RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
"आः आःह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ़... य....... बाबु......हाआ.......हाँ ऐसे ही बाबु......और जोर से..... चुसो.... इन्हें.... चाटो.... काट लो...... लो पियो मेरा दूध......डाल दो अपना दूध मेरी चूत के अन्दर.....अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .... अह्ह्ह्हह्ह बाबु...... मैं तो गयी रे..... अह्ह्हह्ह ओफ्फफ्फ्फ़ म्मम्मम्म ........ आआआआह्ह्ह्ह ..."
उसने जैसे ही अपना रस छोड़ा मेरे खड़े हुए रोकेट के ऊपर, मैंने भी लंड से उसकी चूत के अन्दर गोले दागने शुरू कर दिए.... और उसके दोनों चुचों के बीच अपना मुंह छिपाकर गहरी साँसे लेने लगा...वो मेरे बालों को सहलाती हुई, आँखें बंद किये, मजे ले रही थी.
"वह भाई...तुम तो बड़े तेज निकले....पहले ही दिन मजे ले लिए....हूँ...."
दोनों ने चोंक कर देखा, बाहर ऋतू खड़ी थी....अयान के साथ..
मेरा तो कुछ नहीं, पर अन्नू का चहरा देखने लायक था.
अनीता अभी भी मेरे लंड पर बैठी उसमे से निकल रही पिचकारियों से अपनी चूत को भिगो रही थी, ऋतू और अयान अन्दर आये और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगे, अनीता समझ रही थी की पहले ही दिन उसने चुदवाकर बड़ी भूल करी है, जिसकी वजह से उसकी नौकरी भी जा सकती है, पर जब उसने सभी को मुस्कुराते हुए देखा तो उसकी जान में जान आई, चुद्दक्कड़ तो वो थी ही अपने इलाके की, इसलिए वो समझ गयी की घबराने की कोई बात नहीं है, ऋतू और अयान को भी अब उसे खुश करना होगा, नहीं तो उसकी नौकरी जा सकती है, उसने साथ खड़े अयान के लंड की तरफ देखा तो वो चोंक गयी, पेंट के ऊपर से उसके लंड की लम्बाई देखकर उसे कुछ समझ नहीं आया, पर इतना जान गयी की उसका पाईप उसकी चूत को बड़े मजे देने वाला है. अयान की नजर सीधा अन्नू के मोटे, लटकते हुए मुम्मो पर थी, उसने हाथ आगे करके उन्हें होले से दबा दिया.
मेरा लंड अन्नू की चूत में था, जैसे ही अयान ने उसके मुम्मो को दबाया, उसकी चूत की ग्रिप मेरे लंड के चारों तरफ थोड़ी और टाईट हो गयी, और उसके निप्पल्स जो अन्दर घुस चुके थे, वो बाहर आकर फिर से चमकने लगे, मानों कह रहे हो, अब कोन है भाई...!!
इसी बीच ऋतू ने कोने में पड़ी एक दरी को उठाया और उसे नीचे बिछाने लगी, जगह काफी छोटी थी वहां, इसलिए उस कुर्सी को उठाकर बाहर निकलना पड़ा, अब उसने अन्नू को नीचे जमीन पर लेटने को कहा , अन्नू जैसे ही मेरे लंड से उठी, ऋतू ने उसकी चूत के ऊपर अपना पंजा लगाकर उसके अन्दर से मेरे रस को बाहर निकलने से बचाया, और उसे आराम से दरी पर लिटाकर सीधा उसकी चूत के ऊपर मुंह लगा दिया और वहां से निकलता हुआ आमरस पीने लगी, मेरा लंड अभी -२ झडा था इसलिए मैं खड़ा होकर उनका खेल देखने लगा,
वैसे तो अन्नू भी अभी-२ झड़ी थी, पर वो फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गयी थी, सही में काफी चुद्दक्कड़ किस्म की लोंडिया थी वो. अयान ने जल्दी से कपडे उतारे और नंगा होकर अपना लंड अन्नू के सामने लटका दिया, एक बार तो वो सहम सी गयी उसकी लम्बाई देखकर, शायद सोच रही होगी की कैसे -२ लंड है इनके घर में, पर कोई बात नहीं , मजा तो आने ही वाला था उसे..
ऋतू ने लम्बी फ्रोक्क पहन रखी थी, जैसे ही वो नीचे झुकी, उसकी मोटी गांड ऊपर उठ गयी और मैंने उसकी फ्रोक्क को उठाकर उसके सर से उतार दिया, नीचे उस हरामजादी ने कुछ भी नहीं पहना हुआ था, मादरजात नंगी होकर अब वो बड़े मजे से अन्नू की चूत से मेरे रस को चूस चूसकर बाहर निकाल रही थी.
अन्नू ने शायद कल्पना भी नहीं की थी की ऋतू का सगा भाई उसके कपडे उतारकर उसे नंगा कर देगा, पर जब उसने देखा तो वो समझ गयी की इस फॅमिली में शायद सभी लोग ऐसे ही हैं, सो उसने भी मजे लेने के लिए, इन सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए, सामने खड़े अयान को अपनी तरफ बुलाया और उसके लंड को चूसने लगी.
अयान उसके मोटे और फुले हुए मुम्मो पर अपनी गांड टीकाकार बैठ गया, और उसके मुंह में अपना लंड डालकर चुस्वाने लगा. मेरे लंड में भी धीरे-२ करंट वापिस आने लगा था.
