RE: Kamukta Story प्यास बुझाई नौकर से
रामू- शुक्रिया रूबी जी।
रूबी- शुक्रिया किस बात का?
राम- अपने हमें अपने होंठों का रस पीने दिया, और उभारों को मसलने दिया इसलिए। आपको भी मजा आया था ना रूबी जी?
रूबी- हाँ।
राम- तो फिर आपको हमारा भी शुक्रिया करना चाहिए। आखीरकार, हमने ही तो आपको मजा दिया था।
रूबी रामू की मासूम सी बातों पे हँसते हुए- “शुक्रिया रामू जी."
राम- सच में रूबी जी मैंने अपनी जिंदगी में इतने रसीले होंठ कभी नहीं चूसे थे और आपके रूई जैसे नरम उभारों का एहसास मैं अपने हाथों में अभी भी महसूस कर सकता हूँ।
रूबी- अच्छा जी। झूठ बोलना तो तुमसे सीखे कोई।
राम- नहीं सच में आपकी कसम।
रूबी- वो जो 12 औरतों के साथ समंध हैं, उनके नहीं है क्या?
रामू- आपके सामने तो वो कुछ भी नहीं है।
रूबी- लड़की की झूठ-मूठ की तारीफ करना कोई तुमसे सीखे। झूठे कहीं के। ऐसे ही झूठ बोलकर पता नहीं कितनी लड़कियों को पटाया होगा और अब मझे फाँस रहे हो।।
रामू- नहीं रूबी जी, हम आपसे झूठ नहीं बोल सकते। अगर झूठ बोलना होता तो कभी ना बताते की हमारी जिंदगी में और भी लड़कियां आई हैं। आपसे से तो हम कभी झूठ नहीं बोल सकते।
रूबी पे राम की बातों का जादू हो रहा था। उसकी मासूम सी सीधी बातें रूबी के मन को भा रही थी। रूबी ने कहा- “तो तुमने वो भी 12 लड़कियों से ही किया है आज तक या कम से?"
रामू- जी। हमने सबसे किया है।
रूबी- तो अब तुम्हारा रीलेशन नहीं है उनके साथ क्या?
राम- नहीं रूबी जी अभी भी है। घर जाते है तो मिलकर आते हैं। अब जब भी जाएंगे तब भी मिलेंगे।
रूबी हमसे प्रेम करते हो तो फिर उनका क्यों सोचते हो?
रामू- हम आपसे बहुत प्रेम करते हैं, और हम उनके बारे में नहीं सोचते। वो खुद ही जिद करती हैं मिलने को।
रूबी- “ऐसा क्यों करती है वो? उनको बोलो अपने पति के साथ खुश रहें। उनको बोल दो तुम किसी और के हो.."
और हँसने लगती है।
राम- रूबी जी, मैंने तो कई बार उनको बोला है पीछा छोड़ने के लिये पर वो नहीं मानती। असल में जब कोई आदमी अपनी औरत को चरमसुख देने में नाकाम रहता है और कहीं वो औरत किसी तगड़े लण्ड को भोग लेती है तो बार-बार उसका मन उसी को पाने की चाहत रखता है।
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