RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
चाचू का लम्बा लंड मम्मी के मुंह में किसी पिस्टन की तरह आ जा रहा था, नीचे बैठी चाची भी अपनी लम्बी जीभ के झाड़ू से मम्मी की चूत की सफाई करने में लगी हुई थी. चाचू ने मम्मी के ऊपर बैठे हुए उनके गाउन के बटन खोल दिए और मम्मी के मोटे चुचे ढलक कर दोनों तरफ झूल गए.
उन्होंने उसे मम्मी के कंधो से थोड़ी मुश्किल से उतारा और बाकी काम नीचे बैठी चाची ने कर दिया, उन्होंने उनकी गांड ऊपर करके उसे नीचे से बाहर खींच दिया और इस तरह मम्मी हमारे सामने पूरी नंगी हो गयी.
उन्हें इतनी पास से नंगा देखने का ये मेरा पहला अवसर था, वो किसी professional की तरह चाचू के लंड को आँखें बंद किये चूस रही थी, उनकी चूत से इतना रस बह रहा था की चाची उसे पी ही नहीं पा रही थी और वो बहकर मम्मी की गांड को भी गीला कर रहा था.उनके मोटे-२ चुचे देखकर मेरे मुंह में भी पानी आ गया, मैंने उनके चुचे हमेशा अपने मुंह में लेने चाहे थे, घर में भी जब वो बिना चुन्नी के घुमती थी तो मेरा मन उनकी गोलाइयाँ देखकर पागल हो जाता था. और अब जब वो मेरे सामने नंगे पड़े थे, मेरा लंड उन्हें देखकर तन कर खड़ा हो गया था, मैंने अपने हाथ से उसे मसलना शुरू कर दिया.
ऋतू ने इशारा करके पापा को अपनी तरफ बुलाया, वो थोडा झिझकते हुए उसके पास आये और हम सबके साथ आकर खड़े हो गए, ऋतू ने अपना हाथ उनकी कमर में लपेट दिया और उनसे सट कर खड़ी हो गयी, पापा थोडा असहज महसूस कर रहे थे, हो भी क्यों न उनकी जवान लड़की नंगी जो खड़ी थी उनसे चिपककर..
हम सभी की नजर मम्मी पर गडी हुई थी, मेरी देखा देखी पापा ने भी अपना पायजामा नीचे गिरा दिया और अपनी पत्नी को अपने भाई और उसकी पत्नी के द्वारा चुद्ता हुआ देखकर वो भी अपना लंड हिलाने लगे, उनका मोटा लंड देखकर ऋतू की आँखों में एक चमक आ गयी, वो अपने पापा के लंड को काफी दिनों से देख रही थी और मन ही मन उनसे चुदना भी चाहती थी, आज उन्हें अपने साथ खड़ा होकर हिलाते देखकर उससे सहन नहीं हुआ और उसने झुक कर अपने पापा का लंड अपने मुंह में भर लिया..
पापा के मुंह से एक ठंडी सिसकारी निकल गयी...स्स्सस्स्स्सस्स्स आआआआआअह्ह्ह
उन्होंने अपना हाथ हटा लिया, अपने सामने बैठी अपनी नंगी बेटी को देखकर उनका लंड फुफकारने लगा और वो तेजी से उसका मुंह चोदने लगे...
आआआआआआआआह्ह्ह्ह .....उन्होंने अपनी आँखें बंद करी और एक तेज आवाज निकाली.
ऋतू उठ खड़ी हुई और पापा के लंड को पकड़कर आगे की तरफ चल पड़ी, बेड पर पहुंचकर उसने पापा को नीचे लिटाया और उनकी कमर के दोनों तरफ टाँगे चोडी करके बैठ गयी, और उनकी आँखों में देखकर अपनी चूत का निशाना उनके लंड पर लगाया....और बोली...पापा प्लीस ...चोदो मुझे..और उसने अपने मोटे चूतडो का बोझ पापा के लंड के ऊपर डाल दिया.
उनका मोटा लंड अपनी बेटी की चूत में ऐसे गया जैसे मक्खन में गर्म छुरी.. आआआआआअह्ह ऋतू ने एक तेज सीत्कारी ली.......उसकी आवाज सुनकर मम्मी ने अपनी आँखें खोली और पास लेते अपने पति को अपनी बेटी की चूत मारते हुए देखा और फिर उन्होंने भी मौके की नजाकत समझी और अपनी आँखें बंद करके चाचू का लंड चूसने में मस्त हो गयी.
