RE: Kamukta Story प्यास बुझाई नौकर से
रूबी पर्दे की तरफ देखती है तो सच में वो पूरी तरह खिड़की को ढक नहीं पा रहा था। उसकी बस थोड़ी सी अड्जस्टमेंट करनी पड़नी थी।
रामू- मैंने तुम्हारे नंगे चूतरों को धीमी सी रोशनी में देखा है। बस तब से तुम्हारे चूतरों को देखना चाहता हूँ वो बिल्कुल पास से।
रूबी शर्मा जाती है यह सोचकर की राम ने पास से ना सही, पर डिम लाइट में तो उसके नंगे चूतरों के दीदार कर लिए हैं।
रूबी हँस पड़ती है- "तुम बहुत गंदे हो रामू, जो मेरे कमरे में चोरी-चोरी देखते हो। तुमको शर्म नहीं आती क्या?"
राम- आपसे कैसी शर्म?
दोनों काफी देर तक बातें करते रहते हैं और फिर सो जाते हैं। रूबी जब भी आँख बंद करने की कोशिश करती है, उसके सामने रामू का टाइट लण्ड आ जाता है। हालांकी वो खुद चुदवाना चाहती थी, पर इतना मोटा लण्ड लेने के ख्याल से घबरा जाती है। बड़ी ही मुश्किल से उसको नींद आती है।
उस दिन से रूबी रामू के साथ फोन पे काफी खुल बातें करने लगी थी। अब उन दोनों की प्रेमी प्रेमिका की तरह बातें होती थी और रूबी की शर्म भी काफी हद तक खतम हो गई थी। इधर रामू बस इंतेजार करने लगा की कब उन दोनों को अकेले में टाइम मिल पाए। कुछ दिन गुजरते गये। रूबी और रामू दोनों मिलने के लिए तड़प रहे थे। रूबी के दिल दिमाग दोनों पे बस रामू ही छाया हुआ था। उधर रामू भी किसी तरह दिन काट रहा था। दोनों की नजरें एक दूसरे को ढूँढ़ती रहती थी। फोन पे दोनों रोज ही बात करते थे। लेकिन मिलने का कोई प्लान नहीं बन पा रहा था।
पर एक दिन कुछ ऐसा हआ मानो कदरत खद उन दोनों प्रेम करने वालों का साथ दे रही हो। पड़ोस के गाँव से हरदयाल के दोस्त की रिटायमेंट फंक्सन का इन्विटेशन आ जाता है। हरदयाल का दोस्त खुद पूरी परिवार को इन्वाइट करने घर पे आता है, और उन्हें अगले मंडे घर पे फंक्सन अटेंड करने को बोलता है।
हरदयाल उसके फंक्सन में आने का वादा करता है और रूबी और कमलजीत को फंक्सन के लिए तैयार रहने को कहता है। बातों बातों में रूबी को पता चलता है की वो आदमी हरदयाल का खास दोस्त है और पास के गाँव का है। रात को राम के साथ बातें करते-करते रूबी उसे बताती है की अगले मंडे वो सभी पास के गाँव में फंक्सन अटेंड करने के लिए जा रहे हैं।
राम- तो क्या आप भी जा रही हो?
रूबी- हाँ। पापा का खास दोस्त है, सभी को इन्वाइट किया है।
राम- रूबी जी आप मत जाओ ना।
रूबी- पर मैं कैसे मना करूं| मझे तो पापा ने खुद बोला है चलने को।
राम- इतने टाइम से मिले नहीं हैं हम। आप कोई बहाना बना दो उस दिन।
रूबी जो खुद राम से मिलने के लिए तड़प रही थी उसे समझ में नहीं आता की वो क्या बहाना बनाए।
रामू- फिर दुबारा पता नहीं कब टाइम मिलेगा? आपको कुछ करना होगा।
रूबी- पता नहीं, देखते हैं।
राम अपनी कसमें रूबी को देता है और उससे वादा लेता है की उस दिन वो कोई ना कोई बहाना बनाकर घर पे ही रुक जाएगी। दोनों कुछ देर और बातें करते हैं। इधर रामू डिसाइड करता है की वो अब अपने लण्ड का वीर्य नहीं निकालेगा और उसे रूबी के लिए संभाल के रखेगा, और उन दोनों के पहले मिलन पे रूबी की चूत में अपना गाढ़ा वीर्य डालेगा।
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