RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“सड़ाक! … सड़ाक! … सड़ाक!”
थारूपल्ला के मकान के लॉन में वह हो रहा था जिसकी कल्पना तेजस्वी के अलावा किसी ने न की थी—लॉन में मौजूद ए.के.-47 धारियों के लिए वह दृश्य ऐसा था जैसे सूरज को पश्चिम से उदय होता देख रहे होें।
जबड़े भिंचे हुए थे उनके।
गुस्से की पराकाष्ठा के कारण जिस्म कांप रहे थे।
ए.के. सैंतालिसों पर हाथ इस कदर कसे हुए थे जैसे उन्हें तोड़ डालना चाहते हों।
विवशता के कारण उनकी कसमसाहट उस आदमखोर शेर जैसी थी जिसे चारों तरफ आदमी-ही-आदमी नजर आ रहे हों मगर स्वयं मजबूत पिंजरे में मचल रहा हो।
जिस पिंजरे में वे कैद थे उसकी सलाखें खुद उस शख्स के शब्दों से बनी थीं जिसके जिस्म पर सड़ाक् … सड़ाक् की आवाज के साथ रूल के अग्रिम सिरे पर झूल रही चेन के निशान बन रहे थे—ब्लैक स्टार का हवाला देकर उसने हुक्म दिया था कि ये सब होगा—सब कुछ होता वे अपनी आंखों से देखेंगे और स्टार फोर्स के हित में केवल देखते रहेंगे।
कोई कुछ नहीं बोलेगा।
तेजस्वी मुकम्मल बेरहमी के साथ उसके जिस्म पर चेन के वार कर रहा था, परंतु उसकी यह इच्छा पूरी न हो रही थी कि थारूपल्ला चीखे, चिल्लाए, रुक जाने के लिए गिड़गिड़ाए।
दायां हाथ बाईं बगल में और बायां हाथ दाईं बगल में दबाए वह पत्थर की शिला की मानिन्द खड़ा था—चेहरे पर निःसंदेह चेन की मार से होने वाली पीड़ा उभर रही थी किंतु चीख की बात तो दूर, मुंह से हल्की-सी कराह तक को न फूटने दे रहा था वह।
जबड़ों को सख्ती के साथ भींचे, स्टेचू बना खड़ा रहा थारूपल्ला।
चेन से वार करता-करता तेजस्वी पसीने से लथपथ हो गया—थारूपल्ला की चीख सुनने की ख्वाहिश भरपूर प्रयास के बावजूद पूरी न हो सकी।
रुका।
बुरी तरह हांफता हुआ बोला—“ब-बस!”
“बस?” थारूपल्ला का लहजा चिढ़ाने वाला था—“थक गया?”
“म-मुझे अपना चैलेंज पूरा करना था।” तेजस्वी उखड़ी सांसों को नियंत्रित करने की चेष्टा के साथ बोला—“सो कर लिया।”
“ताकत है तो मार!” थारूपल्ला गुर्राया—“और मार! देखूं तो सही तुझमें कितनी जान है?”
माथे का पसीना पोंछते हुए तेजस्वी ने स्वीकारा—“निश्चित रूप से तू शारीरिक ताकत में मुझसे बहुत आगे है।”
“तू हार गया तेजस्वी!” थारूपल्ला दांत पीस रहा था—“ठीक उसी तरह तू जीतकर भी हार गया जैसे मैं थाने में हारा था—सम्पूर्ण ताकत इस्तेमाल करने के बावजूद तू मेरी चीख सुनने की अपनी ख्वाहिश पूरी न कर सका—इस वक्त अगर मैं वही कहूं जो तूने थाने में कहा था तो बात बे-मौका न होगी—अगर खुले दिमाग का है तो यहां से अपनी शिकस्त कबूल करके जा, सारे रास्ते रटता जा कि काली बस्ती में केवल वो होता है जो थारूपल्ला चाहे।”
“कुबूल है मेजर।” तेजस्वी बोला—“निश्चित रूप से तूने मुझे शिकस्त दी है।”
“तो आ।” थारूपल्ला जीप की तरफ बढ़ा—“तुझे काली बस्ती से बाहर छोड़ आऊं।”
“ओ.के.।” कहने के साथ वह आगे बढ़कर ड्राइविंग सीट के बगल वाली सीट पर जा बैठा क्योंकि ड्राइविंग सीट पर पहले ही थारूपल्ला जम चुका था।
थारूपल्ला ने एक झटके से जीप आगे बढ़ा दी और जिस रफ्तार के साथ काली बस्ती की गलियों से जीप को गुजारा, उसे देखकर तेजस्वी को दांतों तले पसीना आ गया—रास्ते के दोनों तरफ बस्ती के हिंसक लोग खड़े थे मगर किसी की क्या मजाल कि रास्ते में आता?
