RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
एक घंटे के अंदर प्रीति और यतीन घर से निकल गये थे। अब वो दो-तीन घंटे बाद ही आने वाले थे। नेहा ने एक मिनट भी बरबाद किए बिना समर को अपने कमरे में बुलाया।
समर अपने उछलते मन को लेते हए नेहा के कमरे में पहँचा। अंदर घुसते ही उसने पाया की नेहा अपने बिस्तर पे लेटी है। उसके चेहरे पे एक प्यारी सी मुश्कान है, आँखों में चमक है। ध्यान से देखने पे समर ने पाया की नेहा का एक हाथ उसके पाजामे के अंदर हिल रहा था। नेहा उंगली कर रही थी। समर का लण्ड उठने लगा। आज क्या होगा? ये सोच-सोचकर उसके पेट में तितलियां उड़ रही थी।
नेहा- “तेरा इंतेजार कर रही थी तो मुझे लगा की मैं खुद ही शुरू हो जाऊँ.." नेहा बोली। उसने अपना हाथ बाहर निकाला और समर के पास आकर खड़ी हो गई। एक हाथ उसने समर की गाण्ड पे रखा और उसे दबाया, दूसरा चूत के पानी से सना हुआ हाथ उसने सीधा समर के मुँह में घुसा दिया।
आज फिर समर को अपनी बहन की चूत का स्वाद मिला
नेहा- “ले भाई, चख ले मेरी चूत.." नेहा बोली।
समर खो गया उस टेस्ट में, और पागलों की तरह उसे चूसने लगा।
नेहा- “चल समर, आज मुझे तुझको पूरा नंगा देखना है, अपने कपड़े उतार। एक भी कपड़ा नहीं रहना चाहिये..." नेहा ने समर के कान में कहा।
समर ने एकाएक उंगलियां चूसना बंद कर दिया। नेहा ने अपना हाथ बाहर निकाला और समर के आगे बेड के किनारे पे बैठ गई- "स्ट्रिपिंग शुरू कर...” उसने कहा।
समर अभी तक अपनी बहन के सामने पूरा नंगा नहीं हुआ था। हल्की सी शर्म भी आ रही थी उसे। मगर नंगा तो होना ही पड़ेगा, दीदी ने जो कहा है। एक मोशन में उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी। पाजामा भी उतर गया।
अंडरवेर में था। उसके अंदर उसका जागा हआ लण्ड साफ दिख रहा था। नेहा की चत गीली हो गई। समर ने अपने हाथ अपनी अंडरवेर में फँसाए और अगले पल वो एकदम नंगा हो गया।
नेहा की आँखों ने ऐसी दृश्य पहली बार देखी थी। एक मर्द, बिना किसी कपड़ों के... उसके सामने और ये मर्द और कोई नहीं, उसका अपना छोटा भाई था। आग लग गई नेहा के शरीर में। वो अपनी जगह से उठी और समर के पास आई। उसने उसके शरीर को ध्यान से देख। स्लिम और फर्म बाडी थी उसकी। मसल्स कम थीं, मगर फिर भी बहुत अट्रैक्टिव लग रहा था।
नेहा बोली- “जरा घूम तो.."
समर जो अब तक शर्म से लाल हुआ खड़ा था, अपनी बहन के लिए घूमा।
नेहा ने उसकी गाण्ड देखी। जो उसे अच्छी लगी। लण्ड तो उसे पहले से ही भाया हुआ था। वो एकदम समर के पास आ गई- “हाट है तू छोटे भाई..” ये बोलकर वो उसकी बैक पे हाथ फेरने लगी।
समर को थोड़ा प्राउड महसूस हुआ। नेहा धीरे-धीरे उसकी पीठ नोंच रही थी। मगर समर को मजा आ रहा था। नेहा का हाथ फिर सीधा समर की गाण्ड पर गया। वो उसे दबाने लगी।
नेहा- “कल रात को मेरी गाण्ड के बहुत मजे लिए थे ना तू...” वो बोली- “अब मेरी बरी...” ये बोलकर वो उसे
और जोरों से दबाने लगी।
|