RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“थारूपल्ला।” मेज के नजदीक पहुंचकर उसने हाथ बढ़ाते हुए कहा।
“बैठो।” तेजस्वी का स्वर शुष्क था।
थारूपल्ला की मुस्कान गहरी हो गई, बोला—“हाथ नहीं मिलाओगे?”
“मैं दोस्तों से हाथ मिलाया करता हूं।”
थारूपल्ला इस तरफ पड़ी कुर्सी पर बैठता हुआ बोला—“हाथ तो हम भी दोस्तों से ही मिलाते हैं और बढ़ाया इसीलिए था ताकि दोस्ती कायम हो जाए।”
“मैं प्रतापगढ़ थाने पर गुण्डे-बदमाशों से दोस्ती करने नहीं आया हूं।”
“गुड।” थारूपल्ला हंसा—“बहादुर लोग मुझे पसंद हैं।”
तेजस्वी के स्वर में पैनापन आ गया—“यहां आने का कारण?”
थारूपल्ला थोड़ा गंभीर नजर आया—“मुझे केवल बहादुर पसंद हैं, बेवकूफ नहीं—बहादुर दिमाग का इस्तेमाल करते हैं और बेवकूफ जानते ही नहीं कि दिमाग का इस्तेमाल होता कैसे है?”
“इस वक्त मैं तुम्हारी रायफल के साए में हूं और किसी बहादुर व्यक्ति को रायफल के साए में लेकर मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी मूर्ख कह सकता है।”
“इतना बखेड़ा तुम्हारे दिमाग से यह ‘खुश्की’ निकालने के लिए करना पड़ा कि थानेदार थाने का मालिक होता है और थाने में केवल वह होता है जो वह चाहे—थाना तुम्हारा है इंस्पेक्टर मगर यहां होगा वह जो हम चाहेंगे।”
“मुमकिन है इस वक्त जो तुम चाहो वह हो जाए परंतु …।”
“परंतु?” कहते वक्त थारूपल्ला के होंठों पर मुस्कान थी, गंदली आंखों में जगमगाहट।
तेजस्वी ने उसकी आंखों में आंखें डालकर बेधड़क कहा—“मेरी तरफ से तुम्हें बहुत जल्द अपनी इस नाजायज हरकत का माकूल जवाब मिलेगा।”
“यानि स्टार फोर्स से टकराव का रास्ता चुना है तुमने?”
“स्टार फोर्स को नेस्तनाबूद करने का फैसला मैं काफी पहले ले चुका हूं।” तेजस्वी के स्वर में दृढ़ता कूट-कूटकर भरी हुई थी।
“अगर ऐसा है तो तुम्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार कर लेना चाहिए इंस्पेक्टर।” थारूपल्ला चेतावनी देने के से अंदाज में बोला—“और पुनर्विचार करने का केवल यही मौका है—दिल में स्टार फोर्स को नेस्तनाबूद करने के मंसूबे लेकर तुम जीवित नहीं रह सकते।”
“तो मर जाऊंगा।” तेजस्वी के दांत भिंच गए—“मगर मंसूबे को दिल से नहीं निकलने दूंगा।”
“हम यह भी नहीं चाहते।”
“क्या नहीं चाहते?”
“कि तुम मर जाओ।”
हंसा तेजस्वी—“इस मेहरबानी की वजह?”
“तुम बहादुर हो, यमन हो, यानि उस कौम के जिस कौम का मैं हूं—स्टार फोर्स है और खुद ब्लैक स्टार हैं—श्रीगंगा की जमीन के जिस टुकड़े पर हमारी कौम की बहुतायत है उस टुकड़े को अपना एक आजाद और सार्वभौम राष्ट्र बनाना चाहते हैं हम—इसमें क्या गलत है? मगर श्रीगंगा सरकार हमारा दमन कर रही है, उसके इशारे पर खुद हमारे मुल्क की सेनाओं ने हमारी कौम पर बेशुमार जुल्म किए—इन जालिमों से लोहा लेने के लिए हमें अपनी कौम के तुम जैसे बहादुरों की सख्त जरूरत है, इसलिए नहीं चाहते कि तुम स्टार फोर्स के हाथों कुत्ते की मौत मारे जाओ।”
“किसी कौम विशेष का होने से बहुत पहले तेजस्वी अपने वतन का है और एक सच्चा वतनपरस्त किसी राष्ट्र के टुकड़े कर डालने का हामी नहीं हो सकता—अगर हम ये कहेंगे कि श्रीगंगा सरकार को स्टार फोर्स की मांग मान लेनी चाहिए तो वह किस मुंह से कह पाएंगे कि हमारे मुल्क के आतंकवादियों की मांग नाजायज है?”
“मैं बहस नहीं करना चाहता इंस्पेक्टर।”
“हुंह!” तेजस्वी ने धिक्कारा—“कुछ देर पहले तुम पूरी बहस के मूड में थे मिस्टर थारूपल्ला, मगर मेरे सवाल का तर्कपूर्ण जवाब न दे पाने के कारण इसके अलावा और कह क्या सकते हो कि ‘तुम बहस नहीं करना चाहते’—नहीं चाहते तो न सही, मैं कौन सा तुम्हें ‘कन्विंस’ करने का ख्वाहिशमंद हूं! मगर इतना जरूर कहूंगा कि हमारी कौम पर श्रीगंगा सरकार या हमारे मुल्क की सेना नहीं बल्कि तुम लोग जुल्म कर रहे हो—कौम के तुम जैसे चन्द चालाक लोग सीधे- सादे लोगों की भावनाएं भड़काकर उन्हें तबाह और बरबाद कर रहे हो, खून के आंसू रुला रहे हो उन्हें।”
अंतिम शब्द कहते-कहते तेजस्वी का चेहरा भभक उठा और उसके भभकते चेहरे को देखकर थारूपल्ला के दांत भिंचते चले गए, इस बार हलक से गुर्राहट निकाली—“मेरे ख्याल से तुम इसी वक्त गोली से उड़ा दिए जाने के लायक हो।”
तेजस्वी के सम्पूर्ण जिस्म में मौत की सिहरन दौड़ गई मगर वह उस सिद्धांत को मानने वाला था कि जो डर गया सो मर गया। अतः मुकम्मल दृढ़ता के साथ बोला—“तो मार क्यों नहीं देते, रोकने वाला कौन है तुम्हें?”
“ब्लैक स्टार का आदेश!”
“मतलब?”
“उनका आदेश है, तुम्हें एक हफ्ता दिया जाए।”
“क्या?”
“अच्छी तरह सोच लो, स्टार फोर्स को सहयोग देकर जिन्दा रहना चाहोगे या …।”
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