Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
02-23-2021, 12:14 PM,
#69
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
तड़प बढ़ती गई -1

यह कहानी है 19-20 साल की एक लड़की मंजरी की जिसके घर में उसकी माँ माधुरी, नानी और एक भाई माणिक हैं. आय के नाम पर माधुरी एक प्ले वे स्कूल चलाती है. माधुरी तलाकशुदा है तो इसके साथ नानी और माँ को विधवा पेंशन आती है. घर का गुजारा मुश्किल से चलता है.
ऐसा नहीं कि यह परिवार शुरू से इस हालत में था, यह खाता पीता परिवार था, मंजरी के नाना की हरियाणा के एक गाँव में जमीन थी और वे गाँव के जाने माने वैद्य थे तो अच्छी खासी आय हो जाती थी. माधुरी की शादी भी एक पंजाब के अमीर घर में हुई थी. लेकिन शादी के बाद से ही ससुराल वाले उसे तंग करते थे. इसी बीच माणिक और मंजरी हो गए.
आखिर परेशान होकर माधुरी अपने पति को छोड़ कर अपने पिता के पास आ गई. तलाक का केस सालों चलता रहा, इसी बीच इस गम से माधुरी के पिता बीमार रहने लगे. माधुरी के भाइयों ने घर की जमीन बेच कर कारोबार किया और सारा पैसा कारोबार के नुकसान में चला गया, घर बैंक वालों ने नीलाम करा दिया.
माधुरी को तलाक के फैसले से जो पैसा मिला उससे उसने एक काम चलाऊ घर खरीदा और अपने माँ बाप को लेकर इस घर में आ गई क्योंकि माधुरी के भाई पहले ही अलग घर किराए पर लेकर रहने लगे थे.
ससुराल छोड़ कर आने के बाद माधुरी ने पढ़ाई की और किसी स्कूल में नौकरी करने लगी. किसी कारण से वो स्कूल बंद हो गया तो उसने अपना प्ले वे स्कूल खोल लिया लेकिन वो कुछ ज्यादा अच्छा नहीं चल रहा था.
कुछ समय बाद माधुरी के पिता की मृत्यु हो गई.
अब मंजरी और माणिक कॉलेज में पढ़ रहे हैं. उनके सपने ऊंचे है क्योंकि वे अपने रिश्तेदारों को देखते हैं तो उनका मन भी वैसे ही रहन सहन को करता है. और रिश्तेदार हैं कि पास नहीं फटकते.
मंजरी अब जवान हो रही थी उसका बदन खिलने लगा था, तो उसके दूर के एक मामा के लड़के पुलकित की नजर उस पर पड़ी. पुलकित हरियाणा में ही किसी दूसरे शहर में रहता था, एक घंटे का रास्ता था, उसने अपनी बुआ के घर आना जाना शुरू कर दिया और कुछ ही समय में उसने मंजरी को अपने जाल में फंसा लिया क्योंकि मंजरी में नादानी अभी भी बाक़ी थी.
माधुरी के पास साधारण सा फोन था तो मंजरी उस फोन से पुलकित को मिस काल करके उससे खूब बातें करती थी. कॉलेज जाने के नाम पर वे दोनों बाहर भी मिलने लगे थे. पुलकित मंजरी को रेस्तराँ में ले जाता, खूब खिलाता पिलाता, मंजरी बहुत खुश थी क्योंकि वो खाने पीने की शौकीन थी.
उधर माधुरी पुलकित और मंजरी को भाई बहन समझती थी तो उनकी नजदीकी को भाई बहन का प्यार समझ कर अनदेखा करती थी.
कॉलेज की छुट्टियों में दोनों का मिलना जब मुश्किल होता तो पुलकित अक्सर माधुरी के घर आ जाता था और शाम के धुंधलके में किसी बहाने दोनों स्कूटर लेकर चले जाते और सुनसान सड़क या स्थान पर जाकर खूब चूमाचाटी करते और जितना हो सकता एक दूसरे के बदन का मजा लेते थे.
रात को पुलकित घर में ही रुकता था तो देर रात में भी चुपचाप दोनों घर की छत पर या कहीं और दूसरे कमरे में जाकर सेक्स भरी हरकतें करते थे.
मंजरी ने बहुत बार पुलकित के लंड को अपने हाथ में पकड़ कर देखा था, एक दो बार पुलकित के कहने पर अपने मुंह में लेकर चूसा भी था. पुलकित तो हमेशा ही उसकी अमरूद की सी चूचियाँ दबाता, उसके चूतड़ सहलाता… कपड़ों के ऊपर से ही या हाथ अंदर डाल कर उसकी चूत को सहलाता. वो ये सब कुछ करते रहते थे, मगर कभी भी पुलकित का लंड मंजरी की चूत में नहीं गया था. पुलकित ने यह बात साफ तौर पर मंजरी से कही थी- जिस दिन मौका मिला चोद दूँगा तुझे!
