RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
तेजस्वी ने बहुत जोर से ठहाका लगाया, बोला—“अब बोल थारूपल्ला, कैसी रही?”
बेचारा थारूपल्ला!
बोले तो क्या बोले?
जुबान में शब्द न थे, मस्तिष्क विचारशून्य!
रिसीवर हाथ में लिए गुस्से की ज्यादती के कारण वह कांपता रहा जबकि अपनी कामयाबी पर मदमस्त हुए तेजस्वी ने चटकारा लिया—“क्यों थारूपल्ला, शब्दकोश खत्म हो गया क्या—बड़ी लम्बी-लम्बी डींगें मारा करता था तू—कहा करता था, तेरी मर्जी के बगैर काली बस्ती में कोई कदम नहीं रख सकता, अपनी सुरक्षा-व्यवस्था पर बड़ा गुरूर था तुझे—कहां गई वह लम्बी जुबान, अब एक शब्द भी तू बोल क्यों नहीं रहा?”
थारूपल्ला केवल इतना पूछ सका—“कब आ रहा है?”
“तुझे क्यों बताऊं?” तेजस्वी ने करारा प्रहार किया—“जब मूड होगा आ जाऊंगा!”
“म-मुझे ब्लैक स्टार को जवाब देना है।”
“उसी ब्लैक स्टार को न!” वह हंसा—“जिसने दस दिन के अंदर मेरी लाश मांगी थी?”
अपमान की ज्वाला में भस्म हुए जा रहे थारूपल्ला के जबड़े भिंच गए—आंखों में खून उतर आया, एक-एक शब्द को चबाता चला गया वह—“मैं अपना अपमान सहन कर सकता हूं इंस्पेक्टर—ब्लैक स्टार का नहीं!”
“क्यों, क्या उसने मेरी लाश नहीं मांगी थी?”
“न-नहीं!” थारूपल्ला ने कहा।
तेजस्वी के माथे पर बल पड़ गए—“मतलब?”
“वह सब मैंने अपनी तरफ से इस उम्मीद के बूते पर कह दिया था कि घटना के बाद वे कोई ऐसा ही आदेश देंगे और तू यह सोचकर बेलगाम न रह सके कि मैं तुझे मार नहीं सकता।”
“ओह, तो तू मेरी लगाम खींचकर रखना चाहता था—अपनी गाय-भैंस या घोड़ा समझ रखा था मुझे?”
थारूपल्ला के पास पुनः कहने के लिए कुछ न था।
“खैर—ये तो तू बेहतर जानता होगा, किसने किसकी लगाम खींचकर रखी—तेरे कथन से जाहिर है, ब्लैक स्टार ने वह आदेश नहीं दिया जिसकी तुझे उम्मीद थी, ऐसा क्यों हुआ?”
“क्योंकि वे तेरे उस मायाजाल में फंसे हुए नहीं हैं जिनमें पुलिस का हर अफसर और प्रतापगढ़ का बच्चा-बच्चा फंसा हुआ है—वे जान चुके हैं कि स्टार फोर्स के साथ छेड़ी गई तेरी जंग नकली है और वास्तव में तेरा उद्देश्य कुछ और है।”
तेजस्वी हैरान रह गया—“कैसे जान गए वे?”
“तू खुद को दुनिया का सबसे बड़ा अक्लमंद समझने का भ्रम न पाल।” थारूपल्ला उसे हैरान करके खुश था—“ब्लैक स्टार के सामने तेरी दिमागी हैसियत वैसी ही है जैसी लोमड़ी के सामने गधे की।”
“झुंझलाहट में तू मेरे लिए अक्सर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करता रहा है थारूपल्ला—कभी पागल कहता है, कभी मूर्ख—कभी अहमक कहता है तो कभी गधा मगर वक्त ये सब तुझे साबित कराता जा रहा है—देख, मैंने कहा था—‘शुब्बाराव के हाथ तू खुद लिफाफा मंगाएगा’, मैंने कहा था—‘अपने ठिकाने पर मुझे खुद आमंत्रित करेगा’—कर रहा है और आगे भी जो होना है, मैं उसके बारे में उतनी ही अच्छी तरह जानता हूं जितनी अच्छी तरह लोग यह जानते हैं कि सूरज हर सुबह किधर से निकलेगा।”
थारूपल्ला क्या कहता, परिस्थितियों के ब्लेड ने उसकी जुबान चीरकर रख दी थी।
“क्या हुआ?” तेजस्वी ने पूछा—“शायद अचानक चुप हो जाने की बीमारी लग गई है तुझे?”
