RE: Kamukta Story प्यास बुझाई नौकर से
इधर रूबी की हालत बुरी थी। हरदयाल के कारण रामू उसे अधूरा छोड़ गया था। अगर कुछ देर रामू उसके उभारों को मसलता तो वो चरमसुख पा लेती। वो अपनी चूत की आग ठंडी करने के लिए बाथरूम में जाती है और उंगली से चूत को शांत करने की कोशिश करती है। गरम तो वो पहले से ही थी कुछ ही सेकेंड में उसकी चूत पानी छोड़ देती है और रूबी का जिश्म ठंडा पड़ने लगता है। उसके बाद रूबी नहाती है और उसे नींद आने लगती है। अपने रूम में ही वो कम्बल लेकर कुछ देर के लिए सो जाती है।
इधर रामू भी अपना काम खतम करके अपने रूम की तरफ भागता है। रूबी के मुलायम नरम उभारों का स्पर्श उसे अभी भी अपने हाथों पे महसूस हो रहा था। वो जल्दी से अपने लण्ड को शांत करना चाहता था। रूबी के बारे में सोचते हुए वो अपना वीर्य निकाल देता है।
इसके बाद दोनों अपने-अपने कामों में बिजी हो गये। राम सोचता है आज तो उसे टाइम मिल गया, कल कैसे मिलेगा। वो कल को और आगे बढ़ना चाहता था। उसके पास सिर्फ दो दिन ही बचे थे और फिर सीमा ने काम पे वापिस आ जाना था। उसे कल के लिए कुछ तो प्लान करना था। किसी तरीके से मालिक और मालेकिन दोनों को किसी काम में बिजी करना होगा। मालिक तो खैर किसी काम में बिजी हो जाएंगे पर मालेकिन का क्या करे? खैर, वो दिन भी निकल जाता है।
उधर रूबी भी सोचती है की उनके पास तो अब सिर्फ दो दिन ही बचे हैं, और उन्हें कोई चान्स नहीं मिलने वाला है मिलन करने का। सोचते-सोचते दिन बीत जाता है।
इधर राम के दिमाग में प्लान तैयार होता है हरदयाल को बिजी करने का। अंधेरे में वो ट्रैक्टर की तेल की टंकी में मिट्टी डाल आता है। अब कल सुबह जब हरदयाल ट्रैक्टर स्टार्ट करेगा तो उसे पता चलेगा। ट्रैक्टर ठीक करवाने में उसको कम से कम दोपहर हो जाएगी। हरदयाल का तो राम ने क्लियर कर दिया था। पर मालेकिन का क्या किया जाए? उसका काम तो रूबी ही कर सकती है। यही सोचते हए रामू रूबी के फोन का इंतेजार करता है। उसे पूरा यकीन था की जिस हिसाब से रूबी उससे सहयोग कर रही थी वो उसके लिए तड़प रही होगी।
रामू से टाइम पास नहीं हो रहा होता। लेकिन अभी तो रात के 8:00 बजे का टाइम ही हुआ था तो रूबी तो खाना बनाने में बिजी थी। राम अपना खाना लेने के लिये घर के दरवाजे पे दस्तक देता है। रूबी उसे खाना देती है तो राम की नजरें उसकी तरफ ही रहती हैं की कब वो अपनी नजरें उससे मिलाए और वो इशारा कर सके। तभी रूबी जो की अभी तक अपने दिल पे काबू रखते हुए अपने प्रिय से आँख नहीं मिलती। पर खाना डालकर वापिस जाने के टाइम आँख मिला लेती है।
राम उसी टाइम अपने हाथ से उसको फोन करने का इशारा कर देता है और वापिस रूम में चला जाता है। इधर खाना खाने के बाद सभी टीवी देख रहे होते हैं, और उधर रामू का टाइम पास नहीं हो रहा होता। उसे तो बस रूबी के फोन का इंतेजार था। रात के 9:30 बज गये तो राम से रहा नहीं गया और उसने रूबी के फोन पे बेल मार दी। रूबी का फोन उसके हाथ में वाइब्रेशन मोड पे था तो सिर्फ उसे ही रामू के फोन का पता चला।
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