RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“अगर तूने हमारे एक भी सवाल का जवाब गलत दिया तेजस्वी, तो अंजाम ऐसा होगा जिसकी तूने स्वप्न तक में कल्पना न की होगी।” गुस्से से पागल हुए जा रहे कमिश्नर शांडियाल ने दोनों हाथों से टॉर्चर चेयर पर बैठे तेजस्वी का गिरेबान पकड़ रखा था, दांतों-पर-दांत जमाए वे गुर्राते चले गए—“बोल … तूने यह सब क्यों किया—क्या केवल यमन होने के नाते, क्या तू भी यमनिस्तान चाहता था?”
“नहीं सर!” तेजस्वी ऐसे अंदाज में बोला जैसे जीवन से निराश हो चला हो—“यह बात नहीं थी।”
“फ-फिर … फिर क्या बात थी हरामजादे?” कमिश्नर साहब दहाड़ उठे—“चिरंजीव कुमार जैसे देवता को क्यों मार डाला तूने? क्यों किया ये घृणित काम?”
तेजस्वी ने इस तरह गर्दन झुका ली जैसे पश्चाताप की अग्नि में सुलग रहा हो।
एकाएक ठक्कर आगे बढ़ा—कमिश्नर साहब के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें अलग हटने का संकेत किया और तेजस्वी के बाल पकड़े—एक झटके से उसका चेहरा ऊपर उठाया, आंखों में आंखें डालकर बोला—“अगर कोई चालाकी करने की कोशिश की तो तेरे जिस्म से खून की एक-एक बूंद निचोड़ ली जाएगी इंस्पेक्टर …।”
तेजस्वी कुछ नहीं बोला।
सूनी-सूनी आंखों से उसे देखता भर रहा।
टॉर्चर चेयर के ऊपर चार दिशाओं में तेज रोशनी वाले लाल बल्ब लगे हुए थे—चारों की सम्पूर्ण रोशनी का फोकस तेजस्वी के जिस्म पर केन्द्रित था—उस रोशनी के कारण खून में नहाया-सा लग रहा था वह।
चैम्बर में वे तीनों ही नहीं बल्कि डी.आई.जी., एस.एस.पी., एस.पी. देहात और सिटी, कमांडो नंबर वन, स्पेशल गार्ड और पांडुराम भी मौजूद थे—परंतु पांडुराम को वहां इसलिए रखा गया था ताकि तेजस्वी मुकर न सके लेकिन वह एक परसैन्ट भी मुकरने के मूड में नजर नहीं आ रहा था—शायद इसीलिए ठक्कर को लगा, तेजस्वी ने पुनः कोई चाल चलने की तैयारी के साथ खुद अपनी गिरफ्तारी दी है।
तेजस्वी ने उसी पोजीशन में कहा—“आप लोग मुझे इस टॉर्चर चेयर में शायद इसीलिए लाए हैं ताकि अगर मैं आपके सवालों के जवाब न दूं तो मुझे टॉर्चर किया जा सके?”
“हमें जवाब नहीं, सही जवाब चाहिएं इंस्पेक्टर।”
“जिसका सब कुछ उजड़ चुका है—उसे गलत जवाब देकर अब करना भी क्या है सर!”
“क्या मतलब?”
“आप लोगों के साथ धोखा तो हुआ ही है—मगर उससे बड़ा धोखा मेरे साथ हुआ।”
“क्या बकना चाहता है?”
“शुरू से शुरू करूं तो बेहतर होगा।” एक लम्बी सांस लेने के बाद तेजस्वी शुरू हो गया—“पांडुराम ने आपसे ठीक कहा था कमिश्नर साहब—मैं कभी वैसा पुलिसिया नहीं रहा जैसा आप लोग समझते थे—नंबर एक का रिश्वतखोर, भ्रष्टाचारी और धूर्त पुलिसिया रहा हूं मैं—पांडुराम ने मुझे वर्दी वाला गुण्डा कहा है और सचमुच मैं वर्दी वाला गुण्डा ही था—जिस थाने पर नियुक्त कर दिया जाता उस थाना-क्षेत्र में अपनी गुण्डागर्दी की हुकूमत कायम कर लेता—प्रतापगढ़ में भी मैंने वही किया—यमन होने की खातिर नहीं बल्कि पैसे की खातिर … पैसे की खातिर मैंने न केवल ब्लैक स्टार का ऑफर कुबूल किया बल्कि उससे हाथ मिलाया, चिरंजीव कुमार की हत्या का षड्यंत्र रचा।”
“तूने ये सब कितने पैसे की खातिर किया?”
