RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
समर का दिल बिजली की स्पीड से धड़क रहा था। वो तो सुन्न सा हो गया। उसकी समझ नहीं आया की क्या बोले?
नेहा- “बोल क्या बात करनी है तुझे?" नेहा ने थोड़ा जोर से कहा।
समर ने सोचा, अभी नहीं तो कभी नहीं, कहा- “आपने सुबह कहा था ना की मुझे शायद उस दिन जो हुआ था वो पसंद नहीं आया.." समर ने हिम्मत बाँध कर कहा।
नेहा- “हाँ... तो?" नेहा बोली।
समर- “तो वो गलत है..."
नेहा की आँखों में चमक आ गई।
समर- “दीदी, असल में सच्चाई तो ये है की मुझे उस दिन... ..."
नेहा- “तुझे उस दिन क्या समर?"
समर- “मुझे उस दिन बहुत अच्छा लगा था.." समर ने आँख बंद करके बोल ही दिया- “आज तक उस दिन जितना अच्छा कभी नहीं लगा..”
नेहा का शैतान मन मुश्कुरा रहा था- “तो तू क्या चाहता है समर, बोल?" नेहा बोली।
समर- “दीदी... मैं... मैं वो ही चाहता हूँ, जो उस दिन हुआ..” समर ने कहा।
नेहा- “आर यू श्योर... मैंने तुझे कहा था की हम इस बात को भूल सकते हैं..” नेहा ने पूछा।
समर- “हाँ... दीदी। इतना श्योर आज तक और किसी बात को लेकर नहीं हुआ..” उसने कहा। समर बस जो मन में आया वो बोले जा रहा था।
नेहा- “हम्म... ठीक है...” नेहा बोली- “तो चल अपना लण्ड बाहर निकाल..."
“क्या?” समर ने चौंक कर पूछा।
नेहा- “अपना लण्ड बाहर निकाल। तूने ही कहा ना की तू वो सब चाहता है... मैं भी चाहती हूँ वोई... तो निकाल अपना लण्ड बाहर.." नेहा ने बेड पे आराम से फैलते हुए कहा।
समर ने अपना पाजामा नीचे किया। वो अभी भी हिचक रहा था।
नेहा- “देख समर... तुझे मेरी बात माननी तो पड़ेगी। मेरी बात मानेगा तो शायद मैं भी तुझे मजे दूं?" नेहा ने अपने छोटे भाई को टीज करते हुए कहा।
ये बात सुनकर समर उत्तेजित हो उठा। उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं था। मगर पाने के लिए बहुत कुछ था। उसने पाजमा पूरा नीचे कर दिया। अब उसका लण्ड बस अंडरवेर में था और वहां टेंट बनाया हुआ था।
नेहा- “हम्म... लगता है छोटा भाई बहुत उत्तेजित है.." नेहा ने टेंट को देखते हुए कहा- “चल भाई कर दे इसे आजाद अब... देखने दे मुझे इसको..."
समर ने अपनी दीदी की ओर देखा। उसकी आँखें समर के लण्ड की तरफ ही टिकी हई थी। उसने हिम्मत करके अपने कच्छे में हाथ डाला, और एक झटके में उसे नीचे कर दिया।
नेहा की चूत में हलचल होने लगी। उसके मुँह में पानी आने लगा। आँखें बड़ी हो गई। उसके भाई का तना हुआ लण्ड आज फिर से उसकी आँखों के सामने था।
नेहा- “वाउ... समर.” नेहा ने खुले हुए मुँह से कहा- “थोड़ा पास आ ना.."
समर अपनी जगह से चलकर अपनी बहन के करीब खड़ा हो गया। वो अपनी दीदी के सामने एकदम एक्सपोज्ड था और उसे ये करने में मजा आने लगा था।
नेहा- “तेरा लण्ड सच में बहुत सुंदर है..." नेहा की चूत गीली होना शुरू हो गई थी। लण्ड को अपने सामने देखकर वो खुद पे काबू नहीं कर पा रही थी- “कैन आई टच इट.... उस दिन की तरह..” नेहा ने पूछा।
समर तो ये ही चाहता था की दीदी उसका लण्ड अपने हाथों में ले। उसने झट से मुंडी हिला दी। बस... झटके से नेहा ने अपने भाई का लण्ड पकड़ लिया। उसने लण्ड को जकड़ लिया। वो उससे खेलने लगी, ऊपर-नीचे करती, आगे-पीछे करती।
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