RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
समर समझ गया की उसका अच्छा टाइम और अच्छा हो गया है। उसने नीचे देख। नेहा उसकी तरफ देख रही थी, आँखों में चमक थी और मुँह में समर का लण्ड। अपने माँ बाप के खेल को सुनते हुए, समर और नेहा बहुत गरम हो गये थे। नेहा ने अपने मन की इच्छा मान ली और अपने भाई समर का लण्ड मुँह में ले लिया।
समर को जन्नत नसीब हो गई। समर के अंग-अंग में ऐसे झटके लग रहे थे, मानो उसपे बिजली गिर गई हो। ऐसा आनंद, ऐसी फीलिंग आज तक नहीं आई थी। वो दिन आ ही गया जब उसका लण्ड एक लड़की के मुँह में अंदर-बाहर हो रहा था। लड़की जो एक अप्सरा से भी हसीन थी। लड़की जो बला से भी ज्यादा सेक्सी थी। लड़की जो उसकी अपनी बहन थी।
समर- “एम्म्म ... ओहह... ओहह... ओहह... ओहह... एम्म्म... दीदी आहह..” समर अपनी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा था। मगर उसकी आनंदित सिसकियां उसके मुंह से निकलना बंद नहीं हो रही थी। लण्ड की पूरी लंबाई पर, ऊपर-नीचे नेहा का मुँह दौड़ रहा था। समर का पूरा बदन उत्तेजना में कांप रहा था। अंदर उसकी माँ उसके बाप का लण्ड मुँह में लिए चिल्ला रही थी। और यहां उसकी बहन उसका लण्ड मुंह में लिए बैठी थी। कहां से कहां आ गया था ये भाई बहन का रिश्ता।
नेहा का भी हाल ऐसा ही था। निपल पत्थर से भी सख्त हो गये थे। चूत ऐसे बह रही थी जैसे पानी के पाइप में लीक आ गया हो। अपनी हवस के काबू में आकर उसने अपने भाई का लण्ड मुँह में ले ही लिया था, और उसको ये बहुत मजेदर लगा। पहली बार एक लण्ड उसके मुँह में गया था। पहली बार उसे ये स्वाद सीधा उसके सोर्स से चखने का मौका मिला था। वो इसका पूरा मजा लेना चाहती थी। समर के लण्ड को अपने मुँह में और बढ़ते महसूस कर रही थी वो। जैसा आज तक उसने पोर्न में देख था, ठीक वैसा करने की कोशिश कर रही थी।
समर फर्श पर पैर फैलाकर बैठा हुआ था। आँखें बंद, सिर सीलिंग की ओर किए इस स्वर्गीय पल का आनंद ले रहा था। नेहा झुक कर उसे ब्लोजाब दे रही थी। वो घुटनों के बल थी, जिससे उसकी गाण्ड हवा में उठ गई थी।
अपने होंठों को लण्ड पर रैप किए ऊपर-नीचे कर रही थी।
नेहा- “कैसा लग रहा है भाई?” उसने रुक के पूछा। उसके मुँह में लण्ड था, और इसी पोजीशन में वो समर को देख रही थी। वो इस वक्त दुनियां की सबसे सुंदर पोर्नस्टार लग रही थी।
समर- “ओहह... एम्म्म..." समर ने बस इतना ही बोला।
मगर नेहा समझ गई। उसने अपनी चुसाई चालू रखी। उसने अब अपनी जीभ से खेलना शुरू किया। अपनी जीभ से वो लण्ड को चाटने लगी। समीर के लण्ड का हेड जो उत्तेजना में एकदम लाल हो गया था, उसपर जब नेहा की जीभ टकराई तो समर का लण्ड झड़ने को हो गया। उसने बहुत मुश्किल से कंट्रोल किया, क्योंकी वो इस मोमेंट को और खींचना चाहता था।
नेहा को भी बहुत मजा आ रहा था। वो जितना हो सके उतना अपनी आवाजों को दबा रहे थे। अपने माँ बाप के कमरे के बाहर, उनके ही सेक्स खेल को सुनते हुए ये दोनों सिब्लिंग्स अपना सेक्स खेल कर रहे थे। दिल का यही डर, उनके सेक्स आर्गन्स की उत्तेजना बन गया था।
नेहा ने समर के हाथ लिए और अपनी गाण्ड पर रख दिए, और कहा- “तू भी कुछ कर, मेरी गाण्ड से खेल..."
बस ये बोलने की देर थी की समर ने एक झटके में अपने हाथ नेहा की पैंटी में घुसा दिये और उसके चूतड़ों को दबोच लिया।
नेहा को मजा आ गया। अब जैसे-जैसे नेहा समर का लण्ड चूस रही थी वैसे-वैसे ऊपर से समर उसकी गाण्ड को दबोच रहा था। दोनों के मुंह से सेक्स उल्लास के स्वर निकल रहे थे। नेहा का मन किया की काश उसकी चूत की प्यास भी कोई बुझा रहा होता। उसने अपना एक हाथ अपनी चूत तक पहुँचा दिया और उसपर फेरने लगी।
समर की जन्नत और हसीन हो रही थी। अब वो खुद को ज्यादा देर कंट्रोल नहीं कर सकता था। वो नेहा की कोमल गाण्ड को और जोरों से दबाने लगा। उसका हाथ नेहा की गाण्ड के छेद तक पहुँच गया। जैसे ही ये हुआ, नेहा की चूत ने पानी छोड़ दिया। वो काँपने लगी, जैसे उसे करेंट लग रहा हो। अपनी हवस की चीखों को दबाते हुए उसने अपना आर्गेज्म पा लिया।
समर ये देखकर और भी ज्यादा जल गया। उसकी उंगलियां उसकी बहन के गाण्ड का छेद पर थी। उसके मुंह में अभी भी समर का लण्ड था। समर के शरीर में हलचल होने लगी। वो बोलने लगा- “दीदी मैं भी..” मगर उससे पहले ही उसके लण्ड का दूध नेहा के मुंह में झड़ने लगा।
नेहा ने एक पल के लिए भी अपना मुँह हटाया नहीं। बस एक आज्ञाकारी राड़ की तरह एक-एक बूंद निगल गई। जब तक समर के टट्टे खाली ना हो गये, तब तक वो उसका लण्ड निचोड़ती रही।
समर ने सोचा ना जाने उसने क्या अच्छे करम किए होंगे, जो उसे ऐसी बहन मिली। दोनों भाई बहन कुछ पलों तक इसी नशे में रहे, अपनी सेक्स की दुनियां में। मगर एक आवाज ने उनको इस दुनियां से बाहर, असलियत में पहुंचा दिया।
प्रीति- “जल्दी करो यतीन। अब रुका नहीं जाता। घुसा दो अपना मोटा लंबा लण्ड मेरी गीली चूत में..” प्रीति की आवाज आई।
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