ऋतू के सर को अपनी चूत पर दबाकर अन्नू जोर-२ से चिल्लाने लगी.. "अह्ह्हह्ह बेबी जी.....हां यहीं.....चाटो...बड़ी खुजली होती है यहाँ....अह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ्फ़.....मरर गयी रे....क्या मस्त लोग हो आप सभी..." और ये कहकर वो फिर से अयान के लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी..
ऋतू की चूत में से जैसे शहद टपक रहा था, उसकी चूत में से लटकती एक मोटी सी, गाड़े रस की बूँद, उसकी चूत के सिरे पर लगी हुई थी, मानों कह रही हो, चाटना है तो चाटो, वर्ना में तो चली, मैं कैसे उसे अनदेखा कर सकता था, मैंने झट से आगे बढकर ऋतू की चूत पर अपनी जीभ फेराई और उसे अपनी जीभ पर समेट कर पी गया..बड़ा ही मीठा रस है ऋतू की चूत का..
मेरा लंड भी अब पुरे शबाब पर आ चूका था, अब फिर से सबने अपनी जगह की अदला बदली की और अब नीचे अयान लेट गया अपनी पीठ के बल, ऋतू की गांड उसके मुंह पर आ टिकी और अन्नू ने अपनी चूत को अयान के लम्बे लंड के ऊपर रखा और फिसलती चली गयी वो उसके पोल के ऊपर... "अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उई मा...मा...कितना लम्बा लंड है....ओफ्फ्फ्फ़ .....अह्ह्हह्ह ....'"
अंत में अयान का लंड जब अन्नू के गर्भाशय से टकराया तब उसे पता चला की लम्बे लंड से चुदवाने में कितने मजे हैं, मैंने भी अब अन्नू को मोटी गांड को सहलाया और उसके पीछे वाले छेद को थूक लगाकर उसके रिंग में अपने लंड का सुपाडा फंसाया और एक तेज धक्का मारा...
"अय्यीईईइ बाबु....थोडा धीरे....इतना मोटा लंड तो आज तक मेरी चूत में भी नहीं गया था, और तुम गांड में इतनी बेरहमी से घुसा रहे हो...." वो शायद और भी कुछ बोलती पर ऋतू ने उसका मुंह अपनी चूत पर दबाकर उसकी बोलती बंद कर दी....
अब ऋतू की गांड को नीचे लेटा हुआ अयान चाव से चाट रहा था और ऊपर से अन्नू उसकी चूत का पानी पी रही थी..और अन्नू की गांड में मेरा और चूत में अयान का लंड था, जिसे हम दोनों भाई लम्बे लम्बे झटके दे देकर चोद रहे थे...
मजे तो ऋतू के थे, जिसकी चूत एंड गांड पर मखमली जीभ से सिंकाई हो रही थी, पर आफत अन्नू के लिए थी, उसने इतना लम्बा लंड अपनी चूत में और इतना मोटा लंड अपनी गांड में, आज तक नहीं लिया था...
पुरे स्टोर रूम में अन्नू की चीखें गूँज रही थी...
"अह्ह्ह्हह्ह बाबु.....थोडा धीरे.....अह्ह्हह्ह ....नहीं......अह्ह्हह्ह....इतनी तेज नहीं रे.....अह्ह्ह्हह्ह ...मार डाला....रे....उई.....ओ माँ....ओह्ह्ह्ह.....उफ्फ्फ.....हाँ.....अह.....क्या कर रहे हो....."
मैं उसकी गांड के फेले हुए हिस्से को अपने हाथ से मसल रहा था और बडबडा रहा था..
"ले साली...रंडी...तुने अभी अपने मोहल्ले के लंड ही खाए हैं....कुतिया .....चुद मेरे मोटे लंड से....भेन की लोड़ी.... बड़ी आई थी अपनी बहन को बचाने... साली.. उससे भी पूछ लेती...वो भी तो चुदना चाहती है....तू चुदे और वो देखे...साली हरामखोर... सारे लंड तू ही खाएगी क्या....वो कुंवारी रहेगी पूरी उम्र....बोल....."!!
वो बोली "बाबु.... चोद देना उसे भी...मुझे क्या मालुम था ...इतने मजेदार लंड हैं यहाँ....मोटे लंड से चुदेगी तो पूरी उम्र मजे लेगी....अह्ह्हह्ह .....चोद देना उसे भी.... पर अभी तो आप मुझे मजे दो...बड़ा मजा आ रहा है....इतने तो आज तक नहीं आये... अह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ्फ़....अह्ह्हह्ह ......म्मम्मम ....." और फिर वो बकरी की तरह, ऋतू की चूत से पानी पीने लगी.
ऋतू की गांड और चूत पर भी एक साथ हमला हो रहा था, इसलिए सबसे पहले उसने झड़ना शुरू किया,
"अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ....ओफ्फ्फ्फ़ भाई..... अह्ह्हह्ह मैं तो गयी......अह्ह्हह्ह....अनीता ....बड़ा मस्त चुसती है रे तू तो....अब्बब्बब्ब ......अह्ह्ह्हह्ह म्मम्मम्म " और जैसे ही उसकी चूत से रस का झरना फूटा, अन्नू ने जीभ बाहर निकालकर , लप लपा कर उसे पीना शुरू कर दिया, पर फिर भी उसके मुंह से बचकर कुछ पानी नीचे की और सरक गया और नीचे लेटे अयान के मुंह में जाकर टकराया..उसने अपनी जीभ उस रस में भिगोकर, ऋतू की गांड के छेद में वापिस डाल दी...बस येही बहुत था.उसे और भी ज्यादा तड़पाने के लिए...
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