Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस
12-27-2020, 12:57 PM,
#17
RE: Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस
यह सुनकर उपासना से बर्दाश्त नहीं हुआ और उपासना बोली - पापा जी देखिए आपकी बहू कितनी बड़ी चुडक्कड़ रंडी है , आज यह आपको मैं दिखा ही देती हूं ।

ऐसा कह कर उपासना ने उसके सीने पर धक्का मारा और उसको लिटा कर उसके लोड़े के पास अपना चेहरा ले गई।

दोस्तों उपासना ने अपने चेहरे से लंड को नापा तो धर्मवीर का लंड उपासना के माथे से भी ऊपर जा रहा था ।

उपासना धर्मवीर के देखकर हैरान होते हुए सोचने लगी कि इस मर्द इन अंडों में कितना रस होगा।

कैसा होगा वह पल जब इनका रस निकल कर मेरी चूत में भर जाएगा ।

यह सोचते ही उसने अपनी जीभ निकाली और लंड को चाटने लगी।

लंड को चाटते हुए उपासना अब इतनी बेशर्मी पर उतर आई थी कि उसने अपनी आंखें धर्मवीर की निगाहों से मिला दीं ।

उसकी नजरों में झांकते हुए उसके लंड को चाटने लगी।

यह नजारा देखने लायक था। और धर्मवीर का लंड भनभना गया ।

उपासना ने उसके लंड को चाटने के बाद उसे मुंह में लेना चाहा लेकिन उसका लैंड का आगे का नुकीला हिस्सा ही उसके मुंह में जा सका । क्योंकि धर्मवीर का लंड मोटा होने की वजह से उसके मुंह में फस रहा था ।

यानी कि अंदर नहीं घुस पाया था। यह देखकर धर्मवीर ने उसका सर पकड़ कर अपने लंड पर दबाया लेकिन फिर भी उसके मुंह में जाने से नाकाम रहा ।

धर्मवीर को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने उपासना को बड़ी फुर्ती से बेड पर सीधा चित्त लिटाया और उसके ऊपर चढ़कर उसके सर के नीचे एक तकिया लगाया

धर्मवीर ने कहा कि खोल मेरी जान अपना मुंह ।

उपासना ने जैसे ही मुंह चौड़ा किया धर्मवीर ने पूरा झुक कर उसके मुंह में ऐसा झटका मारा कि लंड आधा उपासना के मुंह में चला गया । अब आधा लंड उपासना के मुंह में फसाकर धर्मवीर जैसे ही ऊपर की तरफ हुआ तो उपासना का चेहरा भी लंड के साथ ऊपर की तरफ खींचने लगा।

क्योंकि उसके मुंह में लंड फसा पड़ा था ।उपासना की आंखें बाहर निकलने को तैयार थी और आंखों से हल्के हल्के आंसू निकलने लगे थे ।

यह देखकर धर्मवीर भी सोचने लगा कि यदि मैंने अब लंड निकाल लिया तो यह दोबारा लेने के लिए राजी नहीं होगी ऐसा सोचते ही उसने अपनी कमर का दबाव बनाते हुए एक और झटका मारा और लंड उपासना के हलक तक उतार दिया। इतना मोटा लौड़ा अपने मुंह में फंसा कर पछता रही थी आज उपासना । वह बस गूंगूंगूंघोंघों के अलावा कुछ नहीं कर पाई। 1, 2 झटके के बाद जब धर्मवीर को लगा की उपासना की हालत बर्दाश्त से बाहर है तो उसने माथे पर हाथ रखकर अपने लंड को बाहर खींचा और लंड बाहर खींचते ही उपासना के मुंह से ढेर सारा थूक उसके लंड के साथ बाहर तक निकल गया उसके थूक से पूरी उसकी चूचियां गीली हो गयी ।

उपासना - अपनी बहू को इस तरह भी क्या कोई लंड डालता है मुंह में कि मेरे हलक तक ही उतार दिया ।

और वह भी इतना मोटा लौड़ा मुझे नहीं लगता मैं इसे चूत में ले पाऊंगी ।

धर्मवीर- मुस्कुराते हुए कहने लगा कि मेरी जान इस लंड से चुदने के बाद निखर जाएगी ।तेरी गांड और भी ज्यादा चौड़ी हो जाएगी । तेरी सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।

ऐसा कहते हुए उपासना को उसने दोबारा से लिटाया और अपने लंड को उसके गालों पर ऐसे मारने मारने लगा जैसे हल्के हल्के हल्के थप्पड़ मार रहा हो। अपने लंड से उसके मुंह को सहलाने के बाद धर्मवीर उसकी चुचियों पर आया।

धर्मवीर ने अपना मुंह खोला और उसकी चुचियों को मुंह में भरा । फिर धर्मवीर ने उपासना की कमर के नीचे अपने हाथ लगाए और उसकी छाती को अपने मुंह पर और ज्यादा दबाया जिससे कि उसकी चूचियां उसके मुंह में ज्यादा से ज्यादा आजाये । उसके बाद उसकी चुचियों को चाटने लगा।

दोनों चुचियों से खेलने और चाटने के बाद धर्मवीर ने अपना चेहरा उठाया तो देखा उसके थूक से उसकी दोनों चूचियां गीली हो गई है ।

धर्मवीर ने अपना भयंकर लंड उसकी चुचियों के बीच में रखा और उसकी चूची में घिसने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा ।

