RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
सर्किट हाउस में चल रहे चिरंजीव कुमार के लंच के दरम्यान कमिश्नर ने मौका देखकर तेजस्वी को सूचना दी—“अंतिम सभा से पांच मिनट पूर्व चिरंजीव कुमार की हत्या का प्लान बनाया गया है।”
“क्या देशराज से कॉन्टेक्ट हुआ था?” हौले से चौंकते हुए तेजस्वी ने पूछा।
“हां!”
“क्या कहा उसने?”
शांडियाल ने विस्तारपूर्वक सारी बातें बता दीं, सुनने के बाद तेजस्वी ने कहा—“आपने देशराज को ठीक आर्डर दिया—अगर वह पांच बजे से पहले अपना काम कर देता तो न तो हम कभी उसे गिरफ्तार कर पाते जो उसकी मदद करने वाला है—न ही व्हाइट स्टार का रहस्य जान पाते—ब्लैक स्टार की मौत के साथ-साथ यह होना जरूरी है।”
“हम एक उलझन में हैं तेजस्वी।”
“कैसी उलझन सर?”
“ये नई इन्फॉरमेशन ठक्कर को दें या नहीं?”
तेजस्वी तुरंत जवाब न दे सका—सोचने लगा वह, शायद ये कि क्या सलाह देना मुनासिब होगा, जबकि शांडियाल कहते चले गए—“ठक्कर का जो व्यवहार हमारे साथ है, उसके रहते दिल तो नहीं चाहता—इतना सब करने के बावजूद कम्बख्त हम पर बाल बराबर विश्वास करने को तैयार नहीं है लेकिन …।”
“लेकिन?”
“सोचते हैं, कहीं इस छुपाव से कोई नुकसान न हो जाए।”
“किसी किस्म का नुकसान होने की संभावना ही कहां है?”
“प्लान भले ही ब्लैक स्टार और व्हाइट स्टार मिलकर चाहे जो बनाते रहें, मगर देशराज के रहते अमल तो उस पर होने से रहा।” तेजस्वी को शांडियाल और ठक्कर के बीच खाई खोदने में ही अपना रास्ता साफ नजर आया—“होगा तो वास्तव में ये कि पांच बजे के बाद देशराज हमें कथित जुंगजू के मददगार और मौका लगा तो व्हाइट स्टार का परिचय देगा तथा जंगल में ब्लैक स्टार को शूट कर देगा—इधर उसकी इन्फॉरमेशन्स के मुताबिक हम लोग मददगार और व्हाइट स्टार को दबोच लेंगे—चिरंजीव कुमार के आसपास तक कोई खतरा नहीं मंडरा पाएगा।”
“कह तो तुम ठीक रहे हो।”
“बल्कि होगा ये कि मददगार और व्हाइट स्टार को खुद दबोचकर वह सारा श्रेय लूट ले जाएगा—बेहतर यही है सर कि जब सब कुछ कर ही हम रहे हैं तो श्रेय भी स्थानीय पुलिस को ही मिले।”
“ओ.के.!” कहने के साथ शांडियाल उसके नजदीक से हट गए। हट जाने का मुख्य कारण ठक्कर को अपनी तरफ बढ़ते देखना था।
लम्बे-लम्बे कदमों के साथ वह उनके नजदीक आया, आसपास किसी अन्य को न पाकर धीमे से फुसफुसाया—“क्या बातें हो रही थीं?”
“क-कोई खास नहीं।” कमिश्नर साहब थोड़ा हकला गए।
“देशराज की तरफ से कोई रिपोर्ट आई?”
शांडियाल ने संतुलित स्वर में कहा—“अभी तो नहीं।”
“जबकि आनी चाहिए।”
“हम समझे नहीं?”
“मौका मिलते ही वह ये सूचना देने वाला है कि उसे आज की अंतिम सभा से पांच मिनट पूर्व चिरंजीव कुमार पर हमला करने का आदेश मिला है।” कहने के बाद ठक्कर तेज कदमों के साथ एक तरफ को बढ़ गया—जबकि कमिश्नर शांडियाल ठगे से खड़े रह गए—उन्हें लग रहा था, उनसे दूर जाता शख्स साधारण शख्स नहीं, जादूगर है।
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“तेजस्वी को तो जानते होगे तुम?” ब्लैक स्टार ने पहला कौर मुंह में रखते हुए पूछा।
सवाल सुनकर लंच टेबल पर बैठे देशराज ने कहा—“यह नाम शायद किसी पुलिस इंस्पेक्टर का है!”