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“देख लीजिए सर, मैं वह करके काली बस्ती से लौट आया जिसकी किसी को उम्मीद न थी।” पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में, सावधान की मुद्रा में खड़े तेजस्वी ने कहा—“आपको भी नहीं, जबकि आप वह एकमात्र शख्स हैं जिन्हें न केवल मेरी योजना के प्रत्येक प्वाइंट की जानकारी थी बल्कि आपके बगैर ये योजना कामयाब नहीं हो सकती थी।”
“हमें ‘श्रीगंगा’ सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिए तेजस्वी, उन्होंने हमारी भरपूर मदद की।” शांडियाल का स्वर बेहद गंभीर था, “हमारी डिमांड पर उन्होंने तुरंत सैनिक फाइल से उस परिवार के फोटो भेज दिए जिसका हवाला तुमने दिया था, उन फोटुओं के बगैर ब्लैक स्टार को धोखा देने वाली ये कहानी किसी भी हालत में नहीं बन सकती थी।”
“इसमें क्या शक है सर।”
“अब तो बता दो तेजस्वी, तुम्हें सैनिक कार्यवाही के दरम्यान इस परिवार के मरने की जानकारी कैसे थी—वह बात तुम्हारे दिमाग में कैसे आ गई कि कीर्ति कुमारम् के परिवार के सदस्यों की लाशों को तुम अपने परिवार की लाशें सिद्ध कर सकते हो?”
“आप इस मनोविज्ञान से तो परिचित होंगे कि अगर कोई शख्स अपने ही नाम के किसी अन्य शख्स का नाम अखबार में पढ़े तो उस नाम से जुड़ी खबर को, अन्य खबरों के मुकाबले खास दिलचस्पी के साथ पढ़ता है।”
“अपने नामराशि से प्रत्येक शख्स को एक अज्ञात लगाव होता है।”
“पांच साल पहले ‘श्रीगंगा’ में हमारे मुल्क की सेनाएं स्टार फोर्स से लोहा ले रही थीं—अखबारों में सैनिक कार्यवाही की खबरें प्रमुखता के साथ छापी जा रही थीं—अन्य लोगों की तरह मैं भी उन्हें पढ़ता था—उनमें से जो खबर आज तक मेरे दिमाग में अटकी रह गई, वह सैनिक कार्यवाही के दरम्यान कीर्ति कुमारम् के परिवार के मारे जाने की खबर थी—अब, जबकि मैं थारूपल्ला को चैलेंज दे बैठा—काफी दिमाग घुमाया कि उसे रूल से पीटकर किस तरह वापस आ सकता हूं—यकीन मानिए सर, तरकीब सोचने के प्रयास में दिमाग की चूलें हिल गईं और जब ये हिल रही थीं तभी, दिमाग में कीर्ति कुमारम् के परिवार के साथ हुए हादसे की खबर कौंध गई—विचार उभरा—अगर किसी तरह ब्लैक स्टार को विश्वास दिला दूं कि मैं वह तेजस्वी हूं जिसके मां-बाप, पत्नी और बेटे ‘श्रीगंगा’ में सैनिक कार्यवाही के दरम्यान मारे गए थे तो वह इस नतीजे पर पहुंचेगा कि मेरा लक्ष्य स्टार फोर्स को नेस्तनाबूद करना किसी हालत में नहीं हो सकता, मगर सबसे बड़ी अड़चन ये थी कि खुद को कीर्ति कुमारम् का बेटा कैसे साबित करूं—इस समस्या को लेकर आपसे एकांत में बात की, आपने कहा—‘तुम खुद को उस हालत में कीर्ति कुमारम् का बेटा कैसे सिद्ध कर सकते हो जबकि अखबार में खबर छप चुकी है कि कीर्ति कुमारम् का बेटा भी अपने पूरे परिवार के साथ तभी मर गया था’—मैंने जवाब दिया—‘वह खबर पांच साल पूर्व के अखबार में छपी थी सर और कोई प्रमुख खबर न थी—ब्लैक स्टार या किसी अन्य ने