RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
उधर तारक के घर..
अंजलि डोर बेल बजाने लगती है....लेकिन जैसे ही गेट पे हाथ रखती है..गेट खुल जाता है...
और वो गेट खोल के अंदर चली जाती है...जैसे ही वो अंदर देखती है...वो चौंक जाती है...और अंदर का नज़ारा देख के उसके दिल में एक ख़ुसी की लहर दौड़ जाती है...
अंदर कमरे में...अंधेरा कर रखा होता है...वैसे तो दिन की रोशनी थी....पर फिर भी काफ़ी अंधेरा था...लाइट सारी बंद थी...
बस छोटी छोटी सुंदर सुंदर कंडेल्स जल रही थी...जिससे घर जगमगा रहा था...
वो देख के अंजलि के मुँह से निकल गया...
अंजलि :- वाहह.....वऊओ...ये सब क्या है...
बॅस इतना ही बोलती है कि तभी वहाँ से तारक एक रोमॅंटिक गाना गाते हुए आता है......उसके हाथ में रोज़ होते हैं...और वो उन्हे हवा में उछालते हुए आता है...और अंजलि के पास आकर...अपना गाना जारी रखता है...और सारे फूल उसके उपर डाल देता है......और अपना एक हाथ अंजलि के कमर पर...और दूसरा हाथ उसके हाथ में पकड़ कर...गाना गाते हुए डॅन्स करने लगता है...
बहुत ही रोमॅंटिक सीन था वो...अंजलि बहुत ही ज़्यादा खुश थी....और उसकी वो खुशी उसकी आँखों में सॉफ झलक रही थी...उसका दिल ...उसके काबू से बाहर हो गया था....
तभी तारक गाना ख़तम करता है..और घुटनो पे बैठ के अंजलि का हाथ पकड़ता है...और उसपे एक प्यारी से किस कर देता है...
अंजलि के बदन एक प्यार भरी लहर दौड़ जाती है....वो आज इतनी खुश थी..कि वो बस अपने मूँह से बयान नही कर पा रही थी...फिर भी वो मदहोश आवाज़ में बोलती है...
अंजलि :- तरक्कक...ये सब क्या...
तारक :- क्यूँ मेरी जान...अच्छा नही लगा क्या...
अंजलि :- अच्छा..नही लगा...
बहुत ही ज़्यादा अच्छा लगा...मुझे तो आज से पहले इतनी खुशी नही हुई...अपने मेरे लिए इतना सब कुछ किया...
और फिर वो तारक को उपर उठा लेती है...और कस कर ..अपने सीने से चिपका लेती है...
सीने से चिपकने की वजह से ...अंजलि के चुचे तारक की छाती में धँस जाते हैं...और तारक भी अपने हाथ अंजलि के पीछे कस लेता है...
कुछ देर ऐसे रहने के बाद....तारक बेकाबू हो जाता है....वो अंजलि के ...शोल्डर पे किस करने लगता है...और फिर अपने आप को थोड़ा पीछे करते हुए...उसकी गर्दन...फिर उसके शोल्डर पर..अपने चुंबनों की बोछार कर देता है...
अंजलि बॅस आहह ओह्ह तारक..आ..कर रही थी...
तभी तारक अंजलि की गर्दन को छोड़ कर उसके मुँह की तरफ बढ़ता है..और पहले उसके गाल..माथे...और आखरी में...उसके होंठ...चूसने लगता है..
अब वो दोनो एक दुरसे को चूमने लगे थे..एक दूसरे के होंठो को...शायद पूरी सोसाइटी में इनसे बढ़िया लिप किस कोई नही कर सकता था....
अब वो दोनो पागलों की तरह एक दूसरे के लिप्स्स को चूस रहे थे...और अपनी जीभ एक दूसरी की जीभ से खेल रहे थे......करीब 10 मिनट तक चलता रहा इनका चुंबन...फिर तारक ने खुद छोड़ा...क्यूँ कि उसकी सांस फूलने लगती थी...
बट जब तारक ने अंजलि को छोड़ा...तो अंजलि उसको अजीब सी निगाहों से देख रही थी..मानो बोल रही हो..छोड़ क्यूँ दिया...
इस वक़्त उसके दिल में जो प्यार उमड़ रहा था...उसको बुझाना बहुत मुश्किल था....
जब एक औरत प्यार करने पर आ जाए..तो कोई भी मर्द उसकी हवस को नही बुझा पाता है..वही हाल इस वक़्त अंजलि का था...
तारक ने बिना देरी करे...अपने पहले कपड़े उतार दिए..और सिर्फ़ एक अंडरवेर में खड़ा हो गया...उसका लंड अंदर से खड़ा हुआ था और बाहर से ही सॉफ सॉफ दिख रहा था...
अपने कपड़े उतारने के बाद.... उसने अंजलि की उपर की कमीज़ उतार दी...और ब्रा भी उतार दी....लेकिन जैसे ही वो उसके चुचों पे हाथ रखने के लिए बढ़ा....अंजलि ने उसका हाथ पकड़ लिया...