“पचास लाख की खातिर।”
“केवल पचास लाख की खातिर तूने देवतातुल्य चिरंजीव कुमार को मारना कुबूल कर लिया?”
तेजस्वी चुप रह गया।
“खैर!” ठक्कर गुर्राया—“आगे बक, तेरे और उसके बीच सौदा कब हुआ?”
“इस थाने पर नियुक्ति से पहले ही।” तेजस्वी बेखौफ कहता चला गया—“कमिश्नर साहब को याद होगा—मेरी प्रतापगढ़ में नियुक्ति की सबसे जोरदार सिफारिश चिदम्बरम और कुम्बारप्पा ने की थी—यहां यह भी बता देना मुनासिब होगा कि वे दोनों जिस तरह ट्रिपल जैड से पगार पाते थे, उसी तरह ब्लैक स्टार के भी पिट्ठू थे और उसी के कहने पर उन्होंने मेरी नियुक्ति प्रतापगढ़ थाने पर करवाई थी।”
“क्या ट्रिपल जैड और ब्लैक स्टार का भी आपस में कोई संबंध स्थापित हो गया था?”
“इस बारे में मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं जानता कि एक दिन ब्लैक स्टार ने मुझसे कहा कि प्रतापगढ़ में चिरंजीव कुमार के मर्डर के उद्देश्य से ट्रिपल जैड नामक एक विदेशी एजेंट भी सक्रिय है।”
“निश्चित ही कुम्बारप्पा और चिदम्बरम के जरिए उनके बीच कोई सौदा हुआ होगा।”
“मुमकिन है।”
“आगे?”
“एक-एक घटना का जिक्र करने के स्थान पर अगर यह कह दिया जाए तो पर्याप्त होगा कि आपकी नजरों में महत्त्वपूर्ण बनने के लिए हमने एक योजना तैयार की—उसके मुताबिक ब्लैक स्टार ने जान-बूझकर मेरे द्वारा अपने अड्डे नष्ट कराए, शुब्बाराव और थारूपल्ला को मरवाया—झावेरी का पुल उड़ने दिया—आड़ ये बना दी गई कि ब्लैक स्टार मुझे अपने हाथ से मारने की कसम खा चुका है—कुम्बारप्पा को पुलिस हैडक्वॉर्टर में मैंने खुद अपने हाथों से मारा, फिर ऐसा प्लान स्टेज किया जिसमें फंसकर आपके कमांडोज को खुद चिदम्बरम और ट्रिपल जैड का खात्मा करना पड़ा—इन तीनों को मारना इसलिए जरूरी था क्योंकि उनके जरिए कभी भी षड्यंत्र का पर्दाफाश हो सकता था।”
“लुक्का के रूप में नंबर फाइव का मर्डर?”
“सच वही है जो पांडुराम ने बताया होगा।”
“ब्लैक स्टार से कहां मिलते थे तुम?”
“रात के किसी समय वह खुद मेरे क्वॉर्टर पर आता था।” तेजस्वी ने सफेद झूठ बोला—“लेकिन चिरंजीव कुमार के आने की तारीख पक्की होते ही ब्लैक स्टार ने मुझे एक ट्रांसमीटर दिया, कहा कि भविष्य में मिलना खतरनाक हो सकता है, अतः अब हम इसी पर बातें करेंगे—अपना कोड मैंने व्हाइट स्टार रखा—शुरू में क्योंकि देशराज से संबंधित प्लान की मुझे कोई जानकारी नहीं थी इसलिए वह जुंगजू के रूप में जंगल तक जा पहुंचा, मगर जैसे ही कमिश्नर साहब द्वारा पता लगा, मैंने ब्लैक स्टार को उसका निशाना चैक करने के सांकेतिक शब्दों में इन्फॉरमेशन दे दी।”
कमिश्नर साहब का जी चाहा कि अपने बाल नोच लें।
ठक्कर ने पूछा—“यह बात तुमने ट्रांसमीटर पर सांकेतिक अंदाज में क्यों कही, ब्लैक स्टार को स्पष्ट क्यों नहीं बताया कि जुंगजू असल में देशराज है?”
