RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“मैं उससे कह चुका हूं सर कि आप अपना पिछला आदेश वापस ले चुके हैं।” थारूपल्ला शक्तिशाली ट्रांसमीटर के माइक पर बोला—“और नए आदेश के मुताबिक दस दिन के अंदर उसकी लाश आपके समक्ष पेश करनी है।”
“तुमने गलती की थारूपल्ला!” ब्लैक स्टार का गंभीर स्वर।
“ज-जी?” थारूपल्ला हकला गया।
“हमसे बात किए बगैर तुम्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था।”
“क-क्या आप ऐसा नहीं चाहते?”
“नहीं!”
“आश्चर्य की बात है सर, जिसने स्टार फोर्स के मेजर को थाने में सरेआम शिकस्त दी—जो सीना ठोककर मेरे अड्डे पर आने और अपने रूल से मेरी चमड़ी उधेड़ डालने की धमकी दे रहा है—आप उसकी मौत का फरमान जारी न करें, यह असंभव बात थी—आज तक आपकी तरफ से हर उस शख्स की मौत का फरमान जारी होता रहा है जिसने स्टार फोर्स के सैनिक की तरफ भी टेढ़ी आंख से देखा हो और मैं … मैं तो मेजर हूं—कल्पना तक नहीं कर सकता कि उस शख्स की मौत का फरमान जारी नहीं होगा जिसने स्टार फोर्स की शानदार परम्परा को दागदार किया है।”
“तुम्हारी सारी बातें अपनी जगह अकाट्य हैं मेजर थारूपल्ला—कोई शक नहीं कि तुम्हारे जरिए उसने जो, संपूर्ण स्टार फोर्स का अपमान किया है उसकी सजा इंस्पेक्टर को भोगनी होगी—हम जो फिलहाल उसे मार डालने का हुक्म नहीं दे रहे हैं, उसका कारण कुछ और है।”
“क्या मैं जान सकता हूं सर?”
“हमें ऐसा इल्म हुआ है जैसे इंस्पेक्टर तेजस्वी वास्तव में वह चीज नहीं है जैसा नजर आ रहा है—उसके दिल में कुछ और है, कोई बड़ा लक्ष्य—शायद स्टार फोर्स को नेस्तनाबूद कर डालने से भी बड़े लक्ष्य को लेकर प्रतापगढ़ आया है वह।”
चकरा गया थारूपल्ला—“स्टार फोर्स को नेस्तनाबूद कर डालने से बड़ा लक्ष्य क्या हो सकता है सर?”
“उसकी कल्पना फिलहाल हम नहीं कर पा रहे, इसलिए चाहते हैं कि असली मकसद जाने बगैर उसे न मारा जाए—शतरंज का कोई बहुत बड़ा खेल, खेल रहा है वह, और हमें उस खेल की जानकारी होनी बहुत जरूरी है।”
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एकांत मिलते ही पांडुराम बोला—“एक बात और कहूं हुजूर?”
“बोल!” तेजस्वी काली बस्ती से संबंधित फाइल का अध्ययन कर रहा था।
“बुरा तो नहीं मानेंगे?”
“नहीं।” उसने नजरें ऊपर नहीं उठाईं ।
“अ-आप काली बस्ती जाने का विचार दिमाग से निकाल दें।”
तेजस्वी ने झटके से उसकी तरफ देखा, पूछा—“क्यों?”
“बड़े खतरनाक लोग हैं वे—अत्यंत हिंसक—न खुद मरने से हिचकते हैं, न किसी को मारते वक्त—फाइल तो आप पढ़ ही रहे हैं—इसमें उन सब ऑपरेशन्स का विवरण है जो थारूपल्ला तक पहुंचने के लिए किए गए—अफीम की खेती काली बस्ती वालों का मुख्य धन्धा है, अफीम से वे स्मैक बनाते हैं और स्मैक को स्मग्ल करके अंतर्राष्ट्रीय बाजार से स्टार फोर्स के लिए आधुनिक हथियार खरीदते हैं।”
“कोई ऐसी बात बता पांडुराम जो इस फाइल में दर्ज न हो।”
“ऐसी किसी बात की जानकारी भला मुझे कैसे हो सकती है साब, मगर वही क्या कम है जो इसमें लिखा है—क्या इसे पढ़कर आप इस नतीजे पर नहीं पहुंचे कि थारूपल्ला की मर्जी के खिलाफ उस तक पहुंचना नामुमकिन है?”
“नहीं पांडुराम … निराशाजनक बातें मत कर—हालात वहां पहुंच गए हैं कि मैं चाहकर भी अपने कदम वापस नहीं लौटा सकता—कोई तरकीब सोचनी पड़ेगी, योजना बनानी होगी।”
“य-योजना?”
“ऐसी, जो थारूपल्ला का दिमाग चकराकर रख दे।”
“ऐसी क्या योजना हो सकती है साब?”
“योजना का खाका मेरे दिमाग में बन चुका है।”
“ब-बन चुका है?” पांडुराम उछल पड़ा—“क-कमाल कर रहे हैं आप!”
“कमाल ही होगा पांडुराम।” तेजस्वी के होंठों पर आसक्त कर डालने वाली मुस्कराहट उत्पन्न हो गई—“मुझे पूरा विश्वास है—मेरी योजना कामयाब होगी—लोग वह करिश्मा होता देखेंगे जिसके होने की उम्मीद आज मेरे अलावा किसी को नहीं है।”
“ए-ऐसी क्या योजना है साब?”