“वक्त की बात है तेजस्वी, आज वक्त ने मुझे बोलने लायक नहीं छोड़ा।” दांत भींचे थारूपल्ला कहता चला गया—“वक्त तेरा है और तू भरपूर अंदाज में जायज-नाजायज कहकर उसका फायदा उठा रहा है—सारे जवाब मैं तब दूंगा जब यही वक्त मेरी मुट्ठी में कैद होगा।”
“वक्त!” तेजस्वी हंसा—“वक्त खुद-ब-खुद किसी की मुट्ठी में कैद नहीं हुआ करता बेटे—वक्त तो बहुत बड़ी चीज है, एक मेंढक तक को मुट्ठी में कैद करने के लिए ‘टेलैन्ट’ की जरूरत पड़ती है—वह भी मुट्ठी से फिसला- फिसला जाता है।”
थारूपल्ला चुप रहा।
तेजस्वी कहता चला जा रहा था—“मेरे पास ऐसी चालें चलने का हुनर है थारूपल्ला, जिनमें सामने वाले को यह जानते-बूझते फंसना पड़ता है कि वह चाल में फंस रहा है—वह चक्रव्यूह ही क्या हुआ जो सामने वाले को यह जानते-बूझते अपने में फंसने पर विवश न कर दे कि वह फंसाया जा रहा है—अपना उदाहरण ले, तेरे जहन के किसी कोने में अब भी यह विचार सुरक्षित है कि फोटोग्राफ्स के जरिए सुनाई गई मेरी कहानी कल्पित हो सकती है, अपना चैलेंज पूरा करने के लिए मैं चाल चल रहा हो सकता हूं, मगर इसके बावजूद तू मुझे अपने ठिकाने पर बुलाने के लिए मजबूर है—ऐसे लोग तूने कम देखे होंगे जो दुश्मन को चेता-चेता कर अपना प्रतिशोध लेने उसकी तरफ बढ़ते हों, सीना खोलकर पहले ही बता देते हों कि मैं क्या करने वाला हूं—ऐसा करिश्मा केवल वे करके दिखा सकते हैं थारूपल्ला, जो दिमाग का इस्तेमाल करना जानते हों—फिर कहता हूं, वहां पहुंचकर मैं अपने स्पेशल रूल से तेरी चमड़ी उधेड़ने वाला हूं। रोक सके तो रोक ले—पूरे चांस हैं तेरे पास—खुला मैदान है, मगर नहीं—नहीं थारूपल्ला, तू मुझे नहीं रोक सकेगा—ये मेरा दावा है।”
“हां … हां—मैं सब कुछ जानता हूं।” बहुत देर से अपनी उत्तेजना पर काबू पाए थारूपल्ला ज्वालामुखी की मानिन्द फट पड़ा, दहाड़ता चला गया वह—“यहां आकर तू मेरी चमड़ी उधेड़ेगा—काली बस्ती के उन हिंसक लोगों को यह दिखाएगा कि तू अपना चैलेंज कैसे पूरा करता है, जो हर उस शख्स की आंखें नोच डालने के लिए आतुर होते हैं जिसने थारूपल्ला को टेढ़ी निगाह से देखा हो—तू सब कुछ कर सकता है, सर्वशक्तिमान है तू मगर … मगर फिर भी, मैं तुझे आमंत्रित करने पर विवश हूं—वह विश्वास दिलाने पर मजबूर हूं कि तू जब चाहे, काली बस्ती को पार करके मेरे ठिकाने पर आ सकता है—कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा, कोई नहीं रोकेगा और मैं … मैं तेरा इंतजार कर रहा हूं।” इन शब्दों के बाद रिसीवर इतनी जोर से क्रेडिल पर पटका गया कि तेजस्वी के कान में धमाका-सा हुआ।
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