RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
समर को राजीव की ये हरकत बहत बेकार लगी। साला ये समझता क्या है मेरी दीदी को। उसका मन कर रहा था की मुँह तोड़ दे उसका। नेहा अब दोनों हाथों से राजीव को हैंडजाब देने लगी। राजीव अब झड़ने के बहुत करीब था।
राजीव- “कीप गोइंग बेबी, कीप गोइंग। आइ एम अबौट टु कम। रुकना मत..."
नेहा ने भी अपनी स्पीड बढ़ाई। ज्यादा तेज हाथ हिलाने से नेहा के खरबूजे भी हिल रहे थे और राजीव ये देखकर पागल हुआ जा रहा था। अब बस वो अपना पानी छोड़ने ही वाला था।
राजीव- “आ गया वीर्य... आ गया वीर्य... टके इट इन युवर माउथ। मेरा पानी पी ले नेहा। प्लीज...” राजीव ने अपने दिल की बात बताई।
समर का दिल जोर से धड़कने लगा। क्या दीदी सच में मुँह में लेगी इस इंसान का पानी? वो ये कतई नहीं देख सकता था।
नेहा ने समर की तरफ देख और फिर उसने धीरे-धीरे अपना मुँह राजीव के लण्ड के पास झुकाना शुरू किया। समर का दिल भी बैठने लगा। ऐसा नहीं हो सकता।
नेहा जब लण्ड के एकदम करीब पहँच गई तब उसने ऊपर राजीव की तरफ देख और कहा- “अभी तेरे इतने अच्छे दिन नहीं आए हैं...” उसने राजीव का हाथ आगे किया और उसे उसके लण्ड के आगे टिकाकर उसका जोर जोर से मूठ मारने लगी। और अगले पल राजीव अपने ही हाथ पर अपना माल छोड़ रहा था। नेहा तब तक उसका लण्ड हिलाती रही जब तक वो एकदम खाली ना हो गया।
राजीव तो थोड़े पलों के लिए खड़ा-खड़ा खो गया। परम आनंद आया था उसे। जब आगज्म की फीलिंग गई तो उसने अपनी आँखें खोली। देखा की उसने अपने हाथ, अपने ही वीर्य से भर दिए थे। नेहा उसकी और मुश्कराते हुए देख रही थी।
नेहा- “मजा आया डार्लिंग? मुझे पता है आया तो होगा ही। अब जाओ, वहां उस तरफ बाथरूम है। खुद को साफ करके आओ, और एक बूंद भी नहीं गिरनी चाहिये फर्श पे..” उसने उसको आर्डर दिया।
राजीव चुपचाप बाथरूम की तरफ चला गया। उसके जाने पर नेहा ने समर की तरफ देखा- “देख कहा था ना की तू ज्यादा स्पेशल है समर, मैंने उसका वीर्य चखा भी नहीं...” उसने बोला। समर भी खुश था ये देखकर। उसका डर गलत साबित हुआ था।
पाँच मिनट बाद राजीव बाहर आया। उसका लण्ड अब भी बाहर था। वो अब बिल्कुल बैठा हुआ था- "मेरा काम तो हो गया नेहा, मगर तुम्हारा क्या? कम ओन, लेट मी प्लेजर यू। मैं भी तुमको आगँज्म करवाता हूँ..” वो इस उम्मीद में था की शायद नेहा उसे अपनी बाडी के साथ खेलने दे।
नेहा- “हाँ.. इट्स ओके राजीव। कहा ना, अभी तुम्हारे इतने अच्छे दिन नहीं आए। जितना मिला आज उतने में खुश रहो...” फिर उसने समर की तरफ देख और कहा- “वैसे भी मेरे पास अपने मजे के लिए और साधन हैं.."
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