मंजरी भी कहती- यार… मैं तो खुद उस दिन का इंतज़ार कर रही हूँ. पता नहीं वो दिन कब आएगा?
दोनों प्रेमी भाई बहन चुदाई के लिए तड़प रहे थे, मगर उन्हें कोई मौका नहीं मिल रहा था कि दोनों दो जिस्म एक जान हो सकें. अभी तक दोनों ने चाहे कितनी चूमाचाटी की हो या और सब कुछ किया हो लेकिन वो अभी तक चुदाई नहीं कर पाए थे क्योंकि मंजरी को किसी होटल वगैरा में जाकर कमरा लेकर सेक्स करने से डर लगता था.
एक बार पड़ोस में माधुरी के पड़ोस में से शादी का निमंत्रण आया तो मंजरी ने हिसाब लगाया कि उसकी मम्मी और भाई शादी में जायेंगे तो 2-3 घंटे लग जायेंगे, उसने फोन करके पुलकित को सुबह ही बुला लिया और आपस में यह तय कर लिया कि जब उसकी मम्मी और भाई शादी में जाएंगे तो उनके पास कम से कम दो घंटे का वक्त होगा क्योंकि बूढ़ी नानी तो खाना खाकर एक कमरे में जाकर सो जायेगी और उन दोनों को पूरा वक्त मिलेगा घर में ही मस्ती करने का…
रविवार का दिन था, रात को आठ बजे शादी में जाना था तो पुलकित सुबह दस बजे ही उनके पास आ गया. वो पुराने मॉडल का एक आई फोन मंजरी के लिए लाया और यह कह कि उसने नया फोन ले लिया है तो यह पुराना फोन मंजरी को दे दिया. यह काम उसने सबके सामने ही किया ताकि कोई इन दोनों पर शक ना करे.
माधुरी ने इस बात को भाई बहन का प्यार समझ कर सामान्य रूप से लिया और वो खुश हो गई कि वो अपनी बेटी को फोन नहीं दिला सकी थी तो अब यह अच्छा हो गया कि उसके पास भी अपना फोन हो गया.
अब रात हुई तो माधुरी ने सबको शादी में चलने के लिए कहा. नानी तो नहीं जा सकती थी तो उसके लिए माधुरी ने दो रोटी दिन की दाल सब्जी से दे दी.
अब उनके पास स्कूटर एक ही था तो सब एक साथ शादी में नहीं जा सकते थे. मंजरी ने मना कर दिया कि वो शादी में नहीं जाएगी, पुलकित ने भी कह दिया कि उसका जाना ठीक नहीं लगेगा.
लेकिन माधुरी जिद कर रही थी कि दो तीन चक्कर लगा कर सब लोग शादी में जा सकते हैं.
अब मंजरी और पुलकित शादी में नहीं जाते तो उनके खाने की समस्या थी तो यह हल निकाला गया कि पहले मंजरी और पुलकित शादी में जाकर कुछ खा पी आयें उसके बाद माणिक और माधुरी शादी में चले जायेंगे.
सब कुछ मंजरी और पुलकित के मन मुताबिक़ हो रहा था. वे दोनों आठ बजे से पहले ही स्कूटर ले कर निकल गए और पहले तो उन दोनों वे उसी तरह किसी निर्जन सड़क पर जाकर खूब चूमा चाटी की और तय कर लिया कि आज वो सब कुछ कर ही डालेंगे.
यह सब करने के बाद वो शादी में गये और फटाफट चाट टिक्की खाकर घर आ गए.
माधुरी और माणिक उनका ही इन्तजार कर रहे थे, उनके आते ही वे दोनों जल्दी से शादी में चले गए.
जिस लड़के की शादी थी, वो माणिक का दोस्त था तो वे शादी में से देर में ही आने वाले थे, यह बात मंजरी जानती थी.
अब घर में सिर्फ नानी और वे दोनों थे. नौ से ऊपर का वक्त हो गया था. नानी लेट चुकी थी, लेकिन सोई नहीं थी. उनके पास दो ही कमरे थे, एक बेडरूम और एक ड्राइंग रूम.. सब जाने बेडरूम में एक्स्ट्रा चारपाई लगा कर एक साथ सोते थे.
पुलकित के आने से आज नानी अपने आप ही ड्राइंग रूम में बिछे दीवान पर सो गई.
