RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि डॉली दीदी कोलकाता में एक साफ्टवेयर कंपनी में जॉब कर रही है और मैं अपना बी.टेक. खत्म कर चुका हूँ। मुझे डॉली दीदी की चुदाई किए हुए दो महीने से ज्यादा हो गए थे और हम दोनों में से किसी का भी अभी घर जाने का कोई प्लान नहीं था। सो हम दोनों ने कहीं घूमने जाने का प्लान बनाया। बहुत जगह जाने की बात होने पर लास्ट में पुरी (ओडिशा) जाना फाइनल हुआ। यह जगह हम दोनों को सही लगी और हम दोनों पुरी पहुँच गए।
मैं उससे पहले पहुँच कर उसका इंतज़ार करने लगा। मैं स्टेशन पर बैठा हुआ था कि उसकी ट्रेन आई।
मेरी नज़र डॉली को ढूँढ रही थी कि तभी वो सामने से आती हुई दिखी।
वैसे तो मैं उसको 100 से ज्यादा बार चोद चुका हूँ.. लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों मन नहीं भरा। उसको देखते ही मेरा लंड तो मानो बोल रहा था कि अब मजा आएगा। मेरी सबसे प्यारी चुत जो सामने से गांड हिलाती हुई आ रही थी।
इस वक्त डॉली ने सफ़ेद जींस और काले रंग का टॉप पहन रखा था। जींस और टॉप दोनों एकदम स्किनफिट थे, जिससे कोई भी उसके सेक्सी बदन को देख कर लंड खड़ा कर सकता था। उसकी 38 की चुची दूर से ही उठी और तनी हुई दिख रही थीं। उसका दूध सा गोरा बदन, ऊपर से काला टॉप.. अह.. कयामत लग रही थी.. और उस पर उसके खुले बाल.. तो सोने पे सुहागा लग रहे थे।
मैं उसके पास गया और उसको बांहों में ले लिया। आस-पास वाले लोग हमें ही देख रहे थे, सो हम दोनों जल्द ही अलग हुए।
मैं उसको ले कर पुरी बीच के पास चला गया और वहीं एक होटल में कमरा बुक कर लिया। मुझे सिंगल बेड वाला कमरा मिला था, रूम में जाते ही मैं उससे लिपट गया और उसको अपनी बांहों में भर कर चूमने लगा।
डॉली बोली- थोड़ा तो सब्र करो यार.. हम लोगों को पूरे चार दिन तक अभी मजा ही करना है।
मैं उससे अलग हो गया तो वो बोली- मैं बाथरूम जा रही हूँ, फ्रेश होकर आती हूँ। इसके बाद हम लोग सी-बीच पर घूमने चलेंगे।
वो बाथरूम में जाने लगी और जैसे ही वो दरवाजा बंद करने लगी तो मैंने मना कर दिया- कम से कम दीदार तो करने दो!
उसने हंस कर फ्लाइंग किस दी और बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया। वो अपना टॉप उतारने लगी थी कि तभी बाहर से कमरे के दरवाजे पर किसी चूतिया ने दस्तक दी, तो उसने झट से बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया।
मैंने भुनभुनाते हुए कमरे का दरवाजा खोला तो होटल का स्टाफ था.. रूम साफ करने आया था।
मैंने उसे आने दिया। जब तक उसने रूम साफ किया, तब तक डॉली नहा ली।
जैसे ही वो आदमी कमरे से बाहर गया.. मैंने दरवाजा लॉक लगाया और इसी आवाज को सुनकर डॉली केवल एक तौलिया में बाहर निकल आई।
आह.. मैं तो मन ही मन रूम सर्विस वाले को गाली दे रहा था, लेकिन सारा गुस्सा डॉली के भीगे बदन को देख कर गायब हो गया। उसका भीगा बदन.. ऊपर से पानी की बूंदें.. उसके बदन पर मोती की तरह लग रही थीं। तौलिया में जबरन क़ैद उसकी चुची मानो बोल रही हों कि हमें आजाद कर के बाहर निकाल दो।
मैं आगे बढ़ कर उसकी तौलिया को पकड़ने ही वाला था कि उसने मना कर दिया, बोली- चलो पहले बाहर से घूम कर आते हैं.. ये सब तो रात में मिलेगा ही।
उसने मुझे तरसाते हुए कैपरी और टॉप पहन लिया। मेरे कहने पर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी।
अब आप को बताने की ज़रूरत तो नहीं है कि 38 साइज़ की चुची बिना ब्रा के सिर्फ़ टी-शर्ट में कैसी लग रही होंगी.. आप बस कल्पना कर सकते हैं।
मैं उसके साथ नीचे आ गया और मैं उसकी कमर में हाथ डाल कर चलने लगा। हम दोनों सी-बीच पर आ गए, शाम का टाइम होने के कारण वहाँ बहुत भीड़ थी। डॉली भीड़ के पास बैठने को बोली.. लेकिन मैं उसको थोड़ा भीड़ से थोड़ा दूर एकांत में ले गया।
भीड़ से दूर होते ही मेरा हाथ उसकी कमर से नीचे हो गया और बुरड़ों पर पहुँच गया। मैंने उसके मुलायम बुरड़ों को दबा दिया।
दीदी बोली- अह.. क्या कर रहे हो यार.. कोई देख लेगा!
तो मैं बोला- यहाँ कोई नहीं देखेगा.. सब अपने में मस्त हैं।
यह बोलते हुए मैंने उसके गालों पर किस कर दिया।
वो बोली- चलो कहीं बैठते हैं।
हम दोनों वहीं समुद्र के किनारे भीड़ से दूर रेत पर बैठ गए। अब हमें दूर-दूर तक कोई नहीं दिख रहा था.. तो हम दोनों मस्ती से बैठ गए और बातें होने लगीं।
बातों के बीच-बीच में मैं उसको किस करता जा रहा था.. कभी गर्दन पर, कभी गाल पर, कभी पीठ पर तो कभी-कभी होंठ पर भी चूमता रहा.. कुछ देर ऐसा चलता रहा।
फिर मैं उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया। वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी। मैंने उसके टॉप को थोड़ा ऊपर किया और अब मेरे सामने उसका नंगा पेट था.. सामने सेक्सी सी नाभि थी। मैंने बिना कुछ सोचे समझे उसकी नाभि के पास किस कर दिया।
इस बार वो पूरा सिहर गई.. मतलब मुझे लगने लगा कि अब ये जल्द ही गर्म हो जाएगी। सो मैं रुक-रुक कर उसके पेट पर किस करने लगा, उसकी नाभि में अपना जीभ फिराने लगा और हाथों से उसकी पीठ सहलाने लगा।
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