“जो बातें आप कमिश्नर साहब को बताते थे—ये आपसे छुपाकर मुझे बता देते थे—उन्हें सुनकर मुझे विश्वास हो गया कि आपने मेरे और ब्लैक स्टार के ट्रांसमीटर्स की फ्रीक्वेंसीज कैच कर रखी है—तब मैंने और ब्लैक स्टार ने आपको इन्हीं ट्रांसमीटर्स के जरिए धोखे में डालने की योजना बनाई।”
“ओह!” अब ठक्कर का दिल चाहा कि अपना माथा पीट ले।
“योजना यह थी कि जो कुछ हम ट्रांसमीटर्स के जरिए ‘लीक’ करते रहे, वह आपको होता भी नजर आता रहे ताकि पक्के तौर पर आप इस भ्रम में रहें कि आप सही पटरी पर हैं। व्हाइट स्टार के रूप में मैंने अपने ही परिवार को किडनैप करने की बात कही और आपको भ्रम में फंसाने के लिए उस पर अमल भी किया—फिर तेजस्वी के रूप में वह सब बताने मैं कमिश्नर साहब के बंगले पर पहुंच गया—जानता था कि जो भेद आपको पहले से पता है उसे दूसरे ढंग से मेरे मुंह से सुनकर न केवल खुश हो जाएंगे बल्कि मुझ पर विश्वास और भी पक्का होगा तथा योजना ऐसी बनाई जो हम चाहते थे—ब्लैक स्टार और व्हाइट स्टार के फार्म हाउस पर मौजूद रहने की बात ट्रांसमीटर्स पर की ही इसलिए गई थी ताकि आप लोग दोनों को गिरफ्तार करने के लालच में फंस जाएं—कुर्ते का कॉलर उलटने के लिए ब्लैक फोर्स के एक मरजीवड़े को भेजा इसीलिए गया था ताकि आप लोग अंत तक भ्रमजाल में फंसे रहें, जबकि गुलाब के पौधे की जड़ में पड़े रिवॉल्वर को असल प्लानिंग के मुताबिक किसी को हाथ तक नहीं लगाना था।”
“सो तो जाहिर हो गया—मर्डर तुम्हारी बीवी को करना था?”
“नहीं सर, योजना यह नहीं थी—भला अपनी पत्नी के मर जाने की योजना मैं क्यों बनाता!”
“तो?”
“ब्लैक स्टार ने मुझसे कहा था—‘ठक्कर की योजना के मुताबिक जिस जीप को कमिश्नर तुम्हारे परिवार को बचाने के मंसूबे के साथ तीर की तरह चारदीवारी के अंदर ले जाएगा, उसके नीचे ब्लैक फोर्स का एक ऐसा मरजीवड़ा छुपा होगा जिसने अपने कपड़ों के नीचे एक ऐसी बैल्ट बांध रखी होगी जिसमें एक बटन दबाते ही जबरदस्त धमाका होगा और मरजीवड़ा सहित सब कुछ खत्म हो जाएगा—ये बटन वह चिरंजीव कुमार के चरण स्पर्श करते वक्त दबाएगा। आप समझ सकते हैं, उसे जीप के नीचे छुपाने की बात तलाशी से बचने हेतु कही गई थी।”
“तुम झूठ बोल रहे हो?”
“नहीं सर, योजना यही थी—मगर मेरे साथ धोखा हुआ।”
“कैसा धोखा?”
“चारदीवारी के अंदर जीप के रुकते ही जब मेरे माता-पिता ने बताया कि अरुणा उनके साथ नहीं है तो यह सोचकर मेरा दिमाग भन्ना उठा कि ऐसा क्यों है—योजना के मुताबिक ब्लैक स्टार को मेरा सारा परिवार जीप में भेजना था—इस हल्की-सी तब्दीली ने मुझे झकझोर कर रख दिया और अभी ठीक से कुछ समझ भी नहीं पाया था कि वह भयंकर विस्फोट हो गया—दूसरे लोगों की तरह बल्कि आप सबसे कुछ ज्यादा ही मैं बदहवास हो उठा क्योंकि चिरंजीव कुमार के साथ मेरी पत्नी भी मारी गई थी—पगलों की तरह भागता-दौड़ता मैं सीधा अपने फ्लैट पर पहुंचा।”
“वहां किसलिए?”
