RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
यतीन ने माना की उसकी पत्नी थी तो एकदम सेक्सी।
प्रीति को भी लगता था की वो अभी भी बहत संदर लगती है। दिन में ना जाने कितने लोग उसकी तारीफ किया करते थे। अपने पूरे खानदान में अब तक उसकी सुंदरता के चर्चे होते थे। ये सब उसकी खुद की मेहनत का नतीजा था। वो रोज जिम जाती थी। हेल्दी खाना पीना और अच्छा लाइफस्टाइल व्यतीत करती थी। अपने शरीर का पूरा ख्याल रखती थी, और ये उसको देखकर लगता था।
प्रीति- “बोलो ना... क्या मैं तुम्हें सुंदर नहीं लगती?” प्रीति ने पूछा। उसने एक नाइटी पहनी हुई थी।
यतीन मानता था की उसकी बीवी अभी भी पटाका थी। कोई भी आदमी उसके साथ सेक्स करने के लिए कुछ भी कर सकता था। मगर यतीन खुद अब अपनी बीवी से बोर हो गया था। वो प्रीति से प्यार करता था और उसकी परवाह भी करता था। पर अब उसे प्रीति को चोदने का इतना मन नहीं करता था।
असल में यतीन का अपनी सेक्रेटरी के साथ अफेयर था। अफेयर क्या, बस चुदम चुदाई का मामला था। यतीन की सेक्रेटरी, फातिमा, 25 साल की जवान लड़की थी। जिसने अपनी तरक्की के लिए अपनी चूत का सहारा लेने का सोच लिया था। शुरुआत से ही वो अपने बास, यतीन पे डोरे डालती थी। छोटे कपड़े पहनना, फ्लर्ट करना, और अंजान बनकर यतीन को अपना बदन दिखाना। वो तो बस चाहती थी की यतीन उसे चोदे और वो उसपे अपना जादू चला दे।
यतीन ने शुरुआत में अपने आपको रोकने की बहुत कोशिश की। मगर एक रात शराब के नशे में उसने फातिमा को चोद ही दिया। बन गया वो एक बेवफा पति। अगले दिन उसे बहुत बुरा लगा, मगर जो जवान चूत उसने चख ली थी, उसका नशा उसके मुंह से नहीं गया। बस तब से ये चक्कर शुरू हो गया। 6 महीनों से फातिमा के साथ यतीन का अफेयर चल रहा था। फातिमा उसकी हर ख्वाहिश पूरी करती थी और बदले में यतीन भी उसको पैसे, प्रमोशन या गिफ्ट्स से नहलाता था।
मगर जैसे-जैसे उसका फातिमा की चूत में इंटरेस्ट बढ़ा, उतना ही अपनी बीवी में कम हो गया। वो रोज रात को फातिमा को चोदता था, और घर लेट पहँचकर काम का बहाना लगाता था। उसका लण्ड अब इतना जवान नहीं था की एक रात में दो औरतों को चोदे। कभी हफ्तों में एक बार में प्रीति को भी चोद देता था, ताकी उससे शक ना हो। मगर अब उसे अपनी बीवी की चूत में इंटरेस्ट नहीं था। ये सारी बातें उसके मन में घूम रही थी। उससे पता था की वो गलत काम कर रहा है। मगर अब बहुत देर हो चुकी थी।
यतीन- “प्रीति, तुम्हें पता है ना आजकल आफिस में कितना काम होता है?" उसने झूठ बोलना शुरू किया- “शरीर में जान नहीं बचती। तू इतनी सेक्सी है, अगर मेरा बस चले तो रोज सेक्स करूँ। मगर नहीं हो पाता मुझसे...'
प्रीति बेचारी हार के बिस्तर पे लेट गई..” रोज का यही कहना है तुम्हारा। मर्द हो तुम। सेक्स का भूखा होना चाहिये तुम्हें तो..."
यतीन मन में- “भूखा हूँ मैं प्रीति, मगर आजकल मेरी भूख एक जवान चूत बुझा रही है.." और कहा- “कह रहा हूँ ना प्रीति की थका होता हूँ। चल परसों सनडे है ना... छुट्टी है। सनडे को तू जो बोलेगी वो होगा..."
प्रीति खुश हो गई और यतीन से पूछा- “पक्का... प्रामिस."
यतीन- “हाँ बाबा प्रामिस..” यतीन ने कहा- “अब सो जा, और मुझे भी सोने दे..."
प्रीति ने हँसते हुए अपनी आँखें बंद कर ली। एक तरफ एक अंजान बीवी थी जो अपनी चूत की आग बुझाने का बेसब्री से इंतेजार कर रही थी। तो दूसरी तरफ एक बेवफा पति था जो गिल्ट की नदी में बह रहा था, मगर उसका लण्ड अब उसके काबू में ना था। दोनों ही परेशान थे। मगर आगे जो तूफान आने वाला था उससे अंजान थे। तूफान जो उनकी बेटी नेहा लाने वाली थी।
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