RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
समर के दिल में तूफान उठ रहा था। हाथ पैर काँप रहे थे, और होंठ भी। इन्हीं काँपते हए होंठों से उसने पहली बार अपनी बहन के होंठों को पकड़ा। दिल भर आया उसका आनंद से।
"एम्म्म..” नेहा ने मोन किया।
समर ने फिर से नेहा के होंठ को जकड़ा अपने होंठों में, इस बार थोड़ा जोर से। नेहा भी साथ-साथ समर के निचले होंठ को चूसने लगी। समर ने भी ये देखा और वो भी अब नेहा के ऊपरी होंठ को चूसने लगा। समर को अंदाजा भी नहीं था की नेहा के होंठ इतने कोमल होंगे। उसे ऐसा लग रहा था जैसे फूल की पंखुड़ियों को होंठ के बीच रख दिया हो। उसके होंठों का स्वाद रसीला था। उसके लिप ग्लास का हल्का सा टेस्ट भी समर के मुँह में आ रहा था। समर का लण्ड पत्थर से भी कठोर हो गया था। उसका जर्रा जर्रा मस्त होकर कांप रहा था।
नेहा- “ऐसे ही भाई, ऐसे ही चूस मेरे होंठ, अब नीचे वाले को चूस...” नेहा रुक के बोली। उसका भी समर जैसा ही हाल था। चूत में से रस बह रहा था, चूचे तन गये थे।
समर ने अब उसका निचला होंठ अपने होंठों में लिया और उसको एक प्यासे बेबी की तरह चूसने लगा। भाई बहन प्यार में पड़े एक कपल की तरह स्लो रोमांटिक किस कर रहे थे। वो कम से कम 5 मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे के होंठों चूसते रहे। समर तो इस पल में खो ही गया था। ‘
तभी नेहा ने किस तोड़ दी, और कहा- “चलो, एक रोमांटिक किस कैसी होती है, ये तो तू सीख गया.." नेहा ने अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा- “अब तुझे बताती हूँ की एक पैशनेट लस्टी किस कैसे करते हैं?"
समर को तो अपनी किश्मत पे विश्वास ही नहीं हो रहा था
नेहा ने एक नजर अपने भाई के लण्ड पे डाली तो वो थोड़ी हैरान हो गई। वो सच में कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा था और तड़प रहा था। मगर अब तो नेहा उसे और तड़पाने वाली थी। नेहा ने समर को अपनी ओर खींचा “पकलो मुझे...” उसने कहा।
समर- “क्या दीदी... कैसे?” समर कनफ्यूज्ड और नर्वस था।
नेहा ने उसके हाथ पकड़े और उसकी बांहों को अपनी पीठ पर रख दिया। ऐसा करने से नेहा उससे एकदम चिपक गई- “ऐसे पकड़ मुझे। कस के." नेहा ने कहा और उसने खुद समर को जकड़ लिया। ऐसा करने से दोनों के शरीर एकदम चिपक गये। भाई बहन दोनों के बदन को एक अद्भुत एहसास हुआ। नेहा के बड़े-बड़े चूचे सीधा समर की छाती पे दब रहे थे।
समर के मुँह से “ऊवू.." की परम आनंद पुकार निकली। उसके शरीर को पहली बार एक लड़की के चूचों का स्पर्श मिला था। इतने प्यारे चूचे, इतने सुंदर चूचे, इतने कोमल चूचे, उसकी अपनी बहन के चूचे। उसके लण्ड से प्री कम पानी की तरह बह रहा था।
नेहा को भी एहसास था की उसके मम्मे सीधा समर के सीने पे लगे हुए है, और उसको ये करने में बड़ा मजा आ रहा था। पता नहीं समर को ये पता लग रहा था या नहीं? मगर नेहा के निपल भी पत्थर जैसे सख्त हो गये थे। इसका एक और कारण था। समर को शायद पता नहीं चल रहा था की उसका लण्ड कहां लगा हुआ है, मगर नेहा को पूरा एहसास था की उसका लण्ड सीधा उसकी चूत के ठीक ऊपर छू रहा था।
नेहा ने नीचे एक पाजामा और पैंटी पहनी हुई थी मगर समर का लण्ड इतना हार्ड था की नेहा को लग रहा था जैसे वो सीधा उसकी चूत को छू रहा है। आज तक उसके खद के अलावा किसी और ने उसकी चत को टच नहीं किया था, मगर आज उसका अपना भाई उसकी चूत छू रहा था। वो भी अपने लण्ड से। नेहा की फुद्दी गरम हो रही थी, गीली हो रही थी। साथ-साथ समर के लण्ड से निकाल रहा रस भी सीधा उसके पाजामे पे गिर रहा था।
अंजाने में बहन की चूत और भाई के लण्ड के रसों का हल्का सा मिलन हो रहा था। नेहा ने अब होंठों का मिलन कर दिया। मगर इस बार उसने अपना मुँह खोला और अपनी जीभ को समर के मुँह में घुसा दिया, और दोनों के मुँह के रसों का भी मिलन होने लगा।
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