RE: Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग
अगले दिन जब दोनों घर पर अकेले थे तब समर ने नेहा को उसके कमरे के बाहर से आवाज दी, पर कोई जवाब नहीं आया। उसने सोचा की शायद वो सो रही है पर जब उसने अंदर देखा तो पता लगा की नेहा दो तकियों के बीच में अपना सिर दबाए कंबल ओढ़े लेटी हुई है। समर ने एक बार फिर जोर से आवाज दी तो नेहा ने उसकी तरफ देखा। नेहा की लाल-लाल आँखें देखकर समर थोड़ा परेशान हुआ।
नेहा ने बड़ी भारी आवाज में बताया की उसे सिरदर्द हो रहा है और ठंड लग रही है, साथ में हाल्का-हल्का पूरा बदन भी दर्द कर रहा है स्पेशली गर्दन और कंधे।
समर- “आपने मेडिसिन ली? और ठंड क्यों लग रही है, कही बुखार तो नहीं है?" समर ने आगे बढ़ाकर नेहा के माथे का टेंपरेचर चेक किया
नेहा - “हाँ ले ली, पर उसे कोई फरक नहीं हो रहा है और बुखार नहीं है बस यूँ ही जैसे बहुत तेज थकान जैसा महसूस हो रहा है। तू कुछ कर सकता है क्या?" नेहा बोली।
समर- “मैं आपकी मसाज कर दूं.. मुझे बहुत अच्छे से आती है.."
नेहा - “कुछ भी कर, पर ये सिर दर्द और थकान दूर हो जानी चाहिए.."
समर- “वो मेरी गारंटी, मैं बस अभी आया..” इतना बोलकर वो रूम के बाहर निकल गया।
समर वापस आया तो उसके हाथ में एक कटोरी में गर्म किया सरसों का तेल, एक बाल्टी में हल्का सा गुनगुना पानी और एक तौलिया था, कहा- “आप आगे आकर सीधा बैठ जाओ और अपनी आँखें बंद करके पूरे बदन को आराम से छोड़ दो..” उसने अपने हाथ से सामान नीचे रखते हुए कहा।
नेहा ने अपना कम्बल हटाया। उसने एक पुरी बांह का शर्ट और ग्रे कलर का Jथ पहना हुआ था। शर्ट फुल साइज का था फिर भी उसके बटन नेहा की चूचियों पर टाइट हो रहे थे।
नेहा - "तू करने क्या वाला है इन सबसे?" नेहा ने समर को पूछा।
समर- “आप बस अपने पाँव इस बकेट में डाल दो...” समर ने पानी का बकेट नेहा के पाँव वाली साइड बेड के पास रखकर बोला।
नेहा ने अपना लोवर घुटनों से ऊपर किया और पाँव बकेट में डाल दिए। समर तेल की बोतल लेकर नेहा के पीछे घटनों के बल खडा हो गया और हाथ में तेल लेकर नेहा के सिर की मसाज करने लगा।
अपने पाँव पर गरम पानी और सिर में गरम तेल की मसाज पाकर नेहा को थोड़ी गर्माहट महसूस हो रही थी। समर की मजबूत उंगलियां नेहा के सिर को अच्छी तरह से मसल रही थी। समर को बहुत अच्छा अनुभव था मसाज का। कुछ देर हाथ चलाने के बाद ही नेहा का सिर दर्द कम होने लग गया था। वो अब काफी आराम महसूस कर रही थी और अब उसे ठंड भी नहीं लग रही थी।
नेहा - “समर, तेरे हाथों में तो वाकई जादू है..."
नेहा के मुँह से तारीफ पाकर समर को अच्छा लगा। उसने उंगलियों को अब थोड़ा अलग-अलग ढंग से घुमाना शुरू किया। नेहा को लग रहा था किसी पर्फेक्ट फिजियोथेरेपिस्ट का हाथ उसके सिर में घूम रहा है।
समर- “आपको अब कैसा महसूस हो रहा है..” समर ने कुछ 7-8 मिनट बाद पूछा।
नेहा - “बहुत ही अच्छा। ऐसे लग रहा है जैसे मेरा सिर दर्द तो गायब हो गया। बस अब ये थकान दूर हो जाए तो मजा आ जाए। वैसे तूने ये सब कहां से सीखा?" नेहा ने जवाब दिया।
समर- “वो भी अभी ठीक हो जाएगा। आप बिल्कुल चिंता ना करो। मैंने इंटरनेट से सीखा ये सब। अब आप खड़ी होकर बैठ जाओ और देखो मेरा कमाल...” समर अपना हाथ सिर से होता हआ नेहा के कंधों पर ले आया। अब वो गर्दन और कंधों की मसाज करना चाह रहा था, पर उसकी शर्ट बीच में आ रही थी।
नेहा - “समर, मैं ये शर्ट उतार देती हूँ..” नेहा बोली।
समर- “हाँ मैं भी यही बोलने वाला था। अगर आप बुरा ना मानो तो मैं खुद अपने हाथ.......” समर ने जानबूझ कर अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
नेहा - “अरे इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है, जब इतना सब कुछ कर ही चुके हैं तो इसमें क्या हर्ज है। चल तू ही खोल दे इस शर्ट को..” नेहा ने जवाब दिया।
समर के दिल में जैसे घंटी बजने लगी। उसके दिमाग में वही बात घूम रही थी की नेहा भी नार्मली रूम में कपड़े नहीं पहनती है। उसे लग रहा था की आज भी नेहा ने ब्रा नहीं पहनी हुई है। वो बहुत ज्यादा खुश हो गया था। नेहा बड़े आराम से अपने दोनों पाँव गर्म पानी की बकेट में डाले हाथों को पीछे करके बेड पर बैठी थी।
समर ने नेहा के सामने आकर शर्ट के सबसे नीचे वाले बटन से शुरू किया। दो बटन खुल जाने पर नेहा का गोरा और कोमल पेट दिखने लग गया। समर के हाथों में हल्का सा कंपन हो रहा था, जैसे-जैसे बटन्स खुलते जा रहे थे समर के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी।
समर ने नेहा के सामने आकर शर्ट के सबसे नीचे वाले बटन से शुरू किया। दो बटन खुल जाने पर नेहा का गोरा और कोमल पेट दिखने लग गया। समर के हाथों में हल्का सा कंपन हो रहा था जैसे-जैसे बटन खुलते जा रहे थे समर के दिल की धड़कनें बढ़ती जा रही थी।
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