“इसका मतलब जेल में तुम्हें अखबार नहीं मिलता था?”
“कोठरी से बाहर भी केवल नहाने के बहाने आ पाता था सर।”
“तभी नहीं जान पाए कि उसने क्या-क्या करिश्मे किए हैं।” ब्लैक स्टार ने कहा—“पहले हम संक्षेप में उसके कारनामे बयान करते हैं।” कहने के बाद वह स्टार फोर्स से तेजस्वी के टकराव की कहानी सुनाने लगा।
माकूल प्रतिक्रियाओं के साथ देशराज उस कहानी को सुनता रहा।
कहानी पूरी करने के बाद ब्लैक स्टार ने अपने नजदीक खड़े काले भुजंग शख्स से कहा—“हाथ बांधे क्यों खड़े हो गोम्बा, जुंगजू को खरगोश का गोश्त खिलाओ।”
गोम्बा ने आगे बढ़कर हुक्म का पालन किया।
इधर देशराज ने कहा—“हैरत की बात है सर, एक अदने से इंस्पेक्टर ने ब्लैक फोर्स को एक नहीं अनेक मातें दीं, इतना नुकसान पहुंचाया और अभी तक जिंदा है—मेरे ख्याल से तो चिरंजीव कुमार से पहले उसे मार डालना चाहिए।”
हल्की मुस्कान के साथ ब्लैक स्टार ने धमाका किया—“और अब वही तेजस्वी चिरंजीव कुमार का मर्डर करने में तुम्हारी मदद करने वाला है।”
“क-क्या?” देशराज कुर्सी से एक फुट ऊपर उछल पड़ा।
“व्हाइट स्टार भी वही है।” उसने दूसरा धमाका किया।
“न-नहीं!” देशराज के हलक से चीख निकल गई, यह ध्यान आते ही कि इस वक्त वह जुंगजू है, बोला—“य-ये आप क्या करिश्मासाज कहानी सुना रहे हैं सर—पहले तेजस्वी का रूप और अब ये … ये आप क्या कह रहे हैं?”
“हमारी बातें सुनकर हर पुलिस वाले को इसी तरह उछल पड़ना चाहिए।”
“ज-जी?” देशराज जड़ होकर रह गया।
ब्लैक स्टार ने उसकी आंखों में आंखें डालकर पूछा—“हमने कुछ गलत कहा, क्या तेजस्वी की कहानी सुनकर हर पुलिस वाला तुम्हारी तरह नहीं उछल पड़ेगा?”
“ब-बिल्कुल उछल पड़ेगा। बल्कि मुझसे कहीं ज्यादा, जब वे सुनेंगे कि जिसे वे हीरो मान रहे थे, वह दुनिया का सबसे बड़ा विलेन है तो …।”
“तो निकालो बाएं जूते की एड़ी से ट्रांसमीटर और कमिश्नर को सूचित करो।”
देशराज की घिग्घी बंध गई।
कुर्सी पर बैठा-बैठा मानो स्टैचू में तब्दील हो गया वह।
आंखें पथरा गई थीं।
मुस्कराते ब्लैक स्टार ने कुछ कहना ही चाहा कि देशराज नाम के स्टेचू में चमत्कारिक ढंग से हरकत हुई—हॉल में मौजूद अन्य लोगों की तो कौन कहे, खुद ब्लैक स्टार न जान सका कि देशराज का रिवॉल्वर कब उसकी जेब से निकलकर हाथ में आ गया।
‘धांय-धांय-धांय।’
ब्लैक स्टार पर गोलियां बरसाता नजर आया वह।
मगर लाभ?
कुछ नहीं!
गोलियां ब्लैक स्टार के जिस्म से टकरा-टकराकर इस तरह छिटक रही थीं जैसे पत्थर से टकरा रही हों।
इतनी फुर्ती का इस्तेमाल देशराज ने यह सोचकर किया था कि अगर वह चूक गया तो शायद गोम्बा और चारों तरफ खड़े गनधारी उसे ब्लैक स्टार पर हमला करने का मौका ही न दें—परंतु किसी तरफ से उसे रोकने की लेशमात्र कोशिश नहीं की गई—यहां तक कि उसके हाथ में दबे रिवॉल्वर से धांय-धांय के स्थान पर ‘क्लिक-क्लिक’ की आवाज निकलने लगी।
भौंचक्का था वह!
