RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
समर की भी यही हालत थी। वो अपनी बहन की शार्टस को ऐसे चाट रहा था मानो उनमें छुपी उसकी चूत को नाप रहा हो। ऊपर से नीचे, लेफ्ट से राइट। वो एक भी कोना छोड़ना नहीं चाहता था। अपने वीर्य में मिला नेहा की चूत का रस उसे बहुत ज्यादा टेस्टी लग रहा था। शार्टस में कैद उसकी चूत की वो पूरी महसूस ले रहा था। उसका लण्ड फिर से झड़ने के लिए तैयार हो गया था।
नेहा- “उम्म्म्म
... यू अरे डूइंग ग्रेट समर। कीप लिकिंग माई शार्टस। आह्ह..” नेहा तो एकदम नशे में खो गई थी।
अब समर ने मुँह खोलकर उसकी चूत पे स्मूच करना शुरू कर दिया। जैसा कुछ पल पहले वो उसके मुँह पे कर रहा था, अब उसी तरह वो उसकी चूत चूम रहा था। नेहा की चूत और ज्यादा मस्ती में आ गई।
नेहा- “ओहह... हाँ आआ... एम्म्म... हाँ..." वो बेचैनों की तरह बेड पे तड़पने लगी। उसने अपनी गाण्ड को हवा में उठाया, और अपनी चूत को समर के मुँह पे धकेलने लगी- “ले। अच्छे से चाट, अच्छे से चूम, रुक मत... रुक मत... आआआ..” वो बोली।
समर कुत्ते के जैसे उसे चाट और चूम रहा था। मुँह खोल-खोलकर उसकी चूत को चूम रहा था। वो मगन हो गया था। अपनी दीदी की चूत की खुशबू में, की तभी उसे नेहा की चूत धड़कती हुई प्रतीत हुई। उसे वो सख्त सी। लगने लगी। नेहा का पूरा शरीर टाइट हो गया। और फिर...
“आआआरर्ररगगघह.." नेहा के मुँह से संतुष्टि, हवस और रिलीफ से भरी एक गहरी चीख निकली। उसका पूरा शरीर काँपने लग गया। नेहा को उत्तेजना और मजे की हद का एहसास हुआ। उसकी चूत फड़क-फड़क के रस बहा रही थी। उसने अपनी जिंदगी का सबसे हसीन आगज्म पा लिया था।
पूरे एक मिनट तक नेहा ऐसी ही तड़पती रही और फिर धड़ाम से बेड पे गिरकर लेट गई। उसकी सांसें बहुत तेजी से चल रही थी। होंठों पे एक संतुष्ट औरत की मुश्कान थी। ऐसा नशा उसे कभी नहीं चढ़ा था।
समर ने ऐसा दृश्य कई बार पोर्न में देख था। जब एक लड़की अपना आगज्म पा लेती है। मगर अपनी दीदी को उस नशे के सागर में डूबते हुए देखकर उसकी आँखें फट गई। क्या सीन था... वो चूत से उठा और जोर-जोर से अपना लण्ड हिलाने लगा। वो भी झड़ने ही वाला था, और- “आहह... दीदी.” उसके मुँह से अपने आप आवाज निकल गई।
नेहा को अपने नशे से होश आया। उसने देखा की समर पागलों की तरह लण्ड हिला रहा है। वो समझ गई की वो झड़ने वाला है। एक पल नेहा उठकर समर के लण्ड के सामने बैठ गई, और कहा- “एक बूंद भी मेरे मुँह से बाहर नहीं गिरनी चाहिये..." नेहा बोली और अपना मुँह खोलकर बैठ गई।
बस यही काफी था। एक के बाद समर के लण्ड से वीर्य की धारें निकालकर नेहा के मुँह में गिरने लगी। नेहा अपने भाई के लण्ड से निकलते इस तूफान को देखकर हैरान हो गई। कम से कम 7-8 शाट्स सीधे नेहा के मुँह में जाकर गिरे, और उसने हँसते-हँसते सब कुबूल कर लिया।
जब आखीरकार समर के टट्टे खाली हो गए तो उसने अपनी आँखें खोली, तो उसने एक बहुत प्यारा सीन देखा। उसकी दीदी मुँह खोले उसके लण्ड के सामने बैठी थी और उसका मुँह सफेद वीर्य से भरा हुआ था। नेहा की आँखों में सेक्स का समंदर दिख रहा था। उसने उठते हुए समर के लण्ड को सहलाया। अब वो दोनों आमने सामने खड़े थे। एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे। दोनों की आँखों में कुछ-कुछ सेम एमोशन्स थे। गिल्ट, डर, उत्तेजना, खुशी, डाउट और हवस।
मगर सबसे ज्यादा एक चीज दिख रही थी- एक दूजे के लिए प्यार।
बिना कुछ कह उन्होंने एक दूसरे को जकड़ा और एक पल में एक दूसरे को चूमने लगे। ये प्यार भरा चुंबन था। नेहा के मुँह में समर का वीर्य और समर के मुँह में नेहा की चूत का रस, आपस में मिल रहे थे, और आने वाले समय में कहीं अजीब और कल्पना से परे घटनाओं की ओर इशारा कर रहे थे।
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