RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
रेहान ने नेहा के चूतड़ों को जोर से पकड़ा और उसे चुसना शुरू कर दिया, फिर उसने अपने दोनों हाथों से उसके मोटे ताजे कबूतर पकडे और उनपर अपने दांत गड़ा दिए, नेहा की चीख निकल गयी उसके इस वेहशिपन से..आआआआआआआआआआआआआआअह्ह्ह धीएरीईईईईई रेहाआआआआआआआआअन आआआआआआआह
नेहा ने अपना दूसरा स्तन अपने हाथ में पकड़ा और रेहान के मुंह में परोस दिया...उसे भी रेहान ने काट कर नेहा के निप्प्ल्स के चारों तरफ एक गहरा निशाँ बना दिया..
हिना की साँसे मानो अटक कर रह गयी अपने भाई के इस रूप को देखकर..
रेहान बड़ी बेरहमी से नेहा और ऋतू की छातियाँ मसल रहा था, उन दोनों की मस्ती से भरी चीखे पूरी वादियों में गूंज रही थी.. हिना ने मेरी तरफ देखते हुए कहा " ये ऐसा क्यों कर रहा है...कितनी तकलीफ हो रही होगी तुम्हारी बहन को...तुम कुछ करते क्यों नहीं...."
मैंने पीछे से उसके उरोजों पर हाथ रख कर दबा दिया...और बोला "क्या करूँ , तुम ही बोलो"
वो मेरे हाथों के कसाव से और मेरे जवाब से सहम सी गयी, पर उसने मेरे हाथों को अपनी छाती से नहीं हटाया, और फिर से आगे की तरफ देखने लगी.
मैंने उसके छोटे-२ सेबों को दबाना शुरू कर दिया, बड़े कड़क थे उसके कश्मीरी सेब, मीठे भी होंगे, ये सोचकर ही मेरे मुंह में पानी आ गया, मैंने हाथ नीचे से घुमाकर उसके सूट के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उन्हें दबाने और सहलाने लगा, उसपर मस्ती सी छाती जा रही थी, अपने सामने अपने ही भाई का लम्बा लंड देखकर और अपने चूतड़ों पर मेरे मोटे लंड का दबाव पाकर. मैंने दूसरा हाथ उसकी पानी टपकती चूत पर रख दिया और अपने दोनों हाथों से उसे ऊपर और नीचे एक साथ सहलाने लगा.
हिना ने अपनी आँखें बंद करली और अपना सर पीछे करके मेरे कंधे पर टिका दिया, और अपने दोनों हाथ मेरे दोनों हाथों पर रख कर मुझे और तेजी से दबाने के लिए उकसाने लगी. उसकी चूत से किसी भट्टी जैसी गर्मी बाहर आ रही थी. रेहान ने नेहा को काफी देर तक चूसने के बाद उसे चट्टान पर लिटा दिया और ऋतू को उठाकर अपने सीने से लगा लिया, अब वो ऋतू के शरीर से खेल रहा था, ऋतू जो रेहान का लंड देखकर दंग रह गयी थी, वो बार-२ उसके लम्बे लंड को अपनी चूत वाली जगह से घिस रही थी, वो जल्दी से इस मोटे डंडे को अपनी चूत में उतारना चाहती थी, ऋतू ने रेहान के होंठ चूसते हुए अपनी जींस के बटन खोने और उसे उतार दिया, हमेशा की तरह उस कुतिया ने आज भी नीचे कच्छी नहीं पहनी थी.
रेहान ने उसे भी चट्टान पर लिटा दिया और अब दोनों नंगी रंडियां अपनी टाँगे आसमान की तरफ उठाय लेटी थी, रेहान ने बारी -२ से उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, पहले उसने नेहा की चूत को चखा और फिर ऋतू की चूत में अपनी जीभ डाली, वो खुरदुरी चट्टान पर अपनी चूत एक खुरदुरी जीभ से चट्वाकर मचल रही थी.
फिर ऋतू से सहन नहीं हुआ और उसने रेहान के बाल पकड़कर उसे उठाया और चिल्ला कर बोली "भोंसडीके ..डाल अपना लंड मेरी चूत में...अब सहा नहीं जाता, फाड़ दे अपने लंड से मेरी चूत को...."
पर रेहान सिर्फ मुस्कुराता रहा उसने अपना लंड उसकी चूत में नहीं डाला, बल्कि अपने रस टपकाते लंड से उसकी जांघो पर ठोकरें मारने लगा, वो उसे तडपा रहा था, वो बोला "साली कुतिया...नीचे तो बड़ा बोल रही थी..अब देख, मेरा लम्बा लंड देखकर कैसे चुदने की भीख मांग रही है...साली रंडी कहीं की...तेरी चूत को तो मैं अपने कुत्ते से चुदवाऊंगा, मेरा कुत्ता रेम्बो तेरी चूत को काट काटकर पूरी रात तेरी पिलाई करेगा, तब तुझे पता चलेगा की चुदाई क्या होती है..."