अब उपासना चुदने के लिए पूरी तैयार हो चुकी थी ।

लेकिन और भी उसे तड़पाना चाहता था धर्मवीर ।

उपासना से कहने लगा कि मेरी बहू मुझे पता होता कि तेरी जवानी इतनी लंड की भूकी है तो कब का मैं तुझे चोद चोद कर निहाल कर देता । ऐसा कहकर धर्मवीर नीचे की तरफ आया और उसके पेट को चाटने लगा उसके पेट को चाटने के बाद धर्मवीर उसके चूत पर ना जाकर सीधा उसके पैरों पर गया ।

पैरों को चूमने चाटने लगा फिर उसने उपासना के पैरों को पकड़कर उपासना को उल्टा लेटने का इशारा किया।

उपासना उल्टी होकर लेट गई जैसे ही उसकी गांड ऊपर को उठी धर्मवीर ने उसकी गांड पर अपने दोनों हाथो से थप्पड़ों की बरसात करदी ।उसकी गांड हल्की-हल्की लाल हो गई थी ।

उसकी कमर पर चुंबन करने लगा ।

फिर धर्मवीर उसके चूतड़ों को अपने गालों से सहलाने लगा।

अपने होठों से उन चूतड़ों पर चुंबन देने लगा फिर उसने उन चूतड़ों को अपनी जीभ निकालकर चांटा और उन्हें फैला कर चूतड़ों के बीच मुह घुसा दिया ।

फिर धर्मवीर ने उपासना को सीधी लिटाया और उसकी जांघों को उसके घुटनों तक मुड़कर छातियों से मिला दिया।

धर्मवीर उपासना के इस रूप को देखकर पागल हो उठा क्योंकि उसकी चूत खुलकर सामने आ गई थी और उसकी चूत के एकदूसरे से सटे हुए होंठ अब छेद के पास से हल्का सा खुल गए थे और एक छोटा सा छेद धर्मवीर को नजर आने लगा ।

धर्मवीर उसे निहारते हुए उसकी चूत पर ऐसे टूट पड़ा कि जैसे कुत्ता ।

धर्मवीर ने अपना थूक निकाल निकाल कर उसकी चूत के पानी के साथ मिलाया और उसकी चूत को लप-लप चाटने लगा ।

उसके दाने को चूसने लगा। उपासना की बर्दाश्त से बाहर हुआ तो उपासना उसके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी।

उपासना के मुंह से निकला चाट लो पापाजी मीठा पानी। इस पानी को चाटने के लिए तो कितने लोग पागल हुए फिरते हैं। और आपकी बहू अपनी चूत फैलाकर आपसे भीख मांग रही है कि इसे चाटो, इसे इतना प्यार करो कि निगोड़ी चूत इतनी निखर जाए कि हर लंड को इससे प्यार हो जाये ।

धर्मवीर का पूरा चेहरा उपासना की चूत के पानी से और थूक से सन गया था ।

धर्मवीर बोला इस चूत को आज इतना प्यार करूंगा की ये चूत, चूत ना रहकर भोसड़ा बन जाएगी ।

उपासना की आंखों में धर्मवीर ने देखा तो उपासना की आंखें कह रही थी कि मैं लंड मांग रही हूं मैं मुझे दे दो अपना तगड़ा हल्ल्बी लोड़ा।

धर्मवीर ने जब देखा कि उपासना हद से ज्यादा पानी छोड़ने लगी है तो ऊपर आया और उसके ऊपर लेट कर अपने लंड को उपासना की चूत से रगड़ दिया।

जैसे ही लंड का स्पर्श चूत पर हुआ उपासना पागल हो गयी । उस गरम लंड के के स्पर्श से ।

फिर उसकी टांगों को उसकी छातियों से लगाकर धर्मवीर उसकी चूत के आगे बैठा और अपना लंड उसकी चूत पर ऐसे मरने लगा जैसे हल्के हल्के थप्पड़ मार रहा हो ।

उसके बाद धर्मवीर भी सोचने लगा कि अब समय आ गया है बहू की चूत में लंड डालने का फिर धर्मवीर ने अपने लंड पर थूक लगाया और उसे उपासना के छेद पर लगा कर जैसे ही हल्का सा धक्का दिया है लंड फिसल गया ।

उपासना आंखें बंद किए हुए इंतजार कर रही थी और आह आह सिसकारी ले रही थी ।कि अब उसकी चूत में लंड उतरेगा ।धर्मवीर ने दोबारा उसके ऊपर लंड को चूत पर लगाकर झटका दिया हल्का सा छेद में जाने के लिए घुसा ही लेकिन फिर फिसल गया ।

और जैसे ही लंड चूत के छेद पर लगा रहा था उपासना को ऐसा लगा जैसे कोई क्रिकेट वाली बॉल को उसकी चूत में घुसा रहा हो ।

उपासना जानती थी कि उसे असहनीय दर्द होगा लेकिन वह अपने आप को तैयार कर रही थी।

फिर भी बड़ी मशक्कत करने के बाद जब लंड उसकी चूत में नहीं गया तो उपासना को याद आया कि उसने रैक में चॉकलेट का डब्बा भी रखा था ।

उसने लिक्विड चॉकलेट का डब्बा निकालकर धर्मवीर की तरफ बढ़ा दिया धर्मवीर ने देखा तो उसका मजा दोगुना हो गया ।

उसने जल्दी से डब्बा खोला और उसकी टांगों को छाती से लगाकर वह लिक्विड चॉकलेट उसकी चूत पर डालने लगा जब चॉकलेट से पूरी चूत ढक गई धर्मवीर उसे चाटने लगा।

पूरा डब्बा उसकी चूत पर डाल डाल कर चाटा।

उपासना तो मजे से दोहरी हो गई ।
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RE: Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस - by desiaks - 12-27-2020, 12:57 PM

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