“तुझे बता दूं?” तेजस्वी ने उसे रहस्यमय अंदाज में घूरा—“तुझे?”
“क-क्या मुझे बताने में हर्ज है साब?”
“हां, हर्ज है!”
“क-क्या?”
तेजस्वी ने तुरंत जवाब नहीं दिया—बड़े आराम से एक सिगरेट सुलगाई उसने, जोरदार कश लगाया और फिर उस कश के संपूर्ण धुंए को उगलता हुआ बोला—“तू उसे शुब्बाराव को बता देगा।”
“श-शुब्बाराव?” पांडुराम उछल पड़ा।
तेजस्वी ने उसे बड़ी दिलचस्प नजरों से देखते हुए सवाल किया—“क्या तू शुब्बाराव को नहीं जानता?”
“न-नहीं साब!” पांडुराम का चेहरा पसीने-पसीने हो गया—“क-कौन से शुब्बाराव की बात कर रहे हैं आप?”
“उसकी, जो ‘गुल्फा स्ट्रीट’ की एक बहुत संकरी गली में ऐसे मकान में रहता है जो बाहर से उजाड़ नजर आता है।” इन शब्दों के साथ तेजस्वी पांडुराम के नजदीक पहुंच गया था—“मकान का दरवाजा वह केवल तब खोलता है तब संगीतमय अंदाज में दस्तक दी जाए, कुछ ऐसे अंदाज में जैसे नए तबले को खरीदने से पहले ठोक-बजाकर जांचा-परखा जा रहा हो।”
पांडुराम के छक्के छूट गए।
होशो-हवास गंवा बैठा बेचारा।
मस्तिष्क अंतरिक्ष में परवाज कर रहा था—जिस्म से लहू की मानो एक-एक बूंद निचोड़ ली गई थी—आंखों में खौफ लिए वह होंठों को फड़फड़ाकर रह गया, हलक से आवाज न निकल सकी जबकि तेजस्वी बगैर लेशमात्र उत्तेजना का प्रदर्शन किए कहता चला गया—“अगर तेरे बारे में मैं ये सब न जान गया होता पांडुराम, तो यकीन मान, मैं तुझे अपनी योजना जरूर बताता।”
दहशत का मारा पांडुराम तेजस्वी के कदमों में गिर गया—पैर पकड़कर रो पड़ा वह, गिड़गिड़ा उठा—“म-मुझे माफ कर दो साब, मुझे माफ कर दो।”
“प-पगला!” तेजस्वी हंसा—“मैंने तुझे कुछ कहा है?”
“स-सच कहता हूं साब, जिस तरह पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं लिया जा सकता उसी तरह स्टार फोर्स से बैर लेकर प्रतापगढ़ थाने में नहीं रहा जा सकता—अ-आप जैसा दिलेर आदमी मैंने पहली बार देखा है—किसी इंस्पेक्टर ने स्टार फोर्स से उलझने के बारे में सोचा तक नहीं और मैं ही क्या, थाने पर तैनात किसी पुलिसिए में इतनी हिम्मत नहीं है जो स्टार फोर्स के आदेश की अवहेलना कर सके—कोई मेरी तरह केवल डर के मारे उसका गुलाम है तो कोई ‘पगार’ पाता है—आप जैसा दिलेर बनने की कूव्वत भला किसमें है साब और … और मैं तो ये कहता हूं कि आप भी ये दिलेरी छोड़िए—जान है तो जहान है—प्रतापगढ़ थाने पर रहना है तो स्टार फोर्स की गुलामी स्वीकार करनी होगी वर्ना …।”
“उसी लाइन पर सोच रहा हूं पांडुराम!”
“ज-जी?” पांडुराम का जहन चकरघिन्नी बन गया।
“क्या शुब्बाराव मेरा मैसेज थारूपल्ला तक पहुंचा सकता है?”
“क-क्यों नहीं?” पांडुराम उछल पड़ा मगर अगले ही पल सतर्क नजर आया वह, बोला—“अ-आप मेरे और शुब्बाराव के इस्तेमाल से कहीं कोई चाल तो चलने की नहीं सोच रहे हैं?”
“कैसी चाल?”
“अ-अपना चैलेंज पूरा करने की खातिर कोई …।”
“नहीं पांडुराम ऐसा नहीं है—मैंने तुझसे केवल यही तो पूछा है कि शुब्बाराव मेरा मैसेज थारूपल्ला तक पहुंचा सकता है या नहीं—इस सवाल का जवाब पाने से भला मैं काली बस्ती को पार करके थारूपल्ला तक कैसे पहुंच जाऊंगा?”
“थारूपल्ला तक क्या मैसेज पहुंचाना चाहते हैं आप?” पांडुराम ने सतर्क स्वर में पूछा।
“पहले ये बता, वह काली बस्ती में जाकर थारूपल्ला से मिल सकता है या नहीं?”
“केवल तब, जब कोई ऐसी बात हो जो फोन पर न कही जा सकती हो।”
“गुड!” इस शब्द के साथ तेजस्वी की आंखें इस तरह जगमग कर उठीं मानो उनमें दिव्य ज्योति समा गई हो। लाख खोपड़ी भिड़ाने के बावजूद पांडुराम न समझ सका कि तेजस्वी किस फिराक में है।
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