"हाँ हाँ चुदवा लेना मुझे अपने कुत्ते से भी पर अभी तो ये मुसल मेरी चूत में डाल न रेहान,....इतना मत तरसा....प्लीस ...." रितु उसके सामने भीख मांग रही थी.
"चल एक शर्त पर, तुझे मेरा पेशाब पीना होगा पहले" रेहान ने ऋतू से कहा.
उसकी बात सुनकर ऋतू और नेहा के साथ-२ मैं और हिना भी सकते में आ गए.. पर ऋतू ने अगले ही पल उठ कर उसके मोटे लंड को अपने हाथ में लेकर अपने मुंह का निशाना बनाया और बोली..."जल्दी निकाल अपना पेशाब..."
रेहान मुस्कुराया और थोड़ी कोशिश करने के बाद उसके पीले रंग की एक मोटी धार ऋतू के मुंह की तरफ चल दी, ऋतू के खुले मुंह ने उसे केच कर लिया और पीने लगी, पर बहाव तेज था, इसलिए जल्दी ही उसका मुंह भर गया और गोल्डन पानी उसकी छातियों से होता हुआ, चूत को भिगोता हुआ, नीचे जमीन पर गिरने लगा. ऋतू जल्दी-२ उसके पेशाब को पी रही थी, अंत में रेहान ने मूतना बंद कर दिया, ऋतू उठी और वापिस अपनी जगह जाकर लेट गयी.
मेरे मन में ऋतू के लिए घिन्न सी आ गयी पर फिर मैंने सोचा, मैंने भी तो उसे अपना पेशाब पिलाया था, शायद लड़कियों को इसका स्वाद अच्छा लगता है.
रेहान ने आगे बढकर अपने मोटे लंड को ऋतू की छोटी सी चूत पर रखा और एक करार झटका दिया...
आआआआआआआआआआआआअह्ह्ह्ह मर्र्र्रर गयीईईईईईईई ......अभी तो रेहान का सुपाडा ही अन्दर गया था. मैंने हिना की तरफ देखा वो बड़े ध्यान से अपने भाई को मेरी बहन को चोदते हुए देख रही थी.
मैंने हिना की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार और पेंटी को एक साथ नीचे उतार दिया. पहले तो उसने थोडा विरोध किया पर जब मैंने अपने होंठो से उसके नर्म होंठ चूसने शुरू किये तो उसने भी अपनी रजामंदी दे डाली..
"मैंने ये सब कभी नहीं किया...प्लीस ध्यान रखना" उसने मेरे कानो में धीरे से कहा. मैं समझ गया की वो कुंवारी है. उधर रेहान ने अपना लंड थोडा बाहर निकाला और एक और तेज झटका दिया , ऋतू की तो बुरी हालत हो गयी, उसकी चूत थोड़ी सी साइड से फट गयी, और रेहान का पूरा लंड दनदनाता हुआ उसके गर्भाशय से जा टकराया..ऋतू की आँखें बाहर उबल कर आ गयी, उसने थोडा सीधा होकर रेहान की कमर को थाम लिया और उसे और झटके मारने से रोक दिया, पर रेहान ने उसकी एक न सुनी और उसे वापिस उसी अवस्था में लिटाकर और तेजी से धक्के मारने लगा...ऋतू ने अपना मुंह पीछे कर लिया..
नेहा जो ऋतू की बगल में लेती हुई थी उससे अपनी बहन का दर्द देखा न गया और वो उछल कर उसके ऊपर आ कर लेट गयी, नेहा ने ऋतू के दोनों हाथों के पकड़ा और अपने होंठ उसके होंठों पर टिका दिए और उन्हें चूसने लगी दोनों के मोटे-२ चुचे एक दुसरे से रगड़ खा रहे थे , ऋतू की चूत में रेहान का लंड था और उसकी चूत के थोडा ऊपर ही नेहा की चूत थी.
नेहा के चूसने से ऋतू का दर्द थोडा कम हुआ, अब रेहान के झटकों से भी उसे मजा आ रहा था, उसने किस को तोडा और चिल्लाना शुरू कर दिया..."आआआआआआआह्ह रेहाआआआआआन ..चोदो मुझे...चोदो मेरी चूत को अपने लम्बे लंड से...और तेज...और तेज.....आआआह अह अह अह अह अ हा हहा अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ...." ऋतू को काफी मजा आ रहा था और तभी रेहान ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकल लिया ...और लंड निकालकर उसने उसे ऊपर वाली नेहा की चूत पर टिकाया और एक जोरदार झटका मारा....अब चिल्लाने की बारी नेहा की थी.."अयीईईईईईईईईईइ मर गयीईईईइ कुत्ते....कमीने....हरामजादे......कटुए....निकाल इसे मेरी चूत से बाहर.....है राम फाड़ डाली मेरी चूत...."
अब ऋतू ने उसके होंठो को पकड़ा और चूसने लगी, पीछे से रेहान ने उसकी चूत का बैंड बजाना चालू रखा....और फिर उसे भी मजा आने लगा लम्बे लंड से...
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