RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
मगर सबसे ज्यादा एक चीज दिख रही थी- एक दूजे के लिए प्यार।
बिना कुछ कह उन्होंने एक दूसरे को जकड़ा और एक पल में एक दूसरे को चूमने लगे। ये प्यार भरा चुंबन था। नेहा के मुँह में समर का वीर्य और समर के मुँह में नेहा की चूत का रस, आपस में मिल रहे थे, और आने वाले समय में कहीं अजीब और कल्पना से परे घटनाओं की ओर इशारा कर रहे थे।
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मम्मी पापा भी तो सेक्स करते हैं रात के एक बज गये थे। नेहा अपने कमरे में लेटी हुई थी। दिन में हुई घटनाओ को याद कर रही थी। इतना कुछ कर लिया समर और उसने आज। वो उत्साहित भी थी और परेशान भी। जब वो दोनों दिन में एक दूसरे को चम रहे थे. समर के मह में अपना रस और अपने मुँह में समर के लण्ड का रस लिए. उनका आदान प्रदान कर रहे थे। जब दोनों होश में आए तो उनको एहसास हुआ की वो क्या कर रहे हैं? नेहा ने फिर उसको अपने कमरे में भेज दिया था। दिन से रात तक, सब नार्मल रहा।
मगर अब नेहा उन पलों के बारे में सोच रही थी। अपने भाई के लण्ड के बारे में। उसने समर को चूमा था, अपनी ढकी हुई चूत पे मुँह लगवाया था। वो अभी भी अपनी चूत मसल रही थी। उसकी गुलाबी साफ चूत साफ्ट हो रखी थी। नेहा को डर था की कहीं वो खुद पर से कंट्रोल खो ना दे। हाँ... उसपे अब सेक्स का भूत सवार हो गया था। मगर क्या खुद के भाई से सेक्स करना ठीक होगा? अब तो समर को इतने वादे भी कर लिए है। और मेरा भी मन कर रहा है आगे बढ़ने का। नेहा कसमकश में थी, और उसकी फुद्दी भी।
समर भी आज नींद से दूर था। क्या-क्या किया आज उसने, इतना कुछ। उसकी लाइफ का सबसे सेक्सी दिन था ये। ये सिर्फ उसकी दीदी का उपकार था। ऐसी दीदी सबको मिले। उसका दिल खशी से उछल रहा था। इंटरनेट पे आज पहली बार वो इन्सेस्ट कहानियां पढ़ रहा था। भाई बहन की चुदाई की कहानियां। क्या हम भी ऐसा कुछ करेंगे? उसका लण्ड तो यही चाहता था, प्री-कम निकल रहा था। मूठ मारते-मारते समर ने एक नई कहानी पढ़ना शुरू किया।
2:00 बज चुके थे। नेहा को अब तक नींद नहीं आ रही थी। उसे प्यास लग रही थी। अपने बेड स्टैंड पे पड़ी बोतल को उठाया उसने, मगर वो खाली थी। उसे गुस्सा आया, क्योंकी अब उसे नीचे किचेन में जाना पड़ेगा। अपना पस्सी-प्ले सेशन रोकना पड़ेगा। चिढ़ते हए वो उठी। एक स्लीवलेश टी-शर्ट और पिंक पाजामे में बहत प्यारी लग रही थी वो। वो नीचे गई, और किचेन में फ्रिज़ से एक बोतल उठाई।
नीचे ही उसके पेरेंट्स, यतीन और प्रीति का मास्टर बेडरूम था। नेहा ने देखा की उनके रूम की लाइट्स ओन थी। उसको याद आया की उसके पापा आजकल लेट आते हैं। वो ऊपर जाने ही लगी थी की एक तेज आवाज आई।
यतीन- “क्या है प्रीति?" यतीन जोर से चिल्लाया था।
नेहा चौंक गई। वो अपने पेरेंट्स के दरवाजे की तरफ बढ़ी। उसे डर था की कहीं कुछ प्राबलम तो नहीं है। वो उनके दरवाजे पे दस्तक देने ही वाली थी की उसने फिर कुछ सुना, जिससे उसके पैर अपनी जगह पे ही जमे रह गये।
यतीन- “जब देखो सेक्स, सेक्स, सेक्स...” यतीन बोला- “तुझे कुछ और नहीं सूझता?"
हैरानी से नेहा का मुँह खुला का खुला रह गया। ये उसके पापा क्या कह रहे थे? उनके मुँह से सेक्स शब्द सुनकर तो नेहा भौचक्की रह गई।
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