RE: Kamukta Story प्यास बुझाई नौकर से
रूबी- प्लीज रामू छोड़ो मुझे, मम्मीजी आ जाएगी।
रामू- “बीवीजी आप बहुत सुंदर हो। आपको छोड़ने का दिल नहीं करता..."
रूबी की काफी मिन्नते करने पे भी राम नहीं उसे नहीं छोड़ता। रूबी कहती है- “राम् तुम सच में हमें प्रेम करते हो?"
राम- जी बीवीजी।
रूबी- अगर प्रेम करते हो तो अपनी बीवीजी का कहना नहीं मानोगे?
रामू- बीवीजी आपके के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं।
रूबी- मेरी बात मानो, मुझे जाने दो।
राम-आप बाहर निकल जाओगी बीवीजी। इतने दिन से मैं अपनी बात कहने की कोशिश कर रहा था। आज मौका मिला है तो इसे व्यर्थ नहीं जाने दूंगा।
रूबी- ठीक है बात करनी है तो करो, पर मुझे छोड़ो पहले।
रामू- आप बाहर तो नहीं भाग जाओगी?
रूबी- नहीं भागती बाबा।
रामू- मेरी कसम खाकर बोलो।
रूबी पीछा छुड़ाने की कोशिश में- "तुम्हारी कसम रामू, मैं नहीं भागूंगी।
राम अपनी पकड़ ढीली कर देता है और रूबी झटके से अपने आपको उससे अलग कर लेती है और उसकी तरफ पलट जाती है। रूबी और रामू की नजरें मिलती हैं। रामू अपनी खूबसूरत मालेकिन को निहारने लगता है। रूबी को राम् की आँखों में उसे पाने की हसरत दिखाई देती है। तभी राम उसकी आँखों में आँखने डाले बोलता है।
राम- बताओ ना बीवीजी आप हमसे प्रेम नहीं करते क्या?
रूबी शर्मा जाती है और अपनी आँखें नीचे कर लेती है।
रामू- बताओ ना बीवीजी? मालेकिन कभी भी वापिस आ सकती हैं, और दुबारा शायद कभी हमें मौका ना मिले बात करने का।
रूबी- रामू पता नहीं तुम क्या बोल रहे हो? मेरे दिल में तुम्हारे लिए ऐसा कुछ नहीं है। और जिसे तुम प्रेम बोलते हो वो कुछ और है। और ऐसे कोई लड़की किसी से प्रेम नहीं करती। उसका दिल जीतना पड़ता है। तब वो प्रेम करती है।
रामू ने सोचा- “अगर उसमैंने सीधे चोदने की बात की तो शायद बात ना बने, तो वो अपनी बातों से पटाने की कोशिश करने लगा, जिसमें वो निपुण था..
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