RE: Hindi Sex Stories याराना
उधर रणवीर का भी यही हाल था।
हमें अपनी बीवियों को लेकर कहीं बाहर निकलना था क्योंकि यह काम घर में नहीं हो सकता था, हम दोनों के ही संयुक्त परिवार थे। रणविजय और मैं रोज बात कर रहे थे, शाम को अपने वर्कशॉप बंद करने के बाद कहीं दूर बैठ जाते और योजना बनाते। मुश्किल यह थी हमारे कारोबार एक ही क्षेत्र से संबंधित थे इसलिए दोनों को एक साथ निकलना कठिन था। लेकिन एक बहुत बड़ी चीज के लिए कुछ तो कुर्बानी देनी ही पड़ती है। हमने कुछ दिन वर्कशॉप बंद करके शिमला घूमने का प्लान बनाया, लंबा पाँच दिन का। अपने घर वालों को नहीं बताया कि सामने वाला कपल भी उसी जगह घूमने जा रहा है।
बिजनेस वालों की बीवियों से पूछो वे बाहर जाने को कितना तरसती हैं। उनके पति हर समय बिजनेस में बंधे होते हैं। सो हमारी बीवियों की खुशी का ठिकाना नहीं था, वे उत्साह से तैयारी करने लगीं। लेकिन असली तैयारी तो हमको करनी थी (अपनी पत्नियों को बिगाड़ कर) बिगड़ने से ही वे बिगड़े हुए काम यानि स्वैपिंग के लिए राज़ी होतीं। दोनों पैसे वाले परिवारों से थीं मगर ससुराल में अच्छी बहुओं जैसी ही रहती थीं। रणविजय और मैं एक दूसरे को अपने बेडरूम में होने वाली घटनाएँ बताते थे। कैसे रात में वो सेक्सी ड्रेस पहनकर हमें उत्तेजित करती, कैसे हमने सेक्स किया, कैसे हमने अपनी पत्नी के साथ ब्लू फिल्म देखी, वगैरह, वगैरह।
तृप्ति ने एक दिन कहा- तुमने सपने तो दिखा दिए घूमने जाने के लेकिन तुम्हारा प्लान नहीं सेट हो पा रहा, या तो बताते ही नहीं?
मैं- कोई बात नहीं यार, जब भी चलेंगे इतना कुछ करेंगे कि सारे इंतज़ार को भूल जाओगी।
तृप्ति- अच्छा! ऐसा क्या करने वाले हो? नया तो रोज कर ही रहे हो। ब्लू फिल्म देख-देख के सारे प्रैक्टिकल कर लिए। अब क्या नया करोगे?
मैं- यार, मैंने कोई प्लान थोड़ी बनाया हुआ है। बस ख्वाहिश है कि इसे यादगार बनाऊँ क्योंकि समय तो मिलता नहीं खुद की लाइफ जीने का। बिजनेस ही ऐसा है।
तृप्ति- मुझको तो समझ नहीं आता कि इतना पैसा क्यों इकट्ठा कर रहे हो कि खत्म करने के लिए जिंदगी कम पड़ जाए?
मैं- हम्म्म्म लेकिन अपनी आउटिंग को यादगार बनाने के लिए तुमको भी साथ देना होगा।
तृप्ति- हाँ जी, आपको आपकी जरूरत से ज्यादा ही दूँगी, देख लेना।
तृप्ति अच्छे से नहाकर छोटी सी पारदर्शी नाईटी पहनकर आई थी, उसने मुझे बिस्तर पर ठेलकर गिरा दिया, बोली- कल तुमने थोड़ा सा मेरी चूत और उसके नीचे की छेद को जीभ से गुदगुदाया था तो बड़ा अच्छा लगा था। तो कल के ट्रेलर की आज पूरी फिल्म दिखाओ। वह उल्टी तरफ मुँह करके मेरे ऊपर चढ़ गई, पीछे खिसक कर उसने अपने गोरे नितम्बों के बीच की गहरी जगह को मेरे मुँह पर टिकाई और मेरे ऊपर लेट गई, अपना सारा बोझ स्तनों के सहारे मेरे पेट पर डालते हुए उसने अपने प्यारे प्यारे कोमल मुँह में मेरे खड़े लिंग को ले लिया।(मेरी पत्नी सेक्स में प्रयोग पसंद करती थी।)
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