“मिशन पूरा होने के बाद ब्लैक स्टार ने वहीं मिलने का वायदा किया था।”
“ओह!”
“मगर वहां वह नहीं, उसका एक पत्र मिला।”
“पत्र?”
“आप मेरी कमीज की दाहिनी जेब से निकालकर पढ़ सकते हैं।”
ठक्कर ने झपटने के-से अंदाज में उसकी जेब से कागज निकाला—खोला, सभी उस पर झुक गए—लगभग सभी ने एक साथ पढ़ा, लिखा था—
“हमें मालूम है इंस्पेक्टर, योजना में जो हल्की सी तब्दीली की गई है, वह तुम्हें दुःख पहुंचाएगी—मगर यह तब्दीली तुम्हारे किसी भी ‘डबल क्रास’ से बचने के लिए जरूरी थी—हम अच्छी तरह जानते हैं, तुम्हारी बेटी को बचाने के लिए तुम्हारी पत्नी अपने प्राणों की आहुति अवश्य देगी—चिंता मत करो, तुम्हारी बेटी तुम्हें सुरक्षित मिल जाएगी और बाकी के पच्चीस लाख इस पत्र के साथ हाजिर हैं—तुम्हें पहुंचे आघात के लिए हमें खेद है।”
—ब्लैक स्टार
कागज को पढ़ने के बाद सभी के दिमाग झन्ना उठे।
दीन-हीन बना तेजस्वी टूट चुके शख्स की मानिन्द बोला—“जो जैसा बीज बोता है सर, उसे वैसी ही फसल काटनी पड़ती है—इधर मैंने आप लोगों को विश्वास में लेकर सारे मुल्क को छला, उधर ब्लैक स्टार ने मुझे विश्वास में लेकर मेरी सबसे प्यारी चीज छीन ली।”
“लेकिन तू तो कह रहा था सौदा पचास लाख में हुआ, इसमें तो केवल पच्चीस का जिक्र है?”
“पच्चीस सौदा होने से पहले मिल चुका था।”
“कहां है वह?”
“मेरे फ्लैट पर।”
ठक्कर उसे घूरता रह गया—जाने क्यों उसे लग रहा था कि तेजस्वी अब भी कोई चाल चल रहा है।
मगर क्या?
यह वह न समझ सका।
खुद को खुले शब्दों में चिरंजीव कुमार की हत्या का षड्यंत्री कुबूल करने के बाद भला वह क्या चाल चल रहा हो सकता था—सब कुछ स्वीकार कर चुका था तेजस्वी, ऐसा कुछ भी तो नहीं था जो उसने कुबूल न कर लिया हो, अतः ठक्कर के पास पूछने के लिए कोई सवाल बाकी न रहा—काश, उसे इल्म होता कि तेजस्वी किस बला का नाम है!
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अगले दिन!
संचार माध्यमों के जरिए सारा देश जान चुका था कि चिरंजीव कुमार की हत्या कैसे हुई—मुल्क के लगभग हर अखबार के विशेष संस्करण प्रकाशित हुए—उनमें पुलिस को दिया गया तेजस्वी का बयान विस्तारपूर्वक छपा था।
देश तो खैर यही सोच-सोचकर भौंचक्का था कि इस हत्या का षड्यंत्र एक ऐसे पुलिसिए ने रचा जो खुद भी सुरक्षा-व्यवस्था का एक हिस्सा था मगर सबसे ज्यादा हैरान थे प्रतापगढ़ के लोग।
वे, जिनके लिए इस रहस्योद्घाटन से पूर्व तेजस्वी फरिश्ता जैसा था।
बच्चा-बच्चा अखबार में छपा उसका बयान पढ़कर दंग रह गया।
पुलिस ने उसके फ्लैट से पचास लाख रुपये बरामद कर लिए थे।
अरुणा लोगों को एक स्थान पर बेहोश पड़ी मिली।
तेजस्वी को विशेष अदालत में पेश किया जाने वाला था—उसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से प्रतापगढ़ आ गए—विशेष अदालत के चारों तरफ लाखों की भीड़ इकट्ठा हो गई—भीड़ इतनी उत्तेजित थी कि यदि तेजस्वी हाथ लग जाता तो पीटते-पीटते मार डालती—इस बात को पुलिस अच्छी तरह जानती थी—किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरा प्रबन्ध किया गया था—जबरदस्त सुरक्षा-व्यवस्था के बीच तेजस्वी को कचहरी लाया गया।
विशेष कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट की कार्यवाही कचहरी के चारों तरफ मौजूद लाखों की भीड़ को सुनाई देती रहे, इसके लिए लाउडस्पीकर्स लगाए गए थे। यह प्रबन्ध तब किया गया जब व्यवस्थापकों को लगा कि यदि ऐसा न किया गया तो गुस्से और रोष से भरी भीड़ कोर्ट की कार्यवाही नहीं चलने देगी।
चारों तरफ से बंद अदालत कक्ष में सरकारी वकील द्वारा तेजस्वी को उसका बयान सुनवाया गया।
कटघरे में खड़ा तेजस्वी केवल मुस्कराता रहा।
सरकारी वकील के चुप होने पर न्यायाधीश द्वारा उससे पूछा गया—“क्या अपने इस बयान के बारे में तुम्हें कुछ कहना है मिस्टर तेजस्वी?”
