RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
राजीव के जाने के आधे घंटे बाद प्रीति और यतीन घर वापस आ चुके थे। राजीव का मन था की नेहा उसके साथ कुछ करे मगर उसकी उम्मीद गलत साबित हुई। पेरेंट्स के आने के डर से नेहा ने कुछ ना करना ही ठीक समझा।
शाम को समर बाहर चला गया। नेहा भी अपने कमरे में अकेले रही। शाम को खाने के टाइम सब नीचे एक साथ आए।
यतीन ने पूछा- “तो हमारे जाने के बाद क्या किया तुम दोनों ने?"
समर ने सोचा- “अगर आपको पता लग जाए तो हार्ट अटैक आ जायेगा पापाजी...”
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नेहा- “कुछ नहीं, मैं तो सोई पड़ी थी। इसका मुझे पता नहीं." नेहा बोली। कूल बनकर झूठ बोलने में तो माहिर थी ही।
समर- "मैं... मैं... मैं टी.वी. देख रहा था...” समर ने कहा।
यतीन- “बस टी.वी. ही देखा, कभी पढ़ भी लिया करो। दोनों के दोनों का हाल बुरा है पढ़ाई में, खास कर समर तेरा। अपने बड़े भाई से कुछ सीखो, यू.एस. जा चुका है...” यतीन अपने बड़े बेटे नवीन की बात कर रहा था और अपने बाकी दो बच्चों को सुना रहा था।
प्रीति- "अरे अभी खाने के वक्त ऐसी बातें मत करो। पढ़ लेंगे हमारे बच्चे..” प्रीति बोली और समर का सिर सहलाने लगी।
ना चाहते हुए भी समर की निगाहें अपनी माँ की चूचियों पर पड़ गई। सब नेहा की वजह से हो रहा था। और नेहा खुद अपने भाई को अपनी माँ के चूचे देखते हुए देख खुश हो रही थी।
शर्मा परिवार डिनर करके उठा। नेहा और उसकी माँ ने किचेन का काम किया। नेहा प्रीति के मुँह पे खुशी देख सकती थी। आखीरकार आज उसका इंतेजार पूरा होने वाला था। इतने दिनों बाद उसकी चूत को लण्ड मिलने वाला था। वो अपनी खुशी नहीं छुपा पा रही थी।
नेहा- “क्या बात है मोम... बहुत खुश लग रही हो?" नेहा को सब पता था फिर भी उसने पूछा।
प्रीति- “बस यूँ ही...” प्रीति ने बोला। अब वो थोड़ी बता सकती थी की आज वो चुदने वाली थी। काम खतम करके प्रीति यतीन के साथ टी.वी. देखने लगी और नेहा ऊपर चली गई।
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