RE: Kamukta Story प्यास बुझाई नौकर से
अब रूबी की पीठ रामू की तरफ थी और वो कपड़ों की तह लगा रही थी। रामू ने अपने दिल से हार मान ली
और उसने रूबी की कमर में हाथ डाल दिया, और उसे अपने से सटा लिया। रूबी ने तो सोचा था की राम उससे बात करेगा, पर उसने तो सीधा उसकी कमर को पकड़ लिया और अपने से चिपका लिया था। इस अचानक हये हमले से रूबी हड़बड़ा गई और अपनी कमर उसके चंगुल से छुड़ाने की कोशिश करने लगी।।
रूबी- रामू छोड़ो, क्या कर रहे हो?
राम- बीवीजी आप बहुत सुंदर हो।
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रूबी- रामू मैं तुम्हारी मालेकिन हूँ, तुम क्या कर रहे हो?
रामू- बीवीजी हम आपसे बहुत प्यार करते हैं।
रामू ने रूबी की कमर में हाथ डालकर उसके चूतरों को अपने लण्ड से चिपका लिया था। उसका दूसरा हाथ रूबी के दायें उभार पे था और राम उसे रगड़ रहा था। राम अपनी कमर को भी हिला रहा था, जिससे उसका टाइट लण्ड रूबी के चूतरों पे रगड़ खा रहा था। रूबी अपने आपको रामू से छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
रूबी- छोड़ो रामू, वरना मैं पापा को बता दूंगी।
रामू- बीवीजी, हम आपसे बहुत प्यार करते हैं। कब से आपको बताना चाहते हैं। आज मौका मिला है। आप भी हमसे प्यार करती हो ना?
रूबी- क्या बात करते हो रामू? मैं तुम्हारी मालेकिन हूँ। तुम यह सब कैसे सोच सकते हो?
रामू- तो क्या आप जो हमें देखकर मुश्कुराते हो वो सब झूठ है?
रूबी- वो तो मेरी नेचर ही मुश्कुराने की है रामू। तुम गलत ले गये इस बात को।
राम- “नहीं बीवीजी। हम गलत नहीं है। हमें पता है आप हमसे प्रेम करते हो। पर किसी और की बीवी हो इसलिए आप मना कर रही हो.." राम जानता था की रूबी इतनी जल्दी हाथ में नहीं आएगी। उसने रूबी की कमर को और जोर से अपने लण्ड से सटा लिया।
रूबी को उसके मोटे लण्ड का एहसास अपनी गाण्ड पे हो रहा था। पहले तो रूबी अपने आपको बचाने की भरपूर कोशिश कर रही थी। पर रामू की ताकत के सामने उसकी ताकत तो कुछ भी नहीं थी। ऊपर से उसका एक उभार रामू के हाथ में मसला जा रहा था और लण्ड चूतरों पे चोट कर रहा था। इतने टाइम से रूबी के जिश्म को किसी मर्द ने नहीं छुआ था। इससे यह हुआ कि कुछ देर स्ट्रगल करने के बाद रूबी की कोशिशें नाकाम होने लगी। उसका विरोध धीरे-धीरे काम होने लगा था।
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