RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
अंजाने में बहन की चूत और भाई के लण्ड के रसों का हल्का सा मिलन हो रहा था। नेहा ने अब होंठों का मिलन कर दिया। मगर इस बार उसने अपना मुँह खोला और अपनी जीभ को समर के मुँह में घुसा दिया, और दोनों के मुँह के रसों का भी मिलन होने लगा।
बहन की जीभ भाई की जीभ से मिली। जैसे ही ये मिलन हुआ, समर हैरान रह गया। उसे बिल्कुल अंदाजा नहीं था की नेहा ऐसा कुछ करेगी। ना उससे पता था की क्या होता है? कैसे होता है? मगर अपनी बहन का स्वाद पाकर तो वो मस्त हो गया। उसने ठान लिया की बिना कुछ सोचे, वो बस इस पल का मजा लेगा। उत्तेजना के शिखर पर बैठा था वो, और मन ही मन अपनी बहन को धन्यवाद दे रहा था।
नेहा खुद सोच में थी। उसके मन में भी हिचकिचाहट थी, डर था, संकोच था, और आभास था की जो वो कर रही है. उससे उन भ बहन का रिश्ता हमेशा के लिए बर्बाद हो सकता था। मगर उसके मन का ये डर, उसकी चूत में लगी आग के सामने छोटा पड़ रहा था। और उससे तो मजा भी आ रहा था।
समर के मुँह के अंदर, नेहा की जीभ घूम रही थी, वो समर के रसों को चख रही थी और समर उसके। समर के तो रोम-रोम में खून का दीरा तेज हो गया था। उसने कभी किसी लड़की को छुआ तक नहीं था। और आज वो अपनी खुद की बहन की जीभ को चख रहा था। ऐसा आनंद, ऐसा खुमार तो सपनों में भी कभी नहीं आया था।
नेहा ने धीरे-धीरे अपनी जीभ से समर की जीभ को चाटना शुरू किया। उनकी जीभे चिपक गई एक दूजे से। ठीक उसी तरह उन दोनों के शरीर चिपके हुए थे। बहन के चूचे भाई की छाती पर दबे हुए थे। और भाई का एकदम तना हुआ नंगा लण्ड बहन की चूत पर दस्तक दे रहा था। दोनों ही एकदम से नशे में डूबे हुए थे। 5 मिनट तक वो ऐसे ही एक दूजे को धीरे-धीरे चूमते रहे। समर ने भी अब अपनी जीभ चलाना सीख लिया। वो भी अब नेहा की टांग को चाटने लगा।
"एम्म... स्लप... एम्म्म... अयाया..." हवस से भरी ये आवाजें निकल रही थी दोनों के मुँह से। साथ में उनके रसों के आपस में मिलने की भी आवाजें आ रही थीं- “एम्म्म... अयाया... एम्म्म..."
धीरे-धीरे उनकी किस की तीव्रता बढ़ने लगी। दोनों की जीभै जो अभी तक आपस में आराम से प्यार कर रही थी। अब वो थोड़ा तेजी से आपस में खेलने लगी, और कुछ ही देर में ये खेलना, लड़ने जैसा लगने लगा। वो इतनी बेचैनी से चूमने लगे मानो अपनी जीभों से लड़ रहे हो। रसों का आदान प्रदान हो रहा था। एक दूसरे के मँह के कोने-कोने को चूम रहे थे दोनों।
उन दोनों की एक दूसरे पे पकड़ और मजबूत हो गई। उन्होंने एक दूसरे को अपने पे और चिपका लिया। भाई बहन अब एक बहुत सालों बाद मिले प्रेमी की भाँति पैशनेट स्मूच कर रहे। ऐसा लग रहा था मानो, जंगली जानवर हों। वो एक दूसरे को खा रहे थे। दोनों की सांसें फूल रही थी मगर कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था। 10 मिनट तक उन दोनों का ये मुँह को खाना चलता रहा।
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