RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
मैंने उसे समझाते हुए कहा "देखो सोनी, हमारे घर में कोई भी एक दुसरे से शर्म नहीं करता, सभी एक दुसरे के साथ मस्ती भी करते हैं और मजे भी लेते हैं, तुम जब तक यहाँ हो, तुम भी मस्ती करो और मजे लो..जैसे तुम्हारी छोटी बहन ले रही है..देखो, और क्या तुम कल वाले अधूरे काम को पूरा नहीं करना चाहोगी.. ."?? और मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया, उसके मोटे चुचे मेरे सीने से लग गए, उसने अन्नू की तरफ देखा जिसके आगे मेरे पापा और पीछे हरीश अंकल खड़े होकर उसके गर्म और ताजे ग़ोश्त के मजे ले रहे थे.
वो जानती तो थी की उसकी बहन सभी गंदे काम करती है, पर आज शायद पहली बार उसे अपने सामने ही रंगरेलियां मनाते हुए देख रही थी, जिसकी वजह से उसकी चूत में भी सीलन आने लग गयी थी, मैंने उसके शरीर को मसलना शुरू किया और उसके फेले हुए कूल्हों को दबाकर उसके शरीर से उठने वाली तरंगो को और तेज कर दिया.
उसके मुंह से हलकी -२ सिस्कारियां निकलने लगी थी, अचानक उसने मेरी तरफ मुंह किया और मेरे होंठों को चूसने लगी, किसी प्यासी मछली की तरह, और मेरे मुंह से सारा पानी निकालकर पीने लगी. वो काफी गर्म हो चुकी थी, वो जानती थी की कल वाली घटना के बाद आज उसकी चुदाई तो पक्की है,
और जब उसने हमारे घर का रंगीन माहोल देखा, जहाँ बाप-बेटी, माँ-बेटा, सभी लोग एक दुसरे के साथ मजे लेने में लगे हुए हैं, और यहाँ तक की उसकी छोटी बहन के शरीर से भी सभी खेल रहे हैं तो वो क्यों पीछे रहे,
उसके अन्दर की जवानी भी फूट फूटकर बाहर आने लगी, उसके निप्पल कड़क होकर सूट के ऊपर तन गए और मेरी छाती में चुभने लगे.
मैंने एक हाथ से उसके सूट का किनारा पकड़ा और उसे ऊपर करके निकाल दिया..और फिर उसकी मेली सी ब्रा भी निकाल फेंकी, अब वो भी हमारी तरह ही आधी नंगी हो चुकी थी..
आज उसके चुचे कुछ ज्यादा ही मोटे, कड़क और दबंग टाइप के लग रहे थे, उनपर सजे निप्पल तो गजब ढा रहे थे, मेरे लंड ने अपना पूरा विकराल रूप ले लिया था. अयान अब मम्मी के नीचे वाली हिस्से को भी उतारने में लगा हुआ था, दीपा आंटी भी अपनी बहन के साथ खड़ी हुई अपने बेटे के उबलते हुए लंड को देखकर गर्म होने लगी थी.
मम्मी ने आज नीचे कच्छी भी नहीं पहनी हुई थी, अयान ने उन्हें नीचे जमीन पर लिटाया और उनकी चूत पर अपने होंठ रखकर वहां से गरमा गरम पानी पीने लगा, दीपा आंटी साथ में खड़ी होकर अपनी चूत और चुचे को एक साथ मसल रही थी, उन्होंने अपने आप ही अपने बाकी बचे हुए कपडे उतार फेंके और नंगी होकर वो भी अपनी बड़ी बहन के साथ वहीँ जमीन पर लेट गयी,
ये सोचकर की शायद उनका भी नंबर आएगा, चूत चटवाने का...अयान ने उन्हें निराश नहीं किया , थोड़ी देर तक मम्मी की चूत चाटने के बाद उसने अपनी मम्मी दीपा की टांगों के बीच लेटकर उनकी चूत से निकलते हुए रसीले पानी को पीकर उनकी चूत को तृप्त किया...और अपनी जीभ को भी..
ऋतू और सुरभि ने एक दुसरे के चुचे चाटने शुरू कर दिए, वो दोनों आज लेस्बियन वाले मूड में थी, उन्हें मालुम था की आज लंडो की कमी पड़ेगी, दो-दो नयी चूतें जो आई थी आज..
