RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
समर नर्वस होते हुए अंदर आया। समर अंदर घुस के खड़ा हो गया।
नेहा ने दरवाजा बंद कर दिया और जाकर बेड पे बैठ गई। उसने अपने पास बेड थपथपाते हुए कहा- “यहां आकर बैठ.."
समर को कुछ दिन पहले हुए उसके बेड पे हुए इन्सिडेंट्स याद आए। जब वो अपना लण्ड बाहर निकाले बैठा था
और उसकी बहन उससे खेल रही थी। उसका लण्ड एकदम तना हुआ था। वो बेड पे बैठा।
नेहा ने बोलना शुरू किया- "देख समर, इतने दिन हो गये हैं। हम अभी तक उस रात जो भी हुआ, उसको अवायड कर रहे हैं..."
समर के कान खड़े हो गये। जिसका उससे डर था वही हो रहा था।
नेहा- “हमने जो भी किया था वो सच्चाई है। हम उसको बदल नहीं सकते..." नेहा ने कहा। ये कहते-कहते वो थोड़ा झुक सी गई और सुडौल मम्मे और भी ज्यादा बाहर लटकने लगे।
समर ये देखकर पागल हो गया। कुछ सेकण्ड के लिए तो वो बिना पलक झपकाए अपनी दीदी कू चूचियां ही घूरता रहा।
नेहा- “उस दिन मैंने तुझसे जो कहा था की हम ये सब फिर कर सकते हैं, मुझे लगता है वो मेरी गलती थी.." नेहा ने अपनी शक्ल पे एक उदासी भरा एक्सप्रेशन लेकर कहा- “मुझे लगता है जो कुछ हआ, वो तुझे अच्छा नहीं लगा। तभी तू मुझसे आँखें चुराता रहता है। और मैं ये मानती हूँ, ये मेरी गलती थी। मगर अब कभी ऐसा आगे कभी नहीं होगा..."
ये बात सुनकर समर के कान खड़े और दिल बैठ गया। उसे लगा जैसे कोई बड़ा धक्का लगा हो। हाँ वो डरा हआ था, हाँ वो नर्वस था, मगर वो रात उसकी जिंदगी की सबसे हसीन रात थी। और अपनी दीदी के मुँह से ये सुनकर की अब वैसा वक्त कभी नहीं आयेगा, उसे बहुत बुरा लगा।
नेहा खड़ी हो गई- “मुझे माफ कर दे समर..” उसने कहा- “उस दिन मैं बहक गई थी..” ये बोलते हुए उसने अपने हाथ से कछ नीचे गिराया और जानबूझ के समर के मुँह के सामने गाण्ड बाहर निकालकर झुक गई।
समर की आँखों के एकदम सामने 3 इंच की दूरी पर नेहा की गोल गाण्ड थी। समर हवस में आ गया। उसका मन तो किया की किसी तरह इस गाण्ड को छु ले, उसे चूम ले।
नेहा खड़ी हुई- “मेरी गलती थी की मैंने तुझसे ऐसी बात की। और तेरे लण्ड को छुआ.." नेहा ने- “लण्ड' शब्द पर ज्यादा जोर दिया।
समर का लण्ड, लण्ड सुनकर फटने जैसा हो गया।
नेहा- “मगर तुझे अगर वो अच्छा नहीं लगा। तो अब मैं वादा करती हूँ की अबसे कभी वैसा कुछ नहीं होगा और ना कभी उस दिन का जिकर होगा..” नेहा बोली। कहकर वो मुड़ी और समर की आँख में आँख डालते हुए अपनी कमीज के बटन लगाने लगी। फिर उसने कमर से अपनी शार्ट नीचे की जिससे उसका सेक्सी पेट दिखा।
समर को लगा की बस अब तो लण्ड झड़ ही गया।
नेहा- “जा समर तू नीचे जा। मैं आती हूँ.." नेहा बोली- “और अब घबरा मत, वो रात अब फिर कभी नहीं आयेगी..."
समर उठा और नीचे की ओर चल दिया। वो अपनी बहन के बदन को देखकर उत्तेजित था। मगर उससे ज्यादा वो उदास था। उसका दिल बैठ गया था। आज उसके हाथ से इतना बड़ा मौका निकल गया था। वो चाहता तो अपनी दीदी के साथ उसी रात की तरह और मजे ले सकता था। मगर वो तो फटतू था। उसने एक बार फिर अपनी दीदी के शरीर और उस रात की घठनाओं को याद किया। उसने याद किया किया की उस दिन उसके लण्ड को कितना आनंद आया था। वो समझ गया की वो इस मौके को ऐसे जाने नहीं दे सकता था। उसने मान लिया की वो चाहता है की उस दिन वाला वाकया फिर दोहराया जाए। अब वो अपने लण्ड के बारे में सोच रहा था, अपने बहन भाई के रिश्ते के बारे में नहीं। उसने ठान लिया की वो दीदी को बता देगा की वो क्या चाहता है?
और इस तरह नेहा का प्लान कामयाब हो गया।
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