Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा
01-30-2021, 12:09 PM,
RE: Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा
हरपाल थका हुआ होता है और कहता है- “सुखजीत यार सोने दे, तुझे पता तो है आफिस वालों ने तो हमारी गाण्ड की ऐसी तैसी कर रखी है..."

सुखजीत- अच्छा वो जो मर्जी करें पर आपके पास यहां के लिए टाइम नहीं है?

सुखजीत की ये बात हरपाल समझ जाता है, और फिर चद्दर के अंदर से ही सुखजीत की चूचियों को हाथों में लेकर मसलते हुए बोलता है- “अच्छा ध्यान तो बीवी को देना चाहिए, क्योंकी आदमी सारा दिन काम करके थक जो जाता है...”

सुखजीत भी उसके लण्ड को हाथों में लेकर ऊपर-नीचे करती है और कहती है- “अच्छा अब सारा काम करने के बाद इसमें भी बीवी ही ध्यान दे..."

सुखजीत ये कहकर हरपाल के लण्ड को बाहर निकल लेती है, और उसके ढीले से लण्ड को हिलाने लगती है। इतने बड़े और मोटे लंबे लण्ड के लेने के बाद अब सुखजीत को अपने पति हरपाल का लण्ड जरा सा भी अच्छा नहीं लगता।

सुखजीत के हाथों में आने के बाद अब हरपाल के लण्ड में थोड़ी सी जान आती है। फिर हरपाल सुखजीत के होंठों को चूसना शुरू कर देता है। चूसा चुसाई के बीच सुखजीत चादर के अंदर ही पूरी नंगी हो जाती है। उसकी चूत में जो आग लग रही थी, अब उससे और ज्यादा कंट्रोल नहीं होता। सुखजीत ने खुद ही हरपाल को अपने ऊपर चढ़ा लिया और अपनी दोनों टाँगें खोलने के बाद वो खुद ही हरपाल के लण्ड को अपने हाथ से पकड़कर उसके लण्ड को अपनी चूत पर सेट करके खुद ही नीचे से अपनी गाण्ड हिलाकर अपनी चूत उसके लण्ड से चुदवाने लगती है।

सुखजीत जितनी भी मजे लेने के कोशिश कर रही थी, पर हरपाल के साथ अब सुखजीत को इतना मजा नहीं आ रहा था। पर सुखजीत को पता था, की जब तक वो अपनी आग को शांत नहीं करेगी। तब तक उसे नींद नहीं आएगी। हरपाल का छोटा सा लण्ड सुखजीत की चूत की गरमी के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाया। और करीब 10 मिनट के बाद हरपाल जोर-जोर से सांसें लेता हुआ अपने लण्ड का सारा पानी सुखजीत की चूत में ही निकाल देता है।

सुखजीत का अभी भी कुछ नहीं बना था, पर अब वो हरपाल को भी कुछ नहीं कह सकती थी। क्योंकी जैसे ही हरपाल के लण्ड का पानी निकला था।तभी वो बेड पर गिरकर सो गया था। सुखजीत ये सब देखकर काफी निराश हो जाती है, की अब उसके लण्ड में वो पहले वाली बात नहीं रही है। ये सब सोचते-सोचते सुखजीत भी सो जाती है।

अगला दिन चढ़ जाता है, और फिर हमेशा की तरह सोनू अपने कमरे में ही पड़ा होता है। उधर सुखजीत भी रोज की तरह उठकर अपने काम में लग जाती है। वो थोड़ी अपसेट होती है क्योंकी रात जो हरपाल साथ हुआ था उससे उसका मूड आफ होता है। उधर हरपाल भी डेली की तरह आफिस के लिए निकल जाता है। रीत भी सलवार कमीज पहनकर अच्छी सी बनकर अक्टिवा पर बैठकर स्कूल के लिए चल पड़ती है। आज वो फिर से ज्योति के घर जाती है पर डेली की तरह ज्योति आज बाहर नहीं खड़ी होती है।

अब रीत वहां पहुँचकर हार्न बजती है तो ज्योति टी-शर्ट और निक्कर में बाहर आती है औरर ये देखकर रीत बोलती है- “क्या बात है तूने आज स्कूल नहीं जाना क्या?"

ज्योति- हाँ यार आज तू चली जा।

रीत- पर तुझे हुआ क्या है?

ज्योति धीरे से बोलती है- “यार पीरियड्स आ रखे हैं..”

रीत- तो क्या हुआ यार चल ले।

ज्योति- यार पैड नहीं है और बुरा हाल हो रखा है।

रीत- “चल तू आराम कर मैं जा रही हूँ.” और फिर वो स्कूल के लिए चली जाती है और थोड़ी ही देर में वो स्कूल पहुँच जाती है।

अब रीत वहां पहुँचकर पार्किंग में अपनी अक्टोबा लगा रही होती है और तभी वहां पर वो देखती है की रिंकू अपनी बुलेट पर बैठा होता है। वो उसको देखकर घबरा जाती है की ये यहां पर क्या कर रहा है? और वहां से चलने का करती है। पर जब वो देखती है उसकी तरफ तो वो स्माइल कर देता है। फिर वो जा रही होती है।

तभी रिंकू पीछे से बोलता है- “हाय... फिर आज नहीं जाना बी.एम.डब्लू. में.."

रीत ये सुनकर रुक जाती है और डरती हुई उसके पास आती है और कहती है- “तुम ये क्या कह रहे हो? तुम्हें जरूर गलत फहमी हुई होगी, वो लड़की मैं नहीं कोई और होगी.."

रिंकू- “नहीं। मुझे और गलत फहमी हो ही नहीं सकती है। और मैं ये भी बता दूँ की तुम टेन्शन मत लो क्योंकी मैं ये सब कुछ किसी को नहीं बताने वाला हूँ..”

ये सुनकर रीत की जान में जान आती है और फिर वो वहां से जाने लगती है, तो पीछे से रिंकू उसकी बाजू को पकड़ लेता है।

रीत- ये क्या बदतमीजी है? तुम मेरा हाथ छोड़ो।

तभी रिंकू कहता है- "मेरे पास पिक्स भी हैं, जो की पूब करती है की तुम मलिक को झप्पियां दे रही थी। देख मैं ये सब सोनू को बताने में देर नहीं करूंगा। क्योंकी मुझे किसी का डर नहीं है, और तू फिर देखना क्या होगा तेरे साथ..."

रीत ये सुनकर उससे मिन्नतें करने लगती है और फिर वो उसको अपना फोन निकालकर उसको पिक दिखाता है तो वो जैसे ही पिक देखती है तो उसके होश उड़ जाते हैं।

रिंकू उसके बाद कहता है- “मैं ये सब एक शर्त पर नहीं बताऊँगा?"

रीत- हाँ बता क्या है वो शर्त?

रिंकू- मैं तेरे साथ एक दिन के लिए कहीं जाना चाहता हूँ।

रीत ये बात सुनकर हैरान हो जाती है और फिर उसके पास और कोई भी चारा नहीं होता तो वो उसको मजबूरी में हाँ कर देती है। रिंकू उससे उसका मोबाइल नम्बर ले लेता है और फिर वहां से चला जाता है। और फिर रीत भी स्कूल चली जाती है।
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RE: Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा - by desiaks - 01-30-2021, 12:09 PM

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