तेजस्वी को मालूम था इस वक्त वह जो कहेगा, उसे दूर-दूर तक खड़े लाखों लोग सुनेंगे, अतः बोला—“केवल इतना ही कहूंगा योर ऑनर कि इस बयान में कहीं कोई सच्चाई नहीं है।”
सभी चौंक पड़े। खलबली मच गई।
“क्या मतलब?” न्यायाधीश ने पूछा—“क्या ये बयान तुमने नहीं दिए?”
“हमारे पास टेप है मी लार्ड।” सरकारी वकील चीख पड़ा।
“जरूर होगा!” तेजस्वी ने एक-एक शब्द पर जोर दिया—“मगर उसमें वह मजबूरी नहीं भरी गई जिसके कारण मुझे पुलिस के समक्ष यह बयान देना पड़ा।”
“क्या तुम्हें यह बयान देने के लिए पुलिस ने मजबूर किया था?” न्यायाधीश संभलकर बैठ गए।
“बयान मेरे मुंह से निकला जरूर है सर, लेकिन वास्तव में वह मेरा नहीं, पुलिस का बयान है, कमांडो फोर्स के मुखिया का बयान है—मुझे वही सब कहना पड़ा जो वे लोग चाहते थे।”
“वजह?”
“मेरे माता-पिता इनकी कैद में थे और इन्होंने धमकी दी थी कि अगर वह सब नहीं कहा जो टेप में भरा है तो उन्हें खत्म कर दिया जाएगा—ऐसी धमकी के बाद टॉर्चर-चेयर पर बैठा कोई भी शख्स इनकी बात मानने के अलावा कर भी क्या सकता था योर ऑनर?”
“ये आदमी झूठ बोल रहा है मी लॉर्ड!” सरकारी वकील दहाड़ उठा—“इस कोर्ट को, बल्कि सारे देश को बरगलाना चाहता है ये!”
“ये झूठ है!” तेजस्वी हलक फाड़कर चीखा—“सारे देश को बेवकूफ बनाने की कोशिश केन्द्रीय कमांडो दस्ते का चीफ ठक्कर कर रहा है—पुलिस कमिश्नर, डी.आई.जी., एस.एस.पी. स्पेशल गार्ड, हवलदार पांडुराम, एस.पी. देहात और सिटी कर रहे हैं।”
“यानि वे सबके सब झूठे हैं?” सरकारी वकील ने व्यंग्य किया—“और तुम अकेले सच्चे?”
“एक ही नाव पर सवार होने के कारण वे सब एक ही सुर में बोल रहे हैं योर ऑनर!”
“क्या मतलब?”
“चिरंजीव कुमार की हत्या के लिए ये सब बराबर के कुसूरवार हैं—अपनी गर्दनें बचाने के लिए ये बड़े अफसर गाज मुझ जैसे छोटे ओहदे वाले पुलिसिए पर गिराना चाहते हैं बल्कि गिरा चुके हैं, मगर मैं इनके षड्यंत्र को किसी हालत में कामयाब नहीं होने दूंगा—सारे देश के सामने उनके चेहरों पर पड़े नकाब नोंच लूंगा—मैं इन्हें नंगा कर दूंगा योर ऑनर—असल में मैं नहीं, ये लोग इस मुल्क की व्यवस्था के माथे पर लगे कोढ़ के धब्बे हैं।”
“कैसे?”
