RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
समर अपनी माँ की ऐसी बातें सुन रहा था जो किसी बेटे को नहीं सुननी चाहिये। मगर फिर भी उसका लण्ड खड़ा हो रहा था।
अब प्रीति ने किस तोड़ी और यतीन के कच्छे के अंदर हाथ डाल दिया। कितने दिन हो गये थे उसने अपने पति का लण्ड नहीं देखा था। उसने उसको बाहर निकाला। वो अभी भी बैठा हुआ था। प्रीति बोली- “अरे ये तो अभी भी बैठा हुआ है... लगता है इसे मुझे ही खड़ा करना पड़ेगा..” ये बोलकर वो उसे सहलाने लगी।
बाहर दोनों सब सुन रहे थे। उनके बाप के लण्ड की बात हो रही थी। नेहा की चूत गीली होने लगी। डैडी का लण्ड कैसा होगा? वो सोचने लगी।
प्रीति- “पता है यतीन। कितने दिनों से इस पल का इंतेजार था मुझे। प्यासी थी मैं, तुम्हारे लण्ड के लिए। आज नहीं जाने दूंगी ये मौका। ऐसे चूसूंगी तुम्हारा लण्ड जैसा आज तक नहीं चूसा..."
प्रीति की ये बात सुनकर यतीन का लण्ड झटका।
मगर इससे बुरा हाल तो बाहर नेहा और समर का हो गया। मम्मी डैडी का लण्ड चूसने वाली है... वो इसके लिये भूखी है... वो लोग ये विचार अपने मन में डाल ही रहे थे की।
यतीन की आवाज आई- “ऊवू.” वो अपनी बीवी का मुँह अपने लण्ड पे पड़ने से खुद को रोक नहीं पाया, और उसके मुँह से आनंद की कराहट निकल गई।
ये आवाज सुनकर दोनों भी समझ गये की उनकी माँ अपने काम में शुरू हो गई है। ये सोचकर ही समर के लण्ड से प्री-कम निकलने लगा।
मम्मी डैडी का लण्ड मुँह में लेकर चूस रही है। ये क्या हो रहा है? नेहा भी अपने बाप के लण्ड को इमेजिन करके उत्तेजित हो रही थी। उन दोनों के बीच भी सेक्सुयल टेन्शन बढ़ रही थी। अंदर से अब स्लप-स्लप की आवाजें आ रही थी। ये आवाज प्रीति के मुँह से अंदर-बाहर होते यतीन के लण्ड की थी।
प्रीति- “बहुत सुंदर और स्वादिष्ट है तुम्हारा लण्ड यतीन... स्लर्प-स्लप कैसे बढ़ रहा है मेरे मुँह में... मेरे मुँह को चोदो ना इससे। चोदो ना मेरे मुँह को स्लप-स्लप...” प्रीति चूसते-चूसते ये बोल रही थी।
यतीन भी अपनी बीवी के इस टैलेंट से हैरान था। उसकी सेक्रेटरी सलमा भी रोज उसको ब्लोजाब देती थी। मगर उसकी बीवी आज सलमा को भी मात दे रही थी। शायद ये इतने दिनों से सेक्स ना मिल पाने की आग थी। यतीन ने अपनी पत्नी की बात मानते हए उसके मुँह को चोदना शुरू कर दिया। वो अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा, प्रीति अपना मुँह खोले बैठी रही। 'स्लप-स्लप-स्लप' यतीन के अपनी बीवी के मुँह को चोदने की आवाज बाहर तक आ रही थी।
समर का लण्ड जो कुछ मिनटों पहले ही झड़ा था फिर से पाजामे में टेंट बनाए बैठा था। नेहा की हालत ज्यादा खराब थी। वो तो उत्तेजना में भारी सांसें ले रही थी। सुबह से दो लण्डों से खेल चुकी थी, गाण्ड के बीच लण्ड ले चुकी थी। मगर अभी तक उसे आर्गेज्म प्राप्त नहीं हुआ था। उसके हाथ अपने पाजामो के अंदर चले गये और वो जोरों से उंगली करने लग गई। अंदर से आ रही आवाजें उसे और पागल कर रही थी।
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