पर कोई बात नहीं , वो रात को चुद कर अपना हिसाब पूरा कर लेंगी, और तब तक एक दुसरे की चूतें चाटकर ही काम चला लेंगी.
पापा ने अन्नू को अपने ऊपर लिटा लिया था..और उसकी जींस उतार कर उसे भी नीचे से नंगा करके उसे अपने मुंह की सवारी करने लगे, ऊपर खड़े हुए हरीश अंकल ने अपना लंड बाहर निकाला और पापा के मुंह के ऊपर बेठी हुई रंडी के मुंह में डालकर मजे लेने लगे. साले दोनों सांढू मिलकर उस रसीली अन्नू का बैंण्ड बजाने की तय्यारी कर रहे थे.
हमारे घर के पीछे वाले आधे हिस्से में घाॅस है और आधे में फर्श..
मैंने सोनी को घाॅस पर लिटाया और उसके नीचे वाले हिस्से को भी नंगा कर दिया..
उसने नीचे काले रंग की पेंटी पहन रखी थी, जिसमे से उसकी फूली हुई चूत बड़ी दिलकश लग रही थी, मैंने उसपर हाथ फेरा तो उसके मुंह से एक आह सी निकल गयी...
"आआआआआआआआह्ह्ह्ह बाबु......अम्म्मम्म्म्म ....अह्ह्ह्ह ..."
उत्तेजित होने की वजह से उसके मुंह से लार निकल कर उसके होंठों को भिगोने लगी. बड़ी ही सेक्सी लग रही थी वो उस समय...
मैंने ऊपर उठकर उसके गीले होंठों को चुसना शुरू कर दिया और उसके चुचे अपने हाथों में पकड़कर दबाने लगा, आज उसके निप्पल बड़े ही कड़क थे, मानो पत्थर के हो चुके हो...
मैंने सर नीचे किया और उसके दांये निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा, बड़ा ही खट्टा सा स्वाद था उसके जिस्म का..भीनी -२ सी महक आ रही थी, शायद पावडर लगा कर आई थी वो अन्दर...
मैंने जीभ से उसके उरोजों को चाटना शुरू किया और उसके पेट से होता हुआ, नाभि पर आकर अपनी जीभ अन्दर डालकर वहां कुरेदने लगा, उसे शायद गुदगुदी हो रही थी ऐसा करने से...पर जब मैंने थोडा और नीचे होकर उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से ही अपने मुंह में भींच लिया तो उसकी तो बोलती ही बंद हो गयी,
उसने मेरे सर को अपनी चूत के ऊपर दबा कर मुझे और जोर से अपनी चूत को चाटने और काटने पर मजबूर कर दिया. मैंने एक हाथ से उसकी कच्छी को पकड़ा और उसे उतार दिया, उसके भीने रस में डूबी कच्छी को मैंने जब खींचकर पेरों से नीचे उतारा तो उसकी चूत का पूरा रस उसकी टांगों से रगड़ खाता हुआ उसे भिगोता चला गया..
मैंने नीचे से उसकी टांगों को चाटना चुरू किया और सारा रस अपनी जीभ में समेटते हुए ऊपर तक आया और उसकी चूत पर आकर मैंने दोबारा जब उसकी नंगी चूत को अपनी जीभ से छुआ तो उसके मुंह से एक अजीब तरह की हुंकार निकली..."हुऊऊऊ ,.......आआआह्ह ....ऊऊऊ बाबु........मरररर गयी......अह्ह्हह्ह्ह्ह स्स्स्सस्स्स्स स्सस्सस्सस ,,,,,,म्मम्मम्म "
और फिर मैंने अपनी जीभ और होंठ से उस शहद वाली झील से पानी पीना शुरू किया, मैं जितना साफ़ करता, अन्दर से और पानी बाहर आ जाता..
मैं झक्क मारकर ऊपर की तरफ चल दिया, मैं जानता था की इसका पानी तो अब पूरी जिन्दगी निकलता ही रहेगा..मैंने अपना तना हुआ लंड उसके मुंह के पास करके उसके मुंह में पेल दिया,
वो चपर -२ करके बड़ी ही बेसब्री से उसे चाटने लगी, मेरी गांड के नीचे उसके पेने से निप्पल थे जो मुझे चुभ से रहे थे, मैंने हाथ नीचे करके उन्हें अपनी उँगलियों से दबाना शुरू किया..वो लंड चुसे जा रही थी और मचलती जा रही थी.
