RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
सामने खड़े युवक को कड़ी नजरों से घूरते हुए तेजस्वी ने कहा—“तो तू असलम का भाई है?”
“जी हां।”
“नाम?”
“इकबाल।”
“कहां रहता है?”
“फ-फिल्म नगरी में, भाभी के गिरफ्तार होने की सूचना पाकर आया हूं।”
“क्या करता है वहां?”
“मुझे हीरो बनने की चाह थी—करीब पांच साल पहले किस्मत आजमाने गया था—मगर बहुत पालिटिक्स है वहां, टेलैन्ट होने के बावजूद किसी ने काम नहीं दिया।”
“अगर सही समय पर इंस्पेक्टर देशराज का हृदय-परिवर्तन न हो जाता और वह कोर्ट जाकर अपनी काली करतूतों का भंडाफोड़ न कर देता तो उसके द्वारा पुख्ता सबूतों के साथ पेश की गई चार्जशीट के आधार पर सलमा को फांसी जरूर हो जाती।”
“यह सच है, बड़ा ही बदमाश इंस्पेक्टर था वह!”
“और उस अवस्था में ये आलीशान कोठी!” लॉन में खड़े तेजस्वी ने इमारत की तरफ इशारा किया—“करोड़ों की फैक्ट्री और असलम का जो भी कुछ था, तेरा हो जाता!”
“क-क्या मतलब?” इकबाल हकला गया, पैरों के नीचे से धरती खिसक गई।
“तेजस्वी को फिल्म नगरी के बड़े-से-बड़े एक्टर की एक्टिंग धोखे में नहीं डाल सकती बेटे, तू तो वैसे भी वहां से असफल होकर लौटा है।” तेजस्वी एक-एक शब्द को चबाता चला गया—“सलमा को फंसाने का हुक्म देशराज को ब्लैक स्टार ने दिया था, जबकि गोविन्दा या दयाचन्द के स्टार फोर्स से कोई ताल्लुकात न थे जिनके कारण वह स्टोरी बनती हो कि ब्लैक स्टार का उद्देश्य उन्हें बचाना था—उस फोन के पीछे का एकमात्र उद्देश्य स्पष्ट है—असलम तो मृतक था ही, उसकी हत्या के जुर्म में सलमा फंस जाए तो करोड़ों की जायदाद तेरी हो जाए।”
“न-नहीं … यह झूठ है, गलत है!”
“सीधी तरह बता, स्टार फोर्स से तेरा क्या सौदा हुआ था?”
“य-ये क्या कह रहे हैं आप—स्टार फोर्स से मेरा सौदा?” इकबाल को काटो तो खून नहीं, बुरी तरह हड़बड़ा उठा वह—“म-मैं तो जानता तक नहीं स्टार फोर्स क्या बला है! मैं तो …।”
मगर …!
बात पूरी न कर सका इकबाल।
उससे पहले ही …।
“सड़ाक … सड़ाक!”
रूल के अग्रिम सिरे से लटक रही चेन दो बार उसके जिस्म के विभिन्न हिस्सों से टकराई, हलक से चीखें निकलीं, मगर इतने ही पर ‘बस’ करने वाला कहां था तेजस्वी! खतरनाक स्वर में उसने पांडुराम को हुक्म दिया—आदेश होते ही पांडुराम गुरिल्ले की तरह इकबाल पर झपटा, बाल पकड़े और लगभग घसीटता हुआ जीप तक ले गया।
जीप से उतारकर इकबाल को सीधा हवालात में ले जाया गया—टॉर्चर चेयर पर बैठा दिया गया उसे और तब तेजस्वी ने शुरू किया, हकीकत उगलवाने का प्रयास—तेजस्वी के टार्चर का तरीका ऐसा था कि बड़े से बड़ा अपराधी टूट जाता। पन्द्रह मिनट के अन्दर इकबाल पटरी पर आ गया, टेपरिकार्डर की भांति शुरू हो गया वह।
“असलम भाई के मर्डर की सूचना भाभी के टेलीग्राम द्वारा मिली—मैं आया—तीसरे दिन मुझे इल्म हो गया कि भाभी और दयाचन्द के बीच सामान्य संबंध नहीं हैं—खुसर-पुसर करते देख लिया था मैंने उन्हें—उस क्षण पहली बार दिमाग में यह ख्याल आया कि भाई तो मर ही गया है, उसकी हत्या के जुर्म में भाभी फंस जाएगी और सारा माल मेरा—उधर फिल्म नगरी में मेरा हाल बुरा था—न केवल हीरो बनने की सारी उम्मीदें दिल से निकल चुकी थीं, बल्कि एक होटल में लोगों को लंच-डिनर कराकर अपनी रोटी का जुगाड़ कर रखा था—अपना विचार मुझे जंचा, सलमा के पकड़े जाते ही मेरी मुकम्मल जिन्दगी बदल सकती थी—लोगों से मालूम हुआ, यहां का सबसे बड़ा दादा रंगनाथन है—उससे मिला, असली मकसद नहीं बताया बल्कि बोला—‘मुझे एक मर्डर कराना है, क्या खर्च आ जाएगा’—उसने कहा—‘प्रतापगढ़ में इतना बड़ा काम स्टार फोर्स की इजाजत के बगैर कोई नहीं कर सकता, अतः मेजर थारूपल्ला से बात करो’—मैंने थारूपल्ला का पता पूछा, बोला—‘उनकी इच्छा के बगैर कोई उनसे नहीं मिल सकता’—उसने एक टेलीफोन नम्बर दिया—वह नम्बर मिलाने पर थारूपल्ला से बात हुई—यह जांचने के बाद कि वह काम कर सकता है, अपना असली उद्देश्य बताया—सारी बात सुनने के बाद उसने कहा—‘काम हो जाएगा मगर बदले में तुम्हें उस शख्स को असलम की संपूर्ण जायदाद और फैक्टरी में फिफ्टी परसेंट का पार्टनर बनाना पड़ेगा जिसे हम कहें’।”
“ओह!” यह शब्द तेजस्वी के मुंह से बरबस निकल गया।
“शर्तें कड़ी होने के बावजूद मेरे पास मान लेने के अलावा चारा न था।” इकबाल कहता चला गया—“तय हुआ कि सलमा को मेरे फिल्म नगरी लौट जाने के बाद फंसाया जाएगा ताकि दूर-दूर तक कोई मुझ पर शक न कर सके—वही हुआ, अपनी गिरफ्तारी का टेलीग्राम भी मुझे भाभी ने ही दिया—खुशी से झूमता यहां पहुंचा मगर यह सुनते ही सारी खुशी काफूर हो गई कि इंस्पेक्टर देशराज के हृदय-परिवर्तन के कारण प्लान चौपट हो गया था—मर्डर का असली मुकदमा दयाचन्द पर चल रहा है और भाभी सरकारी गवाह बन चुकी हैं।”
“थारूपल्ला से दुबारा बात हुई?”
“जी … हुई तो थी।”
“क्या बात हुई?”
“उसका कहना है, देशराज के हृदय-परिवर्तन की कल्पना तक न की जा सकती थी मगर वैसा हुआ और उसी के कारण सारा मामला उलट गया। मगर मैं फिक्र न करूं।”
“मतलब?” तेजस्वी के माथे पर बल पड़ गए।
इकबाल ने थोड़ा हिचकते हुए बताया—“थारूपल्ला ने कहा है मुझे थोड़ा रुकना पड़ेगा, धैर्य से काम लूं—जैसे ही ये मामला ठंडा पड़ेगा, सलमा किसी दुर्घटना में मारी जाएगी और …”
तेजस्वी के हलक से गुर्राहट निकली—“तो हार नहीं मानी है उसने?”
इकबाल चुप रहा।
“वह शख्स कौन है जिसके साथ पार्टनरशिप होनी थी?”
“मुझे नहीं मालूम।”
“झूठ?” तेजस्वी ने आंखें तरेरीं।
“स-सच … मैं सच कह रहा हूं—यकीन कीजिए इंस्पेक्टर साहब, थारूपल्ला ने कहा था, वक्त आने पर वह शख्स मुझसे मिलेगा, मगर चूंकि वक्त आया नहीं अतः मुझसे कोई मिला नहीं।”
तेजस्वी उसे कच्चा चबा जाने वाली दृष्टि से घूर रहा था जबकि वह गिड़गिड़ाया—“लालच में फंसकर मैंने षड्यंत्र जरूर रचा इंस्पेक्टर साहब, मगर आप जानते हैं—हाथ-पल्ले कुछ न पड़ा … और अब तो सलमा भाभी की मौत के बाद भी कुछ मिलने वाला नहीं है क्योंकि सारा किस्सा आपको बता चुका हूं—इन हालात में मुझ पर केवल एक मेहरबानी कीजिए।”
“क्या?”
“जो कुछ मैंने आपको बताया उसे अदालत तक न ले जाइए—तरस खाइए मुझ पर, जरा सोचिए—इस लफड़े में पड़कर मुझे मिला ही क्या है—जो आपने पूछा, मैंने बता दिया—अब मुझे छोड़ दीजिए, वादा करता हूं—यहां से निकलकर सीधा फिल्म नगरी की गाड़ी पकड़ूंगा और फिर … फिर कभी पलटकर प्रतापगढ़ की तरफ देखूंगा भी नहीं—मैं वहां जो था, जैसा था—ठीक था—लालच में फंसकर बेकार ही इस लफड़े में पड़ा—मुझे माफ कर दीजिए साब, छोड़ दीजिए मुझे—वैसे भी, इस बात को उजागर करने से न तो केस पर ही कोई फर्क पड़ेगा, न ही आपको कोई फायदा होगा कि ब्लैक स्टार ने मुझसे हुए सौदे के कारण देशराज को फोन किया था।”
“जब तेरा सौदा थारूपल्ला से हुआ तो देशराज को सीधा ब्लैक स्टार ने फोन क्यों किया?”
“इस बारे में मैं क्या कह सकता हूं साब, मुमकिन है उन्होंने सोचा हो कि जितना असर ब्लैक स्टार के फोन का होगा उतना थारूपल्ला …”
तेजस्वी उसकी गर्दन पर मौजूद तिल पर एक नजर डालने के बाद गुर्राया—“थारूपल्ला का फोन नम्बर बता।”
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