तारक:- क्या हुआ अंजलि तुम नही चाहती क्या..
अंजलि :- आप पहले से ही बहुत कुछ कर चुके हो....इस वक़्त में पहले आपको खुश करना चाहती हूँ...
और नीचे बैठ जाती है..और तारक का अंडरवेर नीचे कर देती है..और उसके लंड को अपने हाथ से उपर नीचे करने लगती है...
तारक को स्वर्ग जैसा एहसास होना शुरू हो जाता है...
अब अंजलि तारक के लंड को मूह में लेके चूसना चालू कर देती है..
वो तारक का लंड आधा मुँह में लेती है..और फिर बाहर निकाल देती है...
तारक को बहुत मज़ा आ रहा था...उसके मूँह से हल्की सेी आह निकल रही थी....
फिर अंजलि ने स्पीड बढ़ा दी....और अपना लंड मुँह में अंदर बाहर करना चालू कर दिया...लंड गले तक जाता और फिर बाहर आ जाता....इतनी ज़ोर से चूसने की वजह से अंजलि के बूब्स बुरी तरह आगे पीछे हो रहे थे...
तभी तारक अपना हाथ पकड़ के ... अंजलि के मुँह को पीछे धकेल देता है...
अंजलि :- क्या हुआ तारक...मज़ा नही आया क्या...
तारक :- अंजलि मज़ा..पूछो मत...निकलने वाला था....इसलिए पीछे हटाया है...
अंजलि :- अहहः....
तारक :- अंजलि अब मुझसे रुका नही जा रहा है..
अंजलि :- शरमाते हुई...तो कौन बोल रहा है रुकने का...
बॅस इतना ही बोलती है....कि तारक अंजलि को उपर उठाता है..और उसकी सलवार को उसकी पैंटी के साथ ही नीचे कर देता है...
अब दोनो पूरी तरह नंगे हो चुके थे...अंजलि की चूत में से तो रस बहना शुरू हो चुका था...
तारक से रहा नही जा रहा था..तो वो अंजलि की चूत को चूसना नही चाहता था...बस अपने हाथ को चूत पे रख के उसे मसल दिया...
अंजलि के मुँह से बस....उईईईईईईई माँ...ही निकल के रह गया...
तारक अंजलि को दीवार का सहारा लेकर खड़ा हो गया...
अंजलि :- चलो ना बैठ के करते हैं...
तारक :- बैठ के और लेट के तो रोज़ करते हैं...आज ऐसे ही करेंगे...
अंजलि :- ऐसे ...पर कैसे करेंगे...
तारक :- अभी दिखाता हूँ...
और तारक अंजलि के एक पैर को हवा में उठा लेता है...और अपने लंड को ऊट पे सेट कर के...अंजलि की तरफ़ देखता है...जिसकी आँखों में आज बेपनाह प्यार होता है...
और अपने लंड को चूत में धकेल देता है....आधा लंड चूत में उतर जाता है..
अंजलि :- अहह...ओह....
बस इतना ही निकलता है..क्यूँ कि अब की बार तारक के धक्के से...पूरा का पूरा लंड अंदर चला जाता है....
और बिना रुके जबरदस्त धक्के लगाना शुरू कर देता है...और लंड अंदर बाहर करने लगता है....धक्के इतने ताबड तोड़ थे...कि अंजलि बुरी तरह हिल रही थी...
अंजलि :- अजहह अतरक्कक......अह्ह्ह्ह..ऊहह..माँ
मॅर गैिईईईईईईईई.....और तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़...अहह...हन्णन्न्..और तेज़्ज़....
तारक का लंड पूरा चूत में जाता ...और फिर बाहर आ जाता....
पूछ क्पुच...पच अपच..जैसी ही आवाज़ें आ रही थी.....
दोनो पसीने पसीने हो चुके थे....
तारक के धक्के अब और रफ़्तार पकड़ चुके थे.....
अंजलि :- तारक बॅस में गई......में नही झेल सकतिईइ और्र्र्र्र्ररर....
तारक :- अंजलि में भी आना वाला हूँ....मुझसे तो रहा नही जा रहा...
और अपना सारा रस अंजलि की चूत के अंदर छोड़ देता है...4 या 5 झटके लगते रहते हैं....अंजलि तारक के गरम रस को सहन नही कर पाती...और अपना ढेर सारा पानी छोड़ देती है....
दोनो काफ़ी थक गये थे...तारक अंजलि के पैरों को नीचे रख देता है...और उससे लिपट जाता है...कुछ मिनट बाद...दोनो फिर से होंठों का रस पान करने लगते हैं...
तारक :- अंजलि मज़ा आया ना..
अंजलि :- तारक ऐसा मज़ा..आज तक नही आया...
और दोनो फिर से एक दूसरी की बाहों में सिमट जाते हैं.....
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