RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
नेहा पूरी श्योर थी की 10 दिन के अंदर-अंदर उसे नया मोबाइल मिल जायगा। मगर अभी वो कुछ और सोच रही थी। उसके दिमाग में तो राजीव का लण्ड और उसके मम्मे पर राजीव का हाथ घम रहा था। वो भी अपने शरीर की आग बुझाना चाहती थी। मगर उसको इन लड़कों पर भरोसा नहीं था। ये सब तो बस समय पास के लिए थे। असल में वो फिजिकल होने में घबराती थी, और बस अपनी चूत से खुद ही खेलकर खुश रहती थी। अब भी वो यही करने की सोच रही थी। मगर तभी 'डींग डोंग' दरवाजे की घंटी बजी। नेहा ने दरवाजा खोला। वहाँ उसका छोटा भाई समर था।
नेहा ने पूछा- “अरे समर तू इतनी जल्दी घर आ गया?"
समर- “वो सब छोड़ो दीदी, पहले आप ये बताओ की वो लड़का कौन था, और यहां क्या करने आया था?"
नेहा थोड़ी परेशान हो गई। उसने सोचा नहीं था की समर ने राजीव को देख लिया होगा।
समर- “बताओ ना दीदी, कौन था वो लड़का, जो अभी-अभी यहाँ से गया?” समर ने फिर पूछा। वो जानना चाहता था की एक अजनबी लड़का घर में क्या करने आया था?
नेहा ने दो सेकेंड सोचा- "अरे वो लड़का, वो मेरी दोस्त का दोस्त है, गीता का। उसे गीता ने मुझसे कुछ नोट्स लेने भेजा था.." नेहा ने कहा। उसके दिमाग में जो आ रहा था वो बोले जा रही थी। उससे लगा की समर को बुद्धू बनाना इतना मुश्किल नहीं होगा।
समर- “ओहह अच्छा... मुझे लगा कुछ डेंजर तो नहीं.."
नेहा- “नहीं नहीं समर, इतना मत सोचा कर..” और वो हँसते हुए अपने कमरे की तरफ चल दी।
बाल-बाल बची थी वो। अगर समर 5 मिनट पहले आ गया होता तो गड़बड़ हो सकती थी। मगर उसने अपने को बचा लिया था। अब बस वो अपने कमरे में जाकर अपनी चूत में अपनी उंगलियां घुसाना चाहती थी। उसे अपने जिश्म की प्यास बुझानी थी।
वो कमरे में घुसी और लाक लगा दिया। खिड़कियां बंद कर दीं। कमरे में धीमी लाइट हो गई। उसने एसी ओन किया। माहौल एकदम सेक्सी हो गया था। नेहा मिरर के आगे खड़ी हुई और अपने बदन को निहारने लगी। उसने
एक सिंपल सी सफेद टी-शर्ट और पाजामा पहना था। इतने सिंपल कपड़ों में भी वो स्वर्ग की अप्सरा लग रही थी। गुलाबी दूध जैसा बदन, घने और सिल्की ब्राउन बाल जो उसके चूचियों तक आते थे। काली बड़ी-बड़ी आँखें जो किसी को भी दीवाना बनाने के लिए काफी थी।
गुलाबी फूल की पत्तियों की तरह होंठ, और उसकी फिगर 34-28-36, उसकी पतली फिगर पे वो बड़े-बड़े गोरे मम्मे दुनियां के सबसे अच्छे नजारों में से एक थे। उसने धीरे से अपने चूचियों पर हाथ रखा और उनको दबाया।
आँखें बंद हई और मुंह से “अया" निकली। आँखें खोलकर उसने एक आखिरी बार अपना शरीर देखा। उसे नाज था अपने रूप पर, और उसे पूरा हक था। वो अपने मुलायम बिस्तर पे लेट गई। उसने अपनी टाँगें फैलाई और अपना हाथ अपनी पैंटी में घुसा दिया।
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