RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
मम्मी जल्दी से भागकर वापिस गयी और अपने कमरे से पापा को बुलाकर लायी, उन्होंने शीशे वाली जगह से अन्दर देखने को कहा, जब पापा ने अन्दर का नजारा देखा तो उनकी आँखें फटी की फटी रह गयी, उनका छोटा भाई अपनी बेटी को चोद रहा था, और उनका बेटा अपनी सगी बहन की चुदाई कर रहा था, ये देखकर वो आग बबूला हो गए और मम्मी को साथ लेकर वो दनदनाते हुए हमारे कमरे में आये और चिल्लाये " ये सब हो क्या रहा है!!!!!!!!!!"
पापा की आवाज सुनकर मैंने दरवाजे की तरफ देखा तो मैं स्तब्ध रह गया, पर मेरा लंड जो झटके मार-मारकर अपनी बहन को चोद रहा था, वो नहीं रुका, मैंने धक्के देते हुए हैरानी से उनकी तरफ देखा और बोला "मम्मी पापा आप....?"
उधर नेहा की चूत में उसके पापा का लंड अपनी आखिरी साँसे ले रहा था, उनसे सहन नहीं हुआ और उन्होंने अपना रस अपनी बेटी की चूत में उगलना शुरू कर दिया...नेहा ने भी आँखें बंद करके अपने पापा के गले में अपनी बाहें डालकर एक लम्बी चीख मारी .आआआआआआअयीईईईइ पपाआआआआआआआ ..और वो भी झड़ने लगी, उनका मिला जुला रस नीचे लेटी ऋतू बड़े चटखारे ले-लेकर पी रही थी, उसे मालुम तो चल गया था की उसके मम्मी - पापा कमरे में आ गए हैं, पर अपनी चूत में अपने भाई के लंड के धक्के और अपने मुंह पर बरसते गर्म रस का मजा लेने से उसे कोई नहीं रोक सका.
उसने भी अपनी उखड़ी साँसों से उन्हें देखा और पूछा "मोम डैड आप यहाँ क्या कर रहे हैं?"
"आशु क्या तुम ये करना बंद करोगे....."मम्मी ने मेरी तरफ घूरकर देखते हुए कहा, वो एक तरह से मुझे अपनी बहन की चूत मारने से रोक रही थी.
मैं अपने आखिरी पलो में था, मैंने जैसे ही अपना लंड बाहर निकाला उसका विकराल रूप जो की मेरी बहन की चूत के रंग में डूबकर गीला हो चूका था और उसपर चमकती नसे देखकर मेरी माँ की आँखें फटी की फटी रह गयी, लंड ने बाहर निकलते ही झड़ना शुरू कर दिया और मेरी पिचकारी सीधे ऋतू की खुली हुई चूत से जा टकराई..
चाची जल्दी से आगे आई और मेरे लंड पर अपना मुंह टिका दिया और मेरा सारा रस पी गयी, फिर उन्होंने ऋतू की चूत के ऊपर अपना मुंह टिकाया और वहां से भी मलाई इकट्ठी करके खा गयी..और मेरी आ की तरफ देखकर बोली "भाभी आपके बच्चे बड़े टेस्टी है..."
"आरती...तुम ये सब कैसे कर सकती हो..."उन्होंने चाची को डांटते हुए कहा.
"हमें तो इन्होने ही बुलाया था..." चाची ने सपाट लहजे में कहा.
"क्या........." मेरी माँ का मुंह खुला का खुला रह गया.
और फिर चाची ने सारी कहानी हमारे मम्मी-पापा को सुना दी, वो अपना मुंह फाड़े सब बाते सुन रहे थे, उन्होंने ये भी बताया की हम दोनों उनके कमरे में देखते हैं और हमें उनके बारे में सब पता है की कैसे वो चारों लोग ग्रुप सेक्स करते हैं.