पागल हो चुके सांड की तरह इधर-उधर देखा, हलक फाड़कर चीखा—“चलाओ गोलियां, मार डालो मुझे!”
कहीं कोई हलचल, कोई प्रतिक्रिया नहीं।
ए.के.-सैंतालीसधारी ऐसे खड़े थे मानो हाड़-मांस के इंसान नहीं बल्कि पत्थर के पुतले हों—उन भावहीन चेहरों को देखकर देशराज को लगा, शायद अब तक वह पुतलों को इंसान समझने की भूल करता रहा था—बौखलाकर गोम्बा की तरफ देखा, वह भी इस वक्त उसे स्टैचू ही नजर आया।
देशराज ने झुंझलाकर उस पर खाली रिवॉल्वर खींच मारा।
परंतु!
ब्लैक स्टार ने आश्चर्यजनक रूप से हाथ बढ़ाकर उसे लपक लिया, बेहद शांत स्वर में कहा उसने—“ज्यादा गुस्सा ठीक नहीं होता मिस्टर देशराज—आओ, आराम से कुर्सी पर बैठो।”
“हरामजादे … कुत्ते!” देशराज दहाड़ा—“मैं तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगा।”
“तो मिटा दो हमें, कोई रोक भी तो नहीं रहा तुम्हें!”
कोई और रास्ता न पाकर देशराज उस पर झपट पड़ा मगर तुरंत ही उसे भयानक भूल का एहसास हो गया—बिजली का तेज झटका लगा था, छिटककर दूर जा गिरा—अभी कालीन पर ही पड़ा था कि ब्लैक स्टार ने कहा—“किसी उछल-कूद से कोई लाभ नहीं दोस्त—गुस्सा वैसे भी आदमी के विवेक को खा जाता है—अतः इससे निजात पाओ, उठो और वापस आकर आराम से अपनी कुर्सी पर बैठो!”
देशराज आगे बढ़ा—धम्म से कुर्सी पर जा बैठा—उसके अलावा कर भी क्या सकता था! जबकि ब्लैक स्टार ने गोम्बा से कहा—“हाथ बांधे मिट्टी के माधो की तरह क्या खड़ा है, साहब को फिंगर बॉउल दे।”
गोम्बा में तुरंत हरकत हुई, फिंगर बॉउल देशराज के ठीक सामने रख दी।
“हाथ धो लो।” ब्लैक स्टार ने उससे कहा।
देशराज बच्चों की तरह अड़ गया—“नहीं धोऊंगा।”
“चलो, न सही।” ब्लैक स्टार हौले से मुस्कराया—“यह जानने की जिज्ञासा तो तुम्हें जरूर होगी कि हम तुम्हारा भेद कैसे और कब जाने?”
देशराज गुर्राया—“मुझे कोई जिज्ञासा नहीं है।”
“यह भी नहीं जानना चाहते कि हम तुम्हें मार क्यों नहीं रहे?”
“बकना ही चाहते हो तो बको?”
“तुम्हें ट्रांसमीटर पर कमिश्नर से यह कहना पड़ेगा कि तुम्हारा मददगार इंस्पेक्टर तेजस्वी है।”
“मैं समझ गया हरामजादे—तेजस्वी ने प्रतापगढ़ में तेरी स्टार फोर्स की जो धज्जियां उड़ाई हैं, उनके कारण तेरी आंखों में सबसे ज्यादा चुभता कांटा वही है—और मेरे द्वारा कमिश्नर साहब को यह सूचना भिजवाकर तू न केवल अपने तेजस्वी नाम के दुश्मन से हमेशा के लिए निजात पाना चाहता है, बल्कि उसे यह सबक देना चाहता है कि जिनके लिए उसने यह सब किया, तू उसे उनके ही हाथों नेस्तनाबूद करा सकता है—मगर कम-से-कम मुझे माध्यम बनाकर तू अपने इस सपने को साकार नहीं कर सकता।”
“यानि?”
“मैं ट्रांसमीटर पर वो शब्द नहीं कहूंगा जो तू चाहता है।”
“ये तो तुम्हें कहना पड़ेगा देशराज।” ब्लैक स्टार का लहजा पहली बार कठोर हुआ।
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