पढ़ी भी होगी तो आज इतनी ‘डिटेल’ याद न होगी—मैं ब्लैक स्टार से कह सकता हूं, वारदात के वक्त मैं यानि कीर्ति कुमारम् का लड़का घर पर नहीं था, इस कारण बच गया’—आपने कहा—‘नहीं, ब्लैक स्टार इस किस्म के धोखे में नहीं फंसेगा—वह स्वयं ‘श्रीगंगा’ में बैठा है—इन्क्वायरी करा लेगा कि कीर्ति कुमारम् के परिवार के साथ क्या हुआ था’—तब, मैं बोला—‘यह अंदेशा मुझे भी है सर, तभी तो आपसे बात करने की जरूरत पड़ी।’—आपने पूछा—‘क्या मतलब?’ मैंने कहा—‘मैं चाहता हूं आप कीर्ति कुमारम् के खण्डहर हुए पड़े मकान के चारों तरफ ऐसा जाल बिछा दें, जिससे इन्क्वायरी करने पर ब्लैक स्टार के प्यादों को यह पता लगे कि सैनिक कार्यवाही के दरम्यान तेजस्वी न मारा जा सका था और वह उसी दिन से गायब है’—मेरी यह बात सुनकर आपने कहा—‘श्रीगंगा सरकार की मदद के बगैर ऐसा कैसे हो सकता है’—तब मैं बोला—‘तो श्रीगंगा सरकार से मदद मांगिए सर, अपना चैलेंज पूरा करने का मेरे पास यही एकमात्र रास्ता है’ और तब—आपने मेरी जिद्द पर श्रीगंगा सरकार से मदद मांगी—उन बेचारों ने खण्डहर हुए पड़े कीर्ति कुमारम् के मकान के चारों तरफ आम नागरिकों के रूप में श्रीगंगाई जासूस तैनात कर दिए, जिन्होंने ब्लैक स्टार के प्यादों को यह खबर दी कि सैनिक कार्यवाही के वक्त कीर्ति कुमारम् का लड़का घर पर नहीं था—इसी सबका करिश्मा है कि आज मैं अपना चैलेंज पूरा करने के बाद आपके सामने जीवित खड़ा हूं।”
“इतना सब हो गया तेजस्वी, मगर हमें अब भी यकीन नहीं आ रहा कि वो करिश्मा हो चुका है जिसका कभी किसी को गुमान तक न था।” कमिश्नर शांडियाल कहते चले गए—“तुम्हारी जिद्द के कारण हमने यह सब कुछ किया जरूर, परंतु तुम जानते हो, हमें एक परसेंट यकीन न था कि ये साजिश कामयाब हो जाएगी।”
“छोड़िए सर, हमारी कामयाबी का जश्न आज सारे प्रतापगढ़ में मनाया जा रहा है—लोग खुश हैं, आपके आशीर्वाद से मैं वह करने में कामयाब हो चुका हूं जो चाहता था—प्रतापगढ़ के लोगों की सोच पर सवार यह भूत भाग चुका है कि ‘होता वही है जो स्टार फोर्स चाहे’—आज लोग कह रहे हैं, पुलिस जल्द ही ‘समूचे प्रदेश में स्टार फोर्स का सफाया कर डालेगी’ और हमें इस स्थिति का लाभ उठाना है।”
“कैसे?”
“मैं सार्वजनिक रूप से अपील करूंगा कि जिस किसी को स्टार फोर्स के किसी मेम्बर या छोटे-मोटे अड्डे की भी जानकारी हो, बगैर डरे फलां-फलां फोन नंबर पर बताएं एवं बताने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और कार्यवाही गोली की-सी गति से की जाएगी’—मेरा ख्याल है, जो भयमुक्त माहौल बना है—हमें उसका लाभ मिलेगा—लोग जानकारियां देंगे और इस तरह हमें स्टार फोर्स को नेस्तनाबूद करने में मदद मिलेगी।”
“वैरी गुड तेजस्वी, तुम बिल्कुल ठीक लाइन पर चल रहे हो।” शांडियाल ने कहा—“हमें तुम पर गर्व है।”
“थैंैक्यू … थैंक्यू सर।” खुशी के मारे तेजस्वी का सारा जिस्म कांप रहा था।
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