पापा और मम्मी ने जब एक दुसरे को देखा तो वो समझ गए की अब अपने आपको रोकना व्यर्थ है इसलिए इन हसीं पलों के मजे लो, और जब मम्मी ने आँखें बंद करली तो पापा ने अपना ध्यान ऋतू की तरफ लगा दिया, उन्होंने अपने हाथ ऊपर उठाये और ऋतू के झूलते हुए मुम्मे अपने हाथों में भर लिए, वो हमेशा घर पर अपनी बेटी के ब्रा में कैद और टाईट टी शर्ट में बंद इन्ही कबूतरों को देखकर मचलते रहते थे, आज ये दोनों रस कलश उनके हाथ में थे, उन्होंने अपना मुंह ऊपर उठाया और उन कलशो से रस का पान करने लगे, उनके मोटे -२ होंठ और मूंछे ऋतू के नाजुक निप्पलस पर चुभ रहे थे, पर उनका एहसास बड़ा ही मजेदार था, उसने अपने पापा के सर के नीचे हाथ करके अपनी छाती पर दबा दिया और अपना चुचा उनके मुंह में ठुसने की कोशिश करने लगी, पापा ने अपना मुंह पूरा खोल दिया और ऋतू का आधे से ज्यादा स्तन उनके मुंह के अन्दर चला गया, उनका मुंह अपनी बेटी के चुचे से पूरा भर गया, और फिर जब उन्होंने अपनी जीभ अन्दर से उसपर घुमानी शुरू की तो ऋतू तो जैसे पागल ही हो गयी, इतना मजा आजतक उसे नहीं आया था, नीचे से पापा का लम्बा लंड उसकी चूत की प्यास बुझा रहा था और ऊपर से पापा उसका दूध पीकर अपनी प्यास बुझा रहे थे.
चाची अपनी जगह से उठी और अपनी चूत को मम्मी के मुंह के ऊपर लेजाकर रगड़ने लगी, चाचू मम्मी के मुंह से नीचे उतर गए और उनके उतरते ही अपनी जवानी की आग में तड़पती हुई नेहा उनपर झपट पड़ी और उनके होंठ अपने मुंह में दबाकर नीचे चित्त लिटा दिया और चाचू का लंड अपनी चूत पर टीकाकार उसे अन्दर ले लिया.
मैंने मम्मी की चूत के ऊपर अपना मुंह रखा और उसे चाटने लगा, मम्मी को शायद पता चल गया था की मैं उनकी चूत चूस रहा हूँ, उन्होंने उत्तेजना के मारे अपने चुतद ऊपर उठा दिया, मैंने नीचे हाथ करके उनके चौड़े पुट्ठे पकडे और अपनी दो उँगलियाँ उनकी गांड के अन्दर डाल दी और अपनी लम्बी जीभ उनकी चूत के अन्दर..
आआआआआआआआआआआआआआआआह्ह्ह्ह मम्मी मचल उठी इस दोहरे हमले से...
मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत के छेद पर टिका दिया, आज मैं उसी छेद के अन्दर अपना लंड डाल रहा था जहाँ से मैं निकला था...मेरे लंड का स्पर्श अपनी चूत पर पाकर मम्मी तो बिफर ही पड़ी उन्होंने अपने चुतद फिर से ऊपर उठाय और मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर समाता चला गया..
आआआआअह उनके मोअन की हलकी आवाजें चाची की चूत से छनकर मुझे सुने दे रही थी...
मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और मैं तेजी से अपनी माँ की चूत मारने लगा..
उधर ऋतू अपने आखिरी पड़ाव पर थी, वो पापा के लंड के ऊपर उछलती हुई बडबडा रही थी.... आआआअह्ह्ह चोदो मुझे पापा...अपने प्यारे लंड से ....फाड़ डालो अपनी बेटी की चूत इस डंडे से....चोदो न....जोर से....आआआह्ह्ह बेटी चोद सुनता नहीं क्या तेज मार...भोंसडीके ....कुत्ते...बेटिचोद....चोद जल्दी जल्दी....आआआआआह्ह ......डाल अपना मुसल मेरी चूत के अन्दर तक....अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ......और तेज और तेज और तेज.......आआआअह्ह्ह हाँ ऐसे ही.....भेन्चोद....चोद...अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह...और पापा से अपनी बेटी के ये प्यारे शब्द बर्दाश्त नहीं हुए और उन्होंने अपना रस अपनी छोटी सी बेटी की चूत के अन्दर उड़ेल दिया....ऋतू भी पापा के साथ-२ झड़ने लगी...
ऋतू को देखकर नेहा को भी जोश आ गया....वो भी चिल्लाने लगी चाचू के लंड पर कूदकर...हननं डेडी...चोदो अपनी बेटी को...देखो ऋतू को अंकल कैसे चोद रहे है,....वैसे ही चोदो अपनी लाडली को...डालो अपना लंड मेरी चूत के अन्दर तक....ahhhhhhhhhhhh ......दाआअलूऊऊऊऊओ .....और वो भी चाचू के साथ-२ झड़ने लगी..
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