मम्मी-पापा ये सारी बात सुनकर शर्मिंदा हो गए पर फिर भी मम्मी ने मेरी तरफ देखा और बोली "तुम दोनों ने ये सब क्यों किया"
"हम भी आपके और पापा की तरह बनना चाहते थे, जब हमने देखा की आप और पापा, चाचू और चाची के साथ मिलकर सेक्स कर रहे हो और एन्जॉय भी कर रहे हो तो हमने भी ठान लिया की हम भी ये करेंगे, हमने यहाँ और लोगो को भी ग्रुप सेक्स करते देखा है और वो सब भी खूब एन्जॉय करते हैं.." मैंने उन्हें सीधे शब्दों में बताया.
"लेकिन तुम्हे ये सब नहीं करना चाहिए" मम्मी ने मुझसे रुंधी आवाज में कहा.
"क्यों नहीं करना चाहिए...मेरी चूत में हर तरह का लंड चला जाता है और मुझे उन्हें चूसने में भी मजा आता है..तो फिर ये सब क्यों नहीं करना चाहिए" अब ऋतू भी मेरे पक्ष में बोल पड़ी.
"पर ये सब गलत है, भाई बहन को आपस में ये सब नहीं करना चाहिए.." मम्मी ने फिर से कहा.
"अच्छा ......तो आप लोग जो करते हो वो गलत नहीं है क्या" ऋतू ने अपने शब्दों को पीसते हुए उनसे कहा.
चाची जो बड़े देर से ये सब देख रही थी वो मम्मी की तरफ हँसते हुए बोली "देखो भाभी, ये जो कह रहे है वो सही है, हम लोग भी कहाँ रिश्तेदारी का ख्याल रखते है, हमें भी तो सिर्फ सेक्स करने में मजा आता है, अगर ये भी वोही कर रहे है तो बुरा क्या है"
"पर ये हमारे बच्चे हैं.." मम्मी ने फिर से कहा.
"हाँ है और तभी इनके साथ ये सब करने में कुछ ज्यादा ही मजा आता है" अब की बार चाचू ने कहा और अपनी बाँहों में पकड़ी नंगी नेहा को अपने सीने से दबा दिया और आगे बोले " और मुझे लगता है की आपको भी एक बार ये सब ट्राई करना चाहिए"
मम्मी ने अपने सर को एक झटका दिया और कहा "मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है, मैं सोने जा रही हूँ, इस बारे में कल बात करेंगे"
"ठीक है बाय ..." चाची ने उनसे कहा
"बाय का क्या मतलब है...तुम लोग नहीं जा रहे क्या अपने कमरे में" मम्मी ने हैरानी से पूछा.
"नहीं अभी मुझे कुछ और भी काम है " और चाची ने हाथ बढाकर मेरे लंड को थाम लिया और दुसरे हाथ से अपनी चूत मसलने लगी.
"आरती...बंद करो ये सब" मम्मी चिल्लाई.
"अरे भाभी आप यहाँ आओ और थोडा relax करो" चाचू आगे आये और मम्मी का हाथ पकड़कर बेड पर बिठा दिया उनका झूलता हुआ लंड उनकी आँखों के सामने लटक रहा था, चाचू ने उनका मुंह पकड़ा और अपना लंड उनके मुंह में ठूस दिया और उन्हें नीचे धक्का देकर बेड पर लिटा दिया और खुद उनकी छाती पर चढ़ बैठे.
"अब चुपचाप लेटी रहो और मेरा लंड चुसो..."चाचू ने मम्मी की आँखों में देखकर कहा. और आरती की तरफ देखकर बोले "डार्लिंग...मेरी थोड़ी मदद करो न..."
"हाँ हाँ क्यों नहीं .." चाची अपनी जगह से उठी और बेड के किनारे आकर मम्मी के नाईट गाउन को खींच कर बीच में से खोल दिया, उन्होंने नीचे कुछ नहीं पहना था, और उनकी मोटी जांघे पकड़कर रसीली चूत पर अपना मुंह रख दिया.मम्मी के मुंह में चाचू का लंड था पर फिर भी उनके मुंह से घुटी हुई सी सिसकारी निकल गयी...आआआआअह्ह्ह्ह.
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