RE: Kamukta Story प्यास बुझाई नौकर से
दिसम्बर महीना रात का टाइम, चारों तरफ सन्नाटा था। बीच-बीच में दूर से कुत्तों के भौंकने की आवाज आ रही थी। पूरा गाँव नींद की आगोश में था। अचानक घड़ी की आवाज आई टन्न्। रूबी ने देखा रात का एक बज चुका था। पर लाख कोशिश के बाद भी 28 साल की रूबी को नींद नहीं आ रही थी, मानो जैसे नींद रूबी से रूठी हो। गाँव के बाहर बाहर आलीशान घर में रूबी इतनी रात होने पे भी अपने मखमली बेड पे कम्बल में करवटें ले रही थी। अपने बेड पे लेटे-लेटे उसे अकेलापन निगल रहा था।
हमेशा खुश रहने वाली रूबी आजकल काफी अकेलापन महसूस करने लगी थी। 28 साल की गदराई जवानी की मालेकिन रूबी को किश्मत ने सब कुछ दिया था। घर में सासू माँ कमलजीत, और ससुर हरदयाल के अलावा रूबी ही थी। दो साल पहले रूबी दुल्हन बनकर इस घर में आई थी।
हरदयाल और कमलजीत के दो बच्चे थे। पहला बचा लड़की हई। उसका नाम रखा गया प्रीति। उसकी शादी हए 5 साल हो चुके हैं और वो अपने ससुराल में खुश है अपने पति के साथ।
हरदयाल और कमालित का दूसरा बच्चा हुआ लखविंदर। लखविंदर दुबई में कन्स्ट्रक्सन कंपनी में सिविल इंजिनियर है। अच्छी खासी सेलरी है लखविंदर की। दुबई में काम करने के कारण साल दो साल बाद ही इंडिया का चक्कर लगता है। लास्ट टाइम लखविंदर 8 महीने पहले घर आया था। रूबी और लखविंदर की अरेंज मैरेज हुई थी।
रूबी भी पीछे से अच्छे खानदान से है। उसके फादर की सरकारी जाब थी और उसके दो और भाई हैं जो की अभी रूबी से बड़े हैं। रूबी पढ़ने में अच्छी थी तो घर वालों ने कंप्यूटर्स में डिग्री करवा दी। कालेज में कुछ लड़कों ने रूबी को पटाने की कोशिश की। करते भी क्यों ना, गोरा रंग, 5'4' इंच का कद, सुडौल मुम्मे, मोटे चूतर किसी की भी नींद हराम कर सकते थे।
लेकिन अच्छे संस्कार वाली रूबी ने कभी लड़कों में इंटेरेस्ट नहीं लिया। रूबी को पता था की लड़के सिर्फ उसका जोवन रस पीना चाहते हैं। पर वो सिर्फ अपनी पढ़ाई में ही इंटरेस्ट लेती थी। कालेज छोड़ने के बाद रूबी ने प्राइवेट स्कूल में टीचिंग भी की कुछ साल। 26 साल की होते-होते लखविंदर का रिश्ता आया। रूबी के घर वालों ने देखा अच्छा परिवार है, लड़का अच्छा कमाता है, वेल सेटल्ड है। गाँव के बाहर-बाहर आलीशान घर है। जमीन भी अच्छी है तो उन्होंने ने झट से हाँ कर दिया रिश्ते को।
रूबी पहले थोड़ा ना-नकर की। पर जब लखविंदर को देखा और बात की तो रूबी को लखविंदर भा गया और उसने हाँ बोल दिया शादी के लिए। पीछे से खुशहाल परिवार की लड़ली को ससुराल भी खुशहाल ही मिला। कमलजीत और हरदयाल इतनी अच्छी बहू पाकर फूले नहीं समा रहे थे। शादी के बाद रूबी अपने ससुराल में अच्छे से अड्जस्ट हो गई। इतना अच्छा ससुराल और पति पाकर रूबी अपनी लाइफ में खुश थी। ससुराल में कोई खास काम नहीं था, जो रूबी को करना पड़ता।
घर की सफाई के लिए गाँव से लड़की आती थी। बस खाना ही बनाना होता था, जो की रूबी और कमलजीत दोनों मिलकर बना लेती थी। हरदयाल अपने खेतों के कामों में राम के साथ बिजी रहता था।
रामू घर का नौकर था जो की 22 साल का था। रामू का काम भैंसों का दूध निकालना, चारा डालना और खेतों का काम करना था। शादी के एक महीने बाद लखविंदर वापिस दुबई चला गया। उसके जाने के टाइम रूबी लखविंदर से सटकर काफी रोई थी। लखविंदर के जाने के बाद रूबी उदास हो गई।
|