“खुद को दुनिया का सबसे बड़ा धुरंधर समझने वाले मिस्टर ठक्कर इस मामले में ऐसा धोखा खाए हैं कि अपनी गर्दन बचाने के लिए उनके पास पैंतरा बदलने के अलावा कोई चारा नहीं था—जो हुआ है, कृपया मुझे उसे संक्षेप में बताने की इजाजत दी जाए।”
“इस वक्त ये इजाजत नहीं दी जा सकती मी लॉर्ड।”
“देश के सामने सच्चाई आनी चाहिए योर आनर।”
न्यायाधीश ने गंभीर स्वर में कहा—“आप जो कहना चाहते हैं कहें मिस्टर तेजस्वी।”
“थैंक्यू सर!” कहने के बाद तेजस्वी ने गला खंखारा, बोला—“असल में हुआ ये योर ऑनर कि परसों रात करीब ढाई बजे मेरे फ्लैट पर ब्लैक फोर्स का एक आदमी आया—उसने मुझे विश्वास दिलाया कि मेरा पूरा परिवार ब्लैक स्टार के कब्जे में है और अगर मैं एक रिवॉल्वर फार्म हाउस की चारदीवारी के अंदर गुलाब के पौधे की जड़ में नहीं पहुंचाऊंगा तो मेरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा—दिल चाहा कि उस हरामजादे को वहीं शूट कर दूं, मगर अपने परिवार का अंजाम सोचकर वैसा नहीं कर सका—कुबूल करता हूं सर, उस वक्त मैं कमजोर पड़ गया था मगर घुटने नहीं टेके थे—सोचा, क्यों न कोई ऐसी चाल चली जाए जिससे अपने परिवार को बचा सकूं और चिरंजीव कुमार को भी—मैं उस शख्स के जाते ही, जिसने अपना नाम ‘व्हाइट स्टार’ बताया था, कमिश्नर साहब के बंगले पर पहुंचा—वहां ठक्कर साहब भी मौजूद थे—मैंने सारी सिच्युएशन उन्हें साफ-साफ बता दी—यह सुनने के बाद मुझे दंग रह जाना पड़ा कि वे दोनों मेरे साथ घटी घटना से पूर्वपरिचित थे—मैंने सूत्र पूछा—मिस्टर ठक्कर ने बताने से इंकार कर दिया—साथ ही एक योजना बनाई—मेरे परिवार और चिरंजीव कुमार को बचाने के साथ-साथ ‘ब्लैक स्टार’ और कथित ‘व्हाइट स्टार’ को गिरफ्तार करने की योजना—इनके उस अज्ञात सूत्र के मुताबिक उन दोनों को वहां आना था—ये बात तो खुद पुलिस कमिश्नर और दूसरे अफसर भी अदालत को बताएंगे सर कि हम सब तो केवल मोहरे थे—योजना भी ठक्कर साहब की थी और उसकी अगवानी भी वे ही कर रहे थे और फिर … फार्म हाउस की चारदीवारी के अंदर वह योजना इस कदर फ्लॉप हो गई कि चिरंजीव कुमार मारे गए—मेरे साथ-साथ उसी क्षण इनकी समझ में भी यह बात आ गई कि असल में हम सब ब्लैक-स्टार द्वारा मूर्ख बना दिए गए हैं—वह हमारा ध्यान कहीं और लटकाए रहा तथा हत्या दूसरे तरीके से कर दी—इन सब बड़े अफसरों को लगा कि ये सबके सब फंसेंगे—तब, उन्होंने मुझे बलि का बकरा बनाने की योजना बनाई।”
“तुम्हीं में क्या सुर्खाब के पंख लगे थे?” सरकारी वकील ने कहा—“किसी और को बलि का बकरा क्यों नहीं बना दिया उन्होंने?”
“क्योंकि मैं अकेला उनकी राह का कांटा था।”
“मतलब?”
