RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“इस तरह तो मैं भी फंस जाऊंगा इंस्पेक्टर साहब!” दयाचन्द गिड़गिड़ा उठा—“साफ जाहिर है कि असलम का मर्डर करते वक्त सलमा भले ही अकेली थी, मगर बाद में गोविन्दा को फंसाने के मामले में मैं पूरी तरह उसके साथ था।”
“तुझे शायद यह नहीं मालूम कूढ़मगज कि कानून खुद सरकारी गवाहों को पनाह देता है, भले ही वे मुजरिम हों।”
“क्या मतलब?”
“यह सब बताने के पुरस्कार स्वरूप या तो अदालत तुझे माफ कर देगी या देगी भी तो प्रतीक स्वरूप थोड़ी-बहुत सजा सुनाकर छोड़ देगी, क्योंकि तेरी ही सशक्त गवाही के कारण अदालत सलमा के रूप में असलम सेठ के वास्तविक हत्यारे को सजा देने के महान कार्य को सम्पन्न कर पाएगी।”
एक बार फिर गिड़गिड़ा उठा दयाचन्द—“क-क्या मेरा नाम बीच में आये बगैर सलमा नहीं फंस सकती?”
“नहीं फंस सकती दयाचन्द—स्टोरी के साथ हमें कोर्ट में गवाह और सबूत भी पेश करने पड़ते हैं—तेरे प्रेम-पत्र, ब्लड बैंक से तेरे द्वारा ब्लड की खरीद और वास्तविक चाकू इसी स्टोरी पर फिट बैठते हैं। और फिर तू मरा क्यों जा रहा है, यकीन रख—सरकारी गवाह बनाने के बाद तू सुरक्षित हो जायेगा।”
“ल-लेकिन मेरे मुंह से यह सब सुनते ही अदालत में सलमा पागल हो उठेगी—वह चीख-चीखकर कहेगी कि मैं कोर्ट को ठीक उल्टी स्टोरी सुना रहा हूं—हकीकत ये है, कि असलम की हत्या मैंने की और वह केवल गोविन्दा को फंसाने में मददगार थी।”
सारे जमाने की धूर्तता की मीटिंग देशराज के चेहरे पर होने लगी, कुटिल मुस्कराहट के साथ कहा उसने—“सलमा के ऐसा कहते ही कोर्ट समझ जायेगी कि असलम की हत्या का कारण तेरे और सलमा के अवैध संबंधों के अलावा और कुछ नहीं है—तब कोर्ट के सामने केवल यह जानना शेष रह जायेगा कि तू सच बोल रहा है या सलमा! और असलम के खून से सने सलमा के कपड़े साबित कर देंगे कि सच तू बोल रहा है क्योंकि खून उसी के कपड़ों पर लगता है जो मर्डर करे।”
“म-मगर सलमा के कपड़े?”
“उन्हें तू लायेगा—ये काम आज ही की रात करना है, उन्हें असलम के खून से सानना मेरे जिम्मे—सूरज निकलने से पहले सलमा गिरफ्तार हो जायेगी।”
“ल-लेकिन …।”
“आंय-बांय गाने की कोशिश मत कर दयाचन्द—टाइम कम है, मैं थाने जा रहा हूं—सलमा के कपड़े लेकर तू वहीं पहुंच और याद रख, अगर नहीं पहुंचा तो सुबह होते ही हत्या के जुर्म में तू खुद को हवालात में पायेगा।”
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