाची ने अपने पति का लंड पकड़ा और अपनी बेटी की चूत में फसा दिया और उसे नीचे की तरफ दबा दिया..
नेहा की कसिली चूत में उसके पापा का लंड उतरता चला गया. आआआआआआआआआआह्ह्ह्ह उसने थोडा ऊपर होकर लम्बी सिसकारी निकाली...और अपने चुचे को अजय चाचू के मुंह में ठूस दिया...
आआआआआआआआअह्ह्ह्ह पाआआआआआआ पाआआआआआआ म्म्म्मम्म्म्मम्म......
अब चाचू का पूरा लंड उनकी बेटी की चूत के अन्दर था, नेहा ने उछलना शुरू किया और चाचू का लंड अपनी चूत में अन्दर बाहर करने लगी. चाची और ऋतू नीचे बैठी बड़े गौर से इस चुदाई को देख रही थी, चाची ने हाथ आगे करके अपनी उंगलियाँ ऋतू की चूत में डाल दी, और ऋतू ने आरती चाची की चूत में.
फिर उन्होंने अपनी टाँगे एक दुसरे मैं ऐसी फंसाई की दोनों की चूत आपस में रगड़ खाने लगी, और उन्होंने बैठे -२ ही एक दुसरे की चूत को अपनी चूत से रगड़ना शुरू कर दिया.
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