hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
12-31-2020, 12:16 PM,
#9
RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“न-नहीं—ऐसा नहीं हो सकता।” दयाचन्द के हलक से चीख निकल गई—“मैंने एक लाख दिए हैं, उन्हें डकारने के बाद तुम ऐसा नहीं कर सकते।”

“जुबान को लगाम दे दयाचन्द।” देशराज गुर्राया—“मुझसे इस लहजे में बात करने की हिम्मत कैसे हुई?”
दयाचन्द सकपका गया, संभलकर नर्म स्वर में बोला—“कुछ तो ख्याल कीजिए इंस्पेक्टर साहब—मेरा काम करने की ‘एवज’ में आप एक लाख ले चुके हैं, ऐसा कहीं होता है कि पैसा लेकर काम न किया जाये?”

“किस काम का पैसा लिया था मैंने?”

“गोविन्दा को फंसाने का।”

“भूल है तेरी—यह पैसा गोविन्दा को फंसाने के लिए नहीं—तुझे बचाने की खातिर लिया था, तेरे अलावा किसी भी अन्य को फंसाने के वादे पर लिया था—गोविन्दा को फंसाने का आइडिया भी मेरा था और अब … सलमा को फंसाने का आइडिया भी मेरा है।”

“अगर वह एक लाख रुपया केवल मुझे बचाने का था, गोविन्दा को फंसाने का नहीं, तो ठीक है—सलमा को बचाने की कीमत बता दो, मैं भर दूंगा। मगर बने-बनाये प्रोग्राम में रद्दोबदल मत करो।”

“ओ.के.।” देशराज ने एक झटके से कहा—“अपनी माशूका के लिए इतना ही मरा जा रहा है तो उसे बचाने की खातिर खुद को पेश कर दे।”

“ख-खुद को?” दयाचन्द हकला गया—“क-क्या मतलब?”

“मतलब साफ है बेटे—तुझे पेश कर देता हूं कोर्ट में।”

दयाचन्द का चेहरा इस कदर पीला पड़ गया जैसे एक ही झटके में सारा लहू निचोड़ लिया गया हो, घिघियाया—“आखिर आपको हो क्या गया है इंस्पेक्टर साहब?”

“मुझे तुम दोनों में से एक चाहिए—जल्दी फैसला कर, खुद को पेश कर रहा है या अपनी माशूका को?”
जड़ होकर रह गया दयाचन्द, मुंह से बोल न फूट रहा था।

“तो चल!” देशराज ने उसकी कलाई थाम ली—“तू ही चल!”

“न-नहीं!” दयाचन्द चीत्कार उठा—“म-मुझसे बेहतर तो वही रहेगी।”

“गुड!” देशराज हंसा—“समझदार आदमी को ऐसा ही फैसला करना चाहिए—माशूका का क्या है, एक ढूंढो हजार मिलती हैं और दो-चार तो बगैर ढूंढे ही मिल जाती हैं—खैर, अब तू एक नई स्टोरी सुन!”

दयाचन्द किंकर्त्तव्यविमूढ़ अवस्था में खड़ा रहा।

देशराज ने उसकी अवस्था की परवाह किए बगैर कोर्ट के समक्ष पेश की जाने वाली स्टोरी शुरू की—“पूछताछ के दरम्यान गोविन्दा बार-बार न केवल असलम की हत्या करने से इंकार करता रहा, बल्कि यह भी कहता रहा कि छमिया और असलम के बीच वैसा कोई संबंध न था जैसा सलमा ने कहा है, जबकि वैसा संबंध खुद सलमा और मालिक के दोस्त दयाचन्द के बीच था।”

“म-मेरा नाम?” दयाचन्द की तन्द्रा टूटी—“त-तुम मेरा नाम भी घसीटोगे?”

