Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
12-13-2020, 02:54 PM,
#83
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
मैंने उन्हें दबाना, चुसना, काटना शुरू किया और मम्मी ने मचलना, तड़पना और सिसकना.
मैंने उन्हें बिस्तर पर गिरा दिया और उनकी लास्टिक वाली पायजामी उतार डाली, और उसके बाद उनकी काली पेंटी भी..
मम्मी की महकती हुई चूत मेरे सामने थी, मैंने झट से अपना मुंह उनकी चूत में डाल दिया और सुबह का नाश्ता करने लगा.
मम्मी की आँखें बंद थी और वो धीरे-२ सिस्कारियां लेती हुई मेरे सर के बालों में अपनी उँगलियाँ घुमा रही थी. स्सस्सस्स म्मम्मम्मम अह्ह्ह्हह्ह ओयीईई .......
ऐसे ही बेटा....अह्ह्ह्हह्ह और तेज चुसो...हन्न्न्न वहीँ पर......शाबाश,.,अह्ह्ह्हह्ह म्मम्मम्म
सुरभि बिलकुल मम्मी के सर के पास बैठी हुई थी, उसने इतना कामुक दृश्य नहीं देखा था और ना ही माँ बेटे का ऐसा प्यार.
मेरे चाटने से मम्मी के मोटे मुम्मे बुरी तरह से हिल रहे थे, मेरे मुंह के हर झटके से उनके मोटे गुब्बारे ऊपर होते और फिर नीचे..
उन्हें हिलता हुआ देखकर सुरभि के मुंह में पानी आ गया और वो सम्मोहित सी होकर उनपर झुक गयी और अपनी मौसी के दांये मुम्मे को मुंह में भरकर उसे चूसने लगी..
मम्मी ने जैसे ही सुरभि के होंठों को अपनी छाती पर महसूस किया तो उनके आनंद की सीमा न रही उन्होंने अपनी ऑंखें खोली और सुरभि को अपने सीने पर और तेजी से दबा कर उसे अपना दूध पिलाने लगी.
ऋतू भी उठ खड़ी हुई और दूसरी तरफ से आकर मम्मी के बाएं मुम्मे पर अपना मुंह लगा कर उसे चूसने लगी. अब चीखने की बारी मम्मी की थी.
हय्य्यय्य्यय्य्य्य अह्ह्हह्ह्ह्हह्हssssssssssssssssssssss स्स्स्सस्स्स्स.........म्मम्मम्मम्म
उन्हें इतनी तेज चीखता पाकर मैं फिर से डर गया..पर मम्मी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने खुद पर काबू पाकर ऋतू और सुरभि के सर अपने मुम्मों पर और तेजी से दबा डाले. मैं नीचे से उनकी चूत का रस पी रहा था और ऊपर से वो दोनों उनका दूध.
मम्मी से और सब्र नहीं हुआ और वो उठी और घोड़ी बन कर अपनी गांड हवा में उठा दी और पीछे देखकर बोली..."आ जा बेटा...अब सहन नहीं होता...डाल दे अपनी माँ की चूत में अपना लंड...प्लीस....." वो तड़प सी रही थी..
मैंने उन्हें तडपना उचित नहीं समझा और अपना लंड उनकी चूत के पास लेजाकर रखा, बाकी काम मम्मी ने कर दिया, पीछे की तरफ धक्का लगाकर और निगल गयी एक ही बार में मेरे पुरे लंड को.. मम्मी के दोनों तरफ बैठी हुई ऋतू और सुरभि हमारी चुदाई को देख रही थी..
मेरे मन में अपनी एक और इच्छा पूरी करने की बात आई. मैंने ऋतू और सुरभि को इशारे से मम्मी की ही तरह गांड उठा कर लेटने को कहा.
वो दोनों भी मम्मी के दोनों तरफ उनकी ही तरह घोड़ी बन कर लेट गयी.
मैंने उन दोनों की चूत के अन्दर अपनी उँगलियाँ डाल दी और तेजी से हिलाने लगा.
मेरी उँगलियाँ ऋतू और सुरभि को चोद रही थी और मेरा लंड मम्मी की चूत को. अचानक मैंने अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाल लिया.
मम्मी ने हैरानी से पीछे मूढ़ कर देखा, मैंने उनकी चूत में अपनी उँगलियाँ डाल दी और अपना लंड सुरभि की चूत में सटाया और एक तेज झटका मारा. अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह म्मम्मम्मम्म और उसने भी मेरा लंड निगल लिया अपनी चूत में. अब मैं सुरभि की चूत को पीछे से मार रहा था.
15 - 20 झटकों के बाद मैंने उसकी चूत से भी लंड बाहर निकला और ऋतू के पास जाकर उसकी अधीर सी चूत में पेल दिया.. मेरे सामने तीन चूतें थी जो हवा में अपनी मोटी गांड उठाये मेरे लंड का इन्तजार कर रही थी. मैं बारी-२ से तीनो की चूत मार रहा था.
सच में इतना मजा तो आज तक नहीं आया था मुझे.
जल्दी ही मम्मी ने आवाजें निकालनी शुरू कर दी, मैं समझ गया की वो झड़ने वाली हैं.
"अह्ह्ह ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ऑफ अह्ह्ह बेटा ऐसे ही औउ और तेज बेटा...मार अपनी माँ की चूत हान्न्न ......हन्न्न्नन्न अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह म्मम्मम्म " और उन्होंने मेरे लंड पर अपना सफ़ेद लिसलिसा पानी छोड दिया...
मैंने अपना लंड बाहर निकला और ऋतू की चूत में तब तक घिसा जब तक उसकी चूत का जिन्न पानी बनकर बाहर नहीं आ गया.. वो भी चिल्लाती हुई मेरे लंड को भिगोने लगी..
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह हह्ह्ह्ह अह्ह्ह म्मम्मम्मम मजा आ गया...भाई .......
मैंने पिछली रात 4 बार चोदा था इन दोनों को, इसलिए मेरा लंड जल्दी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.
मैंने अपना गीला लंड सुरभि की चूत में फंसाया और उसे भी उसके अंजाम तक पहुंचा दिया.
अपने ओर्गास्म के समय वो चिल्ला पड़ी, पर इस बार ऋतू तैयार थी उसके लिए, उसने सुरभि के मुंह पर अपना मुंह लगा दिया और उसकी चीख को वहीँ दबा दिया.
घ्न्नन्न्न्न नं,,,,,, म्मम्मम ग्न्न्नन्न्न्न ......म्मम्मम्म ....घ्ह्ह्हह्ह्ह्ह ..... उसकी गुर्राहट सुनाई दे रही थी ऋतू के मुंह से. तीन चूतें एक साथ मारकर मैंने अपनी एक और फ़ंतासी पूरी कर ली थी आज.
अब मेरा लंड उन तीनो के रस में नहाया हुआ खड़ा था, वो तीनो मेरे सामने बैठ गयी और बारी-२ से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
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