RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“म-मैं तेरी शिकायत करने एस.एस.पी. के पास जा रही हूं।” कहने के साथ वह तेजी से दरवाजे की तरफ पलटी।
“जा—वहां भी जाकर देख ले! मगर जरा ये फोटो देखती जा।” कहने के साथ देशराज ने दराज से ढेर सारे फोटो निकाल कर मेज पर डाल दिए।
भौंचक्की रह गयी छमिया, बड़ी-बड़ी आंखें विस्फारित अंदाज में फट पड़ीं।
प्रत्येक फोटो में वह अलग मर्द की अंकशायिनी बनी नजर आ रही थी, मुंह से केवल इतने ही शब्द फूट सके—“ये-ये फोटो?”
“ट्रिक फोटोग्राफी से तैयार किये गये हैं।” इंस्पेक्टर नरपिशाच की मानिन्द हंसा—“मगर कोई ताड़ नहीं सकता—एस.एस.पी. तो क्या, उसका बाप भी नहीं—गौर से देख इन्हें, दो फोटुओं में असलम के साथ नजर आ रही है—उसके साथ जिसे इसी जुर्म में तेरे पति ने मार डाला—अब जरा सोच, दिमाग पर जोर डाल मेरी बुलबुल कि इन फोटुओं के बूते पर मैं तुझे रंडी साबित कर सकता हूं कि नहीं?”
छमिया अवाक्!
“मेरे बारे में कहे जाने वाले तेरे किसी भी शब्द पर न एस.एस.पी. यकीन करेगा न खुद तेरा पति—इन फोटुओं को देखने के बाद वह भी तुझे रंडी समझेगा—अब बोल, मेरे द्वारा चूसी जाने के बाद सारी दुनिया की नजरों में सती-सावित्री बनी रहना चाहती है या यहां से बाहर जाकर दुनिया की नजरों में वेश्या बनना पसंद करेगी?”
छमिया जड़ होकर रह गयी, मुंह से बोल न फूट सका।
अधर कांप रहे थे।
देशराज जानता था कब, कौन से तीर का, क्या असर होता है। अतः थोड़े नर्म स्वर में बोला—“बावली मत बन छमिया—अपने बारे में न सही—गोविन्दा के बारे में सोच, तू उसे फांसी के फंदे से बचा सकती है।”
डबडबाई आंखों के साथ छमिया बहुत मुश्किल से पूछ सकी—“क्या तुम उन्हें सचमुच छोड़ दोगे?”
“बिल्कुल सच।” देशराज की लार टपक गयी—“तेरी कसम!”
छमिया का कांपता हुआ हाथ दरवाजे की तरफ बढ़ा—पहले दरवाजा और फिर चटकनी बन्द कर दी उसने। काश! वह जान सकती कि गोविन्दा को छोड़ने का उसका कोई इरादा न था।
*,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,*
|