“तुझे घसीटे बिना स्टोरी नहीं बनेगी।”

दयाचन्द की जीभ को लकवा मार गया।

“भरपूर प्रयासों के बावजूद जब गोविन्दा यही कहता रहा तो मैं यानि इंस्पेक्टर देशराज यह सोचने पर विवश हो गया कि गोविन्दा कहीं सच तो नहीं बोल रहा है?” देशराज उसे समझाता चला गया—“और दिलो-दिमाग में सच्चाई का पता लगाने की ठानकर मैं उसी रात … यानि आज की रात चोरों की तरह असलम की कोठी में पहुंचा—सलमा के कमरे की तलाशी में उसके नाम लिखे तेरे यानि दयाचन्द के प्रेम-पत्र मिले—मेरे जहन में सारी तस्वीर स्पष्ट हो गयी और वहां से सीधा यहां यानि तेरी कोठी पर आया—तेरे और सलमा के संबंधों के बारे में पूछताछ की, मगर तू मुकर गया और तब तक मुकरता रहा जब तक मैंने तेरे सामने सलमा के कमरे से बरामद प्रेम-पत्र नहीं रख दिये—उनकी मौजूदगी के कारण तू वास्तविकता कुबूल करने पर विवश हो गया और तुझे सारा गुनाह कुबूल करना पड़ा।”

“क-कैसा गुनाह!” दयाचन्द की आवाज अंधकूप से निकली।

“तूने मुझे बताया, तेरे और सलमा के बीच इश्क की कबड्डी पिछले एक साल से खेली जा रही थी और फिर सोलह जुलाई की सुबह असलम सेठ अपने कमरे में मृत पाया गया—उस वक्त तक तुझे भी नहीं मालूम था कि असलम की हत्या किसने की, सुन रहा है न?”

“स-सुन ही रहा हूं।” दयाचन्द के मुंह से काफी ताकत लगाने के बाद लफ्ज निकल पा रहे थे।

“सुन भी ले और समझ भी ले।” देशराज कहता चला गया—“बीस जुलाई की रात को सलमा तुझसे मिली और उसने बताया कि अपने पति की हत्या उसे इसलिए करनी पड़ी क्योंकि वह न केवल तेरे और उसके बीच खेली जा रही इश्क की कबड्डी के बारे में जान गया था, बल्कि प्रेम-पत्र भी उसके हाथ लग चुके थे और उस रात वह इतने गुस्से में था कि अगर सलमा उसे न मार डालती तो वह उसका क्रियाकर्म कर देता—सलमा ने तुझे यह सब बताने के बाद यह भी कहा कि असलम का मर्डर करने के बाद वह एक भी रात ठीक से सो नहीं पाई है—आंखें बन्द होते ही डरावने सपने दीखते हैं—तब तुम दोनों आपसी विचार-विमर्श के बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि जब तक असलम की हत्या के जुर्म में कोई और न पकड़ा जाएगा, तब तक डरावने सपने सलमा का पीछा नहीं छोड़ेंगे और तब तुमने गोविन्दा को फंसाने की योजना कार्यान्वित की—सलमा ने असलम के खून से सना चाकू और अपना सलवार-कुर्ता तेरे हवाले किया, गोविन्दा के क्वार्टर से उसके कपड़े तू खुद चुराकर लाया—ब्लड बैंक से असलम के ग्रुप का खून भी तू ही खरीदकर लाया, ब्लड बैंक वाले तेरे बयान की तस्दीक करेंगे—जब तू गोविन्दा के धोती-कुर्ते को ब्लड बैंक से लाए खून से तर करके और वास्तविक चाकू को उसके क्वार्टर में प्लान्ट कर चुका तो सलमा ने मुझे, यानि इंस्पेक्टर देशराज को, छमिया और अपने खाविन्द की मनघड़न्त प्रेम कहानी के बारे में बताया—कुछ देर के लिए मैं उसके जाल में फंस गया, गोविन्दा के क्वार्टर से चाकू और उसके खून से कपड़े भी बरामद किए।”
Reply


Messages In This Thread
RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा - by desiaks - 12-31-2020, 12:16 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,474,057 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,439 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,221,308 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 923,332 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,638,465 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,067,989 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,929,543 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,986,151 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,004,821 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,348 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)