“जीप में अपनी बेटी के न होने और चिरंजीव कुमार के साथ अपनी पत्नी के मरने की घटनाओं ने पलभर में मुझे समझा दिया कि ब्लैक स्टार ने शुभा को किस तरह मजबूर करके उससे यह घृणित काम कराया होगा—आपे से बाहर होकर मैं घटनास्थल पर ही चीख-चीखकर ठक्कर और कमिश्नर से कहने लगा कि असल में चिरंजीव कुमार और मेरी पत्नी की हत्या के जिम्मेवार वे लोग हैं—ब्लैक स्टार और व्हाइट स्टार को गिरफ्तार करने के लालच में फंसकर वे न कोई स्कीम बनाते, न ही चिरंजीव कुमार की इतनी वीभत्स मौत होती—मुझे यह सब बकता देखकर वे लोग घबरा गए—उन्हें लगा, मैं अपनी बेवकूफी से अपने साथ साथ सबको फांसी के फंदों पर पहुंचा दूंगा और तब … अफरा- तफरी के बीच उन लोगों ने मुझे दबोच लिया योर ऑनर—फार्म हाउस की इमारत के अंदर ले गए—एक कमरे में बंद कर दिया और कुछ देर यह ड्रामा स्टेज किया कि मैं गायब हूं—उसके बाद चिरंजीव कुमार की हत्या का षड्यंत्र रचने वाले के रूप में मेरा नाम प्रसारित कर दिया—फिर ये ड्रामा जैसे मुझे गिरफ्तार कर लिया गया हो—मुझे वहां से निकालकर गुप्त तरीके से टॉर्चर चेम्बर में ले जाया गया—वहां जब माता-पिता को मारने की धमकी के साथ यह कहा गया कि मैं खुद को व्हाइट स्टार और ब्लैक स्टार से मिलकर चिरंजीव कुमार की हत्या का षड्यंत्री कुबूल कर लूं तो भौंचक्का रह गया—तब तक वे लोग वह पूरी कहानी तैयार कर चुके थे जो कुछ देर पहले वकील साहब ने सुनाई—वे लोग जो चाहते थे वह सब कुछ मैंने यह सोचकर अपने मुंह से कह दिया कि अगर इस वक्त इनकी बात नहीं मानी तो माता-पिता के साथ मुझे भी मार डालेंगे और लोगों के सामने कभी हकीकत नहीं आ सकेगी—अब जब कि कोर्ट को मैंने हकीकत बता दी है योर ऑनर—मेरी और मेरे परिवार की हिफाजत की जाए।”
“अगर पुलिसियों की कहानी झूठी है तो उसे तुम्हारे फ्लैट से पचास लाख रुपये कैसे मिले?”
“रुपये इनके अपने हैं, मेरे फ्लैट से बरामद दिखाए गए।”
“और ये लैटर?” वकील ने ब्लैक स्टार का लैटर हवा में लहराया।
“अपनी झूठी कहानी को सच्चाई का जामा पहनाने की खातिर लैटर इन्होंने खुद तैयार किया है।” तेजस्वी कहता चला गया—“दरअसल ठक्कर का वह सूत्र कोई और नहीं बल्कि ब्लैक स्टार और व्हाइट स्टार के ट्रांसमीटर्स की फ्रीक्वेंसीज थी—मेरे शुरू से ही ब्लैक फोर्स से मिले होने की कहानी केवल इसलिए गढ़ी योर ऑनर ताकि प्रतापगढ़ के जो लोग मुझे बेहद प्यार करते हैं वे नफरत करने लगें।”
“और तुम्हारी बेटी को ब्लैक स्टार ने क्यों छोड़ दिया?”
“खुद कुबूल कर रहा हूं कि उसने यह काम शुभा से अरुणा को मारने की धमकी देकर कराया होगा—और अब जब उसका काम हो चुका है तो अरुणा को कैद रखकर या मारकर उसे क्या मिलना था?”
“यह शख्स झूठ का जाल फैलाकर सबको भरमाना चाहता है मी लॉर्ड।”
“यह तो विस्तृत छानबीन और बहस के बाद ही साबित हो सकेगा योर ऑनर कि देश को ठगने की कोशिश कौन कर रहा है—इस वक्त प्रतापगढ़ और देश की जनता को केवल इतना ही संदेश देना चाहूंगा कि मेरे ब्लैक स्टार से मिले होने और व्हाइट स्टार होने की कहानी एकदम झूठी, बकवास और बेबुनियाद है—चिरंजीव कुमार की हत्या में एक सुरक्षाकर्मी होने के नाते जितना दोष मेरा है, उससे कहीं ज्यादा मेरे अफसरों का है और मैं उन्हें गुनाहगार साबित करने के बाद ही दम लूंगा।”
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