अब मंजरी बाहर का मेन गेट अच्छे से बंद करके बड़े अंदाज़ से मटकती हुई धीरे धीरे आई. सामने ही आँगन में पुलकित खड़ा था, वो उसका पास आई, उसके गले में अपनी बाहें डाल दी, पुलकित ने भी उसकी कमर में अपनी बाहें डाल दी उसे अपनी तरफ खींचा और कस कर अपने सीने से लगा लिया.
दोनों आगे बढ़े और पहली बार पूरी आज़ादी और बेफिक्री से दोनों के होंठ एक दूसरे से मिले. आँगन में खड़े दोनों बहन भाई अब प्रेमी बन चुके थे, और एक लंबे और प्रगाढ़ चुंबन में लिप्त थे.
दोनों के दिल की धड़कन तेज़ थी.
एक लंबे चुंबन के बाद जब दोनों के होंठ अलग हुये, तो मंजरी बोली- यार, नानी अभी जाग रही होगी… पता नहीं उठ कर आ जाए तो? एक बार देख आऊँ!
मंजरी ने पहले जाकर ड्राइंग रूम में देखा, अब पता नहीं नानी जाग रही थी, या सो रही थी. बस एक बार देख कर ही मंजरी पुलकित को अपने रूम में ले गई.
स्लेटी रंग के फूलों वाले प्रिंट की लॉन्ग फ्रॉक पहने मंजरी बहुत खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी. शादी में जाने के कारण उसने लिपस्टिक, बिंदी, काजल और न जाने क्या क्या मेकअप किया हुआ था.
पुलकित तो वैसे ही बहुत गोरा चिट्टा था, तो उसे किसी मेकअप की ज़रूरत नहीं थी.
बेडरूम में जा कर मंजरी बेड के पास जा कर खड़ी हो गई. पुलकित ने पहले बेडरूम की कुंडी लगाई और फिर वो भी मंजरी के पास आ कर उसके पीछे खड़ा हो गया. पुलकित ने उसको कंधे से पकड़ कर अपनी ओर घुमाया, तो मंजरी खुद ही उसके सीने से लग गई.
‘ओह, मेरी प्यारी मंजरी, आज मौका मिला है मुझे तुम्हें अपनी पत्नी बनाने का!’ कह कर पुलकित ने मंजरी को बांहों में जकड़ कर ऊपर को उठा लिया तो मंजरी ने अपनी आँखें बंद कर लीं.
अभी कुछ देर पहले जिस लड़की ने खुले आँगन में अपने प्रेमी को चुम्बन दिया था, अब अपने उसी प्रेमी से शरमा रही थी क्योंकि अब वो जानती थी कि आगे क्या होने वाला है.
पुलकित ने भी बिना कोई और बात किए, मंजरी के लिपस्टिक लगे सुर्ख होंठों पर अपने होंठ धर दिये. जैसे ही पुलकित ने मंजरी का ऊपर वाला होंठ अपने होंठों में लिए, मंजरी ने भी पुलकित का नीचे वाला होंठ अपने होंठों में ले लिया दोनों बारी बारी से कभी ऊपर वाला तो कभी नीचे वाला होंठ चूस रहे थे, दोनों की साँसें तेज़, धड़कन भी तेज़… दोनों ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे को अपनी बाहों में समेटने की ऐसी कोशिश कर रहे थे, जैसे एक दूसरे को खुद में समा लेना चाहते हों.
इसी चूमा चाटी में पुलकित ने मंजरी को पीछे को धकेल कर बेड पे लिटा दिया और खुद भी उसके ऊपर ही लेट गया. पुलकित का तना हुआ लंड मंजरी के पेट पर रगड़ खा रहा था.
पुलकित ने मंजरी के कानों के झुमके, गले की माला सब उतार दिये. एक बार फिर पुलकित झपटा मंजरी पर और उसके गर्दन और कंधों पर यहाँ वहाँ चूमने चाटने लगा.
मंजरी की भी हालत बहुत खराब हो रही थी, वो भी आँखें बंद किए बस ‘आह, आ… स्स… उफ़्फ़…’ ही बोल पा रही थी.
पुलकित ने अपने जूते उतारे, और फिर अपने कपड़े भी उतारने लगा और मन ही मन सोच रहा था कि ‘बस अब सब्र नहीं होता, पहले एक शॉट लगा लूँ, फिर सोचूँगा कि बाद में क्या करना है.’
एक ही मिनट में पुलकित नंगा हो गया. छह इंच का भूरे रंग का तीखा लंड ऊपर को मुँह उठाए हवा में झूल रहा था.
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ - by desiaks - 02-23-2021, 12:14 PM

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