ऋतू और सुरभि ने 69 वाले पोस में एक दुसरे की चूत को आइसक्रीम की तरह चुसना शुरू कर दिया था, आज उनकी चूत से काफी मलाई निकल रही थी, जिसका मजा वो दोनों ले रहे थे.
वैसे असली मलाई तो अयान के हिस्से में थी, जो उसे अपनी माँ और मेरी माँ की चूत के अन्दर बारी-२ से घुसकर बड़े मजे से खा रहा था. पापा ने सोनी को नीचे धकेला और उसकी चूत को अपने लंड पर टीकाकार उसे नीचे कर दिया...वो बहकती हुई सी पापा के मोटे मुशटंडे लंड पर बैठ गयी.. आआआआआअह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह.....आपका तो छोटे बाबु जैसा ही है...."
साली ने अपना मुंह खोलकर बता ही दिया की वो मेरे से चुद चुकी है...पर मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था.. तभी पीछे से आकर हरीश अंकल ने उसकी गांड के छेद में अपनी थूक से भीगी ऊँगली डाली और रास्ता बनाकर वहां अपना लंड टिका दिया, और फिर उसके मुम्मे पकड़कर एक तेज झटका मारा..
"अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह.......धीरे....करो बाबु......इतने मोटे लंड पहली बार गए हैं...मेरी चूत और गांड में...." हरीश अंकल अपने छोटे से लंड की तारीफ सुनकर फुले नहीं समाये...वो समझ रहे थे की मोटे लंडो में उन्हें भी शामिल किया जा रहा है, पर वो शायद नहीं जानते थे की वो मेरे और पापा के लंडो की बात का रही है..
पर जो भी हो, इस बात ने हरीश अंकल के अन्दर एक नया जोश भर दिया और फिर जो उन्होंने रेल चलायी अन्नू की गांड में, वो साली कुतिया की तरह चिल्लाने लगी...नीचे से मेरे पापा और पीछे से हरीश अंकल, दोनों ने अपने लंडो को उसकी चूत और गांड के अन्दर ऐसे पेलना शुरू किया जिसका कोई जवाब ही नहीं था...और वो बेचारी...बीच में फंसी हुई...जोर जोर से चिल्ला रही थी..
"अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बाबु......अह्ह्हह्ह्ह्ह होऊँ........अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अयीईई अह्ह्ह्हह्ह धीएरे.......माआआआ माआआआ मर्र्र ई रे......आःह्ह ओफ्फ्फफ्फ्फ़ मैं आई.....आःह्ह ऊऊऊ अऊऊऊओ........"
और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया..पर पापा और हरीश अंकल पर तो जैसे भूत चढ़ गया था, उनकी स्पीड कम नहीं हुई.वो लगे रहे. उसके बाद ना जाने अन्नू की चूत ने कितनी बार पानी छोड़ा होगा वो भी नहीं जानती थी शायद.
मम्मी ने दीपा आंटी को अपने ऊपर खींच लिया और उनके होंठ चूसने लगी, मैंने पहली बार मम्मी को अपनी बहन को किस करते हुए देखा था, दीपा आंटी भी अपनी चूत को मम्मी की चूत पर रगड़ रही थी.. पीछे से अयान ने मौका देखकर मम्मी की चूत में अपना लम्बा सा लंड पेल दिया..
"अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अयान.......बेटा.......अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह हान्न्न्न "
और फिर वो अपनी बहन के होंठ चाटने लगी...
थोड़ी देर धक्के मारने के बाद उसने अपना लंड निकाला और थोडा ऊपर करके अपनी मम्मी की चूत पर टिकाया और धक्का मारकर उनकी रसीली सुरंग के अन्दर दाखिल हो गया...
" अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह्ह हूऊऊऊ .... म्मम्मम्मम्म "
उन्होंने अपने चुचे पकड़कर मम्मी के मुंह में डाले जैसे अपनी बड़ी बहन को दूध पिला रही हो.
अब अयान बारी बारी से मम्मी और दीपा